मोदी सरकार के खिलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करते आम आदमी पार्टी

देहरादून- उत्तराखंड द्वारा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के करोड़ों रूपये के घोटाले और केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा उसके संरक्षण के खिलाफ़ मोदी सरकार के खिलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किया और आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर यह मांग करती है कि प्रवर्तन निदेशालय को तुरंत इस कंपनी की जांच शुरू करनी चाहिए। मोदी ने लगातार दावा किया है कि वह काले धन पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं. अगर इस मामले में सच्चाई है तो अमित शाह के बेटे की कंपनी की जांच होनी चाहिए और पूरी जांच का विवरण देश के लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए। यदि मोदी ऐसा नहीं करते हैं तो देश क्यों ना माने कि बीजेपी अध्यक्ष का परिवार ही मनी-लॉड्रिंग में लगा है और केंद्र की मोदी सरकार उन्हें बचाने में लगी है।
देश में सत्ताधारी बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कम्पनी मनी-लॉंड्रिंग में शामिल है, एक न्यूज़ वेबसाइट में छपी ख़बर में मौजूद तथ्यों के हिसाब से बीजेपी अध्यक्ष के बेटे जय शाह की कम्पनी है टैम्पल एंटरप्राइज लिमिटेड, जय शाह इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। अमित शाह की पत्नी सोनल शाह भी पहले इस कंपनी में डायरेक्टर रह चुकी हैं।‘टैम्पल एंटरप्राइज लिमिटेड नामक इस कम्पनी की केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले कोई आय नहीं थी, कोई संपत्ति नहीं थी, कोई मेज़-कुर्सी तक नहीं थी। लेकिन जैसे ही मोदी जी सत्ता में आए तो अमित शाह के बेटे की कंपनी की कमाई 16000 गुना बढ़ गई। अमित शाह के पुत्र की इस कम्पनी के पास जहां साल 2015 में मात्र 50 हज़ार रुपए ही थे, अचानक साल 2016 में कम्पनी की सम्पत्ति 80 करोड़ रुपए हो गई। एक कंपनी जो कई साल से कोई भी बिज़नेस नहीं कर रही थी अचानक उसके अच्छे दिन आ गए और वो कम्पनी रातों-रात करोड़पति हो गई। 80 करोड़ की इस आय में से 51 करोड़ रुपए विदेशी आय से कम्पनी के खातों में आए थे। और फिर ग़जब बात देखिए कि ऐसा बेहतरीन बिज़नेस करने के बावजूद, कंपनी ने अपना काम बंद भी कर दिया। इतना बढ़िया बिज़नेस करने वाली कम्पनी को कोई भला क्यों बंद करेगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि यहां दाल में कुछ काला है? कहीं ऐसा तो नहीं कि ये सीधा-सीधा मनी-लॉंड्रिंग हो जो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने किया है।‘जैसा अमित शाह के बेटे की कम्पनी में हुआ है यह ठीक वही तरीक़ा है जो शेल कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग में लाती हैं। कागज़ों पर ही बनी एक बेकार कंपनी को अचानक भारी लोन मिल जाता है, कभी-कभी तो पैसा विदेशी स्रोतों से भी मिलता है, और लाभार्थियों को पैसे मिलने के बाद अचानक उस कम्पनी का काम-काज बंद हो जाता है ।
क्या बीजेपी अध्यक्ष के बेटे जय शाह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे? इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम राव, जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया, युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्षा सोमेश बुड़ाकोटी, कुलदीप सहदेव, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी, विनोद बजाज, सुदेश चौरसिया, उपमा अग्रवाल, विजय तोमर, सुधीर पन्त, विनय राना, दिनेश पेटवाल, सरिता गिरी, पूजा भल्ला, शीतल चौहान, गायत्री टम्टा, रवीन्द्र पंवार, मनोज बिजणवान, संदीप हैरिस, विपिन खन्ना, वीरेन्द्र कुमार, प्रयाग सिंह नेगी, विपुल पांचाल, शिवाशीष रतूड़ी, प्रियान्शु जैन, दुर्गा, कमल राणा सहित अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे.

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