पुस्ता डालकर बरसाती नदी की जमीन पर कब्जा
देहरादून– देहरादून के सोडा सिरौली को जोड़ने वाली पुलिया के एक किनारे पर रायपुर विधानसभा खत्म होती हैं। तो दूसरे किनारे पर डोईवाला विधानसभा शुरू होती हैं। यही पुलिया ग्राम सभा और लोकसभा व विधानसभा को भी बांटता हैं। यह गधेरे ऊपर सिरौली गांव से निकलता है जो कि मात्र एक घर ही है वहां पर और नीचे सोडा सिरौली पूरा एक कस्बा बसा हुआ हैं। इसी गधेरा आगे चलकर सॉन्ग नदी से जा मिलता हैं।
इस गधेरेे पर पूरी बरसात में अतिक्रमण करके वहां पर पीठ बनाई जा रही हैं। जो कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की विधानसभा क्षेत्र डोईवाला का हिस्सा हैं। और डोईवाला विधानसभा क्षेत्र का आखिरी हिस्सा हैं। अब सवाल यह है कि 2013 की आपदा की त्रासदी के सात साल बाद फिर से सरकार केदारनाथ क्षेत्र में मरे लोगों की तलाश शुरू कर रही है।
और वही सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश यह भी था कि नदी के 200 मीटर तक कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए लेकिन अब इस ग्राम सभा की नदी पर ही अतिक्रमण करके उसके बहाव को रोकने का कार्य किया जा रहा है तो इसकी जिम्मेदारी भी किसी की बनती है। शासन-प्रशासन की नज़र को यह दिख नही रहा हैं। कि जब यह गधेरा अभी बारिशों के समय फुल चल रहा था। तब भी स्ताााााा पर बांधकर बरसाती नदी की ज़मीन पर कब्जा कर लिया गया हैं। और इस पर पीठ का निर्माण किया जा रहा हैं।
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