वयोवृद्ध नेता एन डी तिवारी को 93वां जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी
नई दिल्ली- देश के वयोवृद्ध नारायण दत्त तिवारी को उनके 93वां जन्मदिवस पर हवन किया और परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना कि वह शतायु हो और स्वस्थ लाभ जल्दी हो
उत्तराखंड प्रदेश के जनपद नैनीताल स्थित एक छोटे से गांव पदमपुरी में एक साधारण परिवार में 18 अक्टूबर 1925 को जन्मे नारायण दत्त तिवारी ने अपनी विलक्षण प्रतिभा कार्य के प्रति समर्पण एवं "चरैवेति चरैवेति" को जीवन का मूलमंत्र मानते हुए निरंतर संघर्ष किया आर्थिक दृष्टि से कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि परंतु गजब का आत्मविश्वास एवं सच्चाई ईमानदारी एवं परिश्रम के बल पर आगे बढ़ने की पिता स्वनामधन्य स्वर्गीय पूर्णानंद तिवारी द्वारा दी गई सीख ने कभी कमजोर नहीं होने दिया प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से पूर्ण कर उच्च शिक्षा हेतु इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के संपर्क में आए इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के प्रथम अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त हुआ विलक्षण प्रतिभा को पहचान कर विदेशी मामलों एक्सटर्नल अफेयर्स डिग्री की पढ़ाई हेतु बाहर भेजा गया वापसी
के बाद आप समाजवाद के जनक राम मनोहर लोहिया के संपर्क में आए प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य प्रारंभ किया तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रथम सबसे कम उम्र के विधायक के रुप में जनता द्वारा चयनित होकर आए आपने आचार्य कृपलानी, विनोबाजी, मधु लिमए . जयप्रकाश नारायण , राज नारायण . चंद्र शेखर . पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेई . अच्युत पटवर्धन सरीखे तमाम जन नेताओं के साथ आत्मीय संबंध स्थापित कर दल, जाति, क्षेत्र, भाषा एवं वर्ग की भावना से ऊपर उठकर जनसेवा का असल उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विकसित भारत, रोजगारपरक भारत, युवाओं का भारत और समृद्धशाली भारत बनाने हेतु विभिन्न संवैधानिक पदों पर रहकर आचार्य चाणक्य के राजनीति शास्त्र एवं अर्थशास्त्र की मूल अवधारणा पर निरंतर कार्य करने का उदाहरण प्रस्तुत किया!उत्तरप्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री, उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री केंद्र में वित्त, विदेश एवं गृह मंत्रालयों योजना आयोग के उपाध्यक्ष समेत तमाम महत्वपूर्ण मंत्रालयों एवं पदों को सुशोभित किया पुराने समर्पित राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ जनों, पत्रकारों का यहां तक मानना है कि वर्तमान में मोदी लहर की तरह ही इससे पूर्व 90 के दशक में पूरे देश में तिवारी लहर भी गजब की रही दुर्भाग्यवश नैनीताल लोकसभा सीट से आपका चुनाव हारने से जहां देश की राजनीति ने नई करवट ली वही स्वर्गीय नरसिंह राव भारत के प्रधानमंत्री हो गए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ता बंधुओं से आत्मीय संबंध रखने वाले तिवारी को निजी जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा
उम्र के काफी लंबे पड़ाव पार कर आज आप अस्वस्थ हैं आपके पारिवारिक सदस्य, कार्यकर्तागण एवं सभी चाहने वाले देश के विकास में आपके संघर्ष को याद करते हुए आपके शतायु होने की कामना करते हैं
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