लक्ष्मण झूला से राम झूला तक स्वच्छता अभियान


ऋषिकेश-दीनदयाल उपाध्याय एकात्मकता दिवस के परिपेक्ष में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार, नमामि गंगे, राज्य सरकार, नगरपालिका, नगर पंचायत, स्थानीय नेतागण, समाज, संस्थान, शिक्षण संस्थान, विभिन्न धर्मों के धर्मगुरू और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस ने मिलकर हजारों की संख्या में आये स्वच्छता प्रेमी भाई-बहनों ने स्वच्छता नारों, गीतों एवं पपेट शो के साथ लक्ष्मण झूला से राम झूला तक स्वच्छता कार्यक्रम सम्पन्न किया। इस स्वच्छता अभियान में विधिवत लक्ष्मणझूला से रामझूला, वानप्रस्थ तक के क्षेत्र को सात सेक्टर में विभाजित कर हजारों की संख्या में आये स्वयंसेवियों को  स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ’स्वच्छता ही सेवा है’ का संकल्प कराया तत्पश्चात सभी स्वयंसेवक पूरे क्षेत्र को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में जुट गये। स्वामी  के साथ विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं, धर्म प्रेमियों एवं देश प्रेमियों ने सभी का उत्साहवर्धन करते हुये  नरेन्द्र मोदी  के प्रभावशाली उद्बोधनों को सुनाते हुये छात्रों में नई ऊर्जा का संचार किया।इस स्वच्छता अभियान में  स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने गंगा नमामि के निदेशक राधव लंगर  एस एस पी पौडी  जगतराम जोशी  एस डी एम नरेन्द्रनगर,  लक्ष्मीराज चौहान  एस डी एम पौडी  राकेश तिवारी  एस एस पी टिहरी बलजेन्द्र सिंह, केन्द्र एवं राज्य से आये अधिकारीगण, अनेक विदेशी साधक एवं अनेेक गणमान्य लोगों ने सहभाग किया।किसी भी सभ्य एवं विकसित समाज के लिये स्वच्छता के उच्च मानदंड़ों की आवश्यकता होती है। भारत एक निरन्तर प्रगतिशील राष्ट्र है परन्तु उसे सहस्राब्दी विकास लक्ष्य एवं सतत विकास को हासिल करना है तो स्वच्छता के उच्च मानदंडों को अंगीकार
करना होगा और यह तभी सम्भव है जब प्रत्येक भारतीय स्वच्छ भारत मिशन से जुडेगा। स्वच्छता व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा है।  स्कूली छात्रों को स्वच्छता अभियान में शामिल करने का उद्देश्य है कि स्वच्छता को शिक्षण का अभिन्न अंग बनाना ताकि स्वच्छता का समावेश नियम बनकर नहीं बल्कि आचरण बनकर जीवन में समाहित हो। भारत के स्वच्छता परिदृश्य को देखे तो आज भी परिणाम आशाजनक नहीं है। भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने देशवासियों को स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्ध करने के लिये; उन्हे झकझोरने के लिये; भारत माता के प्रति अपनी भक्ति और कर्तव्य को याद दिलाते हुये वंदे मातरम् कहने के हक की बात कही, माँ गंगा में स्नान करने वाले को गंगा सफाई की याद दिलायी। उन्होने कहा था कि स्वच्छ गंगा हमारी बडी आबादी के जीवन में आर्थिक बदलाव ला सकती है। यह हम भारतवासियाें का सौभाग्य है कि महात्मा गांधी  के बाद कोई तो है जो स्वच्छता को लिये प्रतिबद्ध है और दूसरों को भी इसके लिये निरन्तर प्रेरित कर रहा है। मोदी के सपनों को साकार करते हुये 2019 में महात्मा गांधी की 150 वीं जंयती पर स्वच्छ भारत की श्रद्धांजलि भेंट करें।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि ’स्वच्छता वह गहना है जिसके बिना पृथ्वी का सारा श्रृंगार अधूरा है। स्वच्छता को जन आंदोलन के साथ मन आंदोलन भी बनाना होगा तभी हम ऐतिहासिक और अप्रत्याशित बदलाव ला सकते है। स्वच्छता ही सेवा है एवं स्वच्छता ही हमारा संस्कार बने।’विश्व पटल पर योग नगरी के रूप में स्थापित ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला से राम झूला तक सफाई अभियान। माँ गंगा आस्था के केन्द्र के साथ भारत की 40 प्रतिशत आबादी के जीवनयापन का स्रोत भी है।  प्रधानमंत्री, स्वामी एवं पूरी टीम द्वारा गंगा को निर्मल करने का यह अद्वितिय प्रयास अनुकरणीय एवं सराहनीय है।’गंगा नमामि के निदेशक  राघव लंगर  ने कहा कि ’गंगा  भारत की धरोहर है। गंगा की निर्मलता आध्यात्म के साथ आर्थिक दृष्टिकोण से भी नितांत आवश्यक है। प्रधाममंत्री नरेन्द्र मोदी  के स्वच्छता मिशन 2019 को आज गंगा के तट पर जन आन्दोलन के प्रयासों से पूर्ण होते देख रहा हूँ निश्चित ही यह प्रयास स्वच्छता की ओर हमारा ठोस कदम होगा।’ स्वच्छता अभियान के समापन अवसर पर परमार्थ निकेतन माँ गंगा के तट पर  स्वामी एवं सभी अतिथियाें के पावन सानिध्य में वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न हुई।स्वच्छता अभियान में  ऋषिकेश के विद्यार्थी, टैक्सी यूनियन, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, 14 बीघा परमार्थ सिलाई केन्द्र की संचालक रामप्यारी देवी एवं महिला मण्डल एवं परमार्थ परिवार के सदस्यों के साथ अनेक विद्यालय एवं संस्थाओं के सदस्य ने सहभाग किया।

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