आंचल डेरी ने लांच किया गाय के दूध से निर्मित आंचल घी

देहरादून - प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डाॅ धन सिंह रावत ने आज आंचल डेरी परिसर में डेरी विकास विभाग के दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 देहरादून अन्तर्गत  दुग्ध सहकारी समितियों के आॅटोमेशन (तकनीकि आधुनिकीकरण) हेतु डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलैक्शन यूनिट का प्रदेश के दुग्ध संघों को वितरण तथा ‘ गाय के दूध से निर्मित आंचल घी’ का दुग्ध उपभोक्ताओं हेतु विधिवत प्रारम्भ किया गया। इस अवसर पर मंत्री द्वारा 51 दुग्ध समितियों  को प्रमाण पत्र एवं डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलैक्शन यूनिट भेंट की गई। दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि पांच माह पूर्व जब उन्होने कार्यभार संभाला था तब सभी दुग्ध संघों में दुग्ध का 1.47 लाख ली0 प्रतिदिन दुग्ध का उपार्जन था जो अब बढकर 2 लाख 5 हजार ली0 प्रतिदिन हो गया है। उन्होने कहा कि पांच माह पूर्व तक प्रदेश में 6 दुग्ध संघ घाटे में चल रहे थे, जिनकी संख्या अब घटकर 3  रह गयी है। उन्होने कहा कि जो 3 दुग्ध संघ घाटे में हैं उन्हे भी घाटे से उबारने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होने बताया कि देहरादून जनपद में 3 लाख ली0 प्रतिदिन दूध की खपत है। उन्होने कहा कि प्रदेश में दूध के और अधिक उत्पादन के लिए दुग्ध समतियों को हर सम्भव मदद दी जायेगी। उन्होने बताया कि पंतजलि योग संस्थान को 10 रू0 लीटर के हिसाब से गौमूत्र विक्रय करने की बात चल रही है जिससे गौपालकों एवं कृषकों का इसका लाभ प्राप्त होगा। उन्होेन कहा कि हमारा प्रयास अपने दुग्ध संघों को आत्मनिर्भर बनाने का है , जिसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है। उन्होने कहा कि प्राईवेट दुग्ध विक्रेताओं की दुग्ध सैम्पलिंग का अधिकार आंचल को मिले इसके लिए भी वार्ता चल रही है।  उन्होने कहा कि प्रदेश में  4 हजार समितियों में से 2 हजार 9 सौ समितियां वर्तमान में सक्रिय होकर अपना कार्य कर रही हैं। उन्होने कहा दुग्ध उपभोक्ताओं को आंचल दूध की शूद्धता के बारे में जागरूक करना होगा तथा दुग्ध पालकों को उचित प्रोत्साहन देकर आंचल दूध नम्बर 1 पर आने के साथ ही दुग्ध उपभोक्ताओं को नकली उत्पाद से बचाया जा सकेगा। उन्होने कहा कि दुग्ध के उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल की 20 हजार गाय प्रदेश में लायी जायेंगी, जिसके प्रथम चरण में 1200 गाय लाई जायेंगी। उन्होने दुग्ध समितियों को जो यह 88 हजार रू0 मूल्य वाली डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलैक्शन यूनिट भेंट की। उन्होेने दुग्ध समितियों से मशीन का उपयोग करने तथा उनका अच्छी तरह से रख-रखाव करने की अपेक्षा की है। उन्होने कहा कि भविष्य में दुग्ध संघों को भविष्य में डीप फ्रीजर दिये जाने पर भी विचार किया जा रहा है। उनके द्वारा दुग्ध संघों के सदस्यों की समस्याएं भी सुनी तथा तथा उन पर उचित कार्यवाही करने का भी आवश्वासन दिया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि दुग्ध उत्पादक अच्छी नस्ल के दुधारू पशु पालकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बनायें, उन्होने इसमें महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होना चाहिए। उन्होने कहा कि सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए गम्भीर है, समी के उत्थान के लिए पहले वित्त की व्यवस्था के साथ ही आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। संयुक्त निदेशक डेरी विकास विभाग उत्तराखण्ड जयदीप अरोड़ा ने कहा कि राज्य की 51 दुग्ध समितियों को डाटा प्रौसेसिंग मिल्क कलैक्शन यूनिट मशीन वितरित की जा रही हैं जिससे दुग्ध की गुणवत्ता के साथ ही मूल्य भी प्रिन्ट होगा तथा दूध के गुणवत्ता के अनुसार ही मूल्य मिलने पर उत्पादकों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में दुग्ध संघो हेतु 1164 मशीन आ गयी हैं। उन्होने कहा कि  मशीन के इस्तेमाल उपभोक्ताओं के हित में होगा।  राज्य सहकारी बैंक अध्यक्ष दान सिंह रावत, अध्यक्ष दुग्ध उत्पादन समिति विजय रमोला, मण्डल अध्यक्ष बीजेपी सतेन्द्र सिंह नेगी, सहायक निदेशक डेरी विकास अनुराग मिश्र, प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ मानसिंह पाल  उप प्रबन्धक  कृष्णा वर्मा सहित दुग्ध संघ देहरादून के प्रबन्ध कमेटी के पदाधिकारी एवं अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे

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