पुलिस की गिरफ्त में लाखों की ठगी करने वाले तीन ठग
देहरादून–एहसान अहमद ने शेरपुर थाना सहसपुर में एक लिखित शिकायत दी कि मैंने और मेरे परिचितों ने इन्टरनैशनल एडवर्टाइजिंग कम्पनी का एक एड “गाडी खरीदें आप किस्तें देंगे हम” देखा। इस विज्ञापन को देखने के बाद मैं इन्टरनैशनल एडवर्टाइजिंग कम्पनी के कार्यालय नीलकंठ आर्केड, राजपुर रोड में गया, जहां तीन लोग जिनके नाम क्रमशः राघव गुप्ता, उदित चड्ढा तथा सोहेल अहमद जो तीनों जम्मू कश्मीर के निवासी हैं।ने बताया गया कि हमारी कम्पनी एक नई स्कीम चला रही है, जिसके अन्तर्गत ग्राहक अपनी मनपसंद गाडी, जिसे वो खरीदना चाहते हैं। गाड़ी कि कुल कीमत का 20 प्रतिशत देकर गाडी ले सकते हैं।शेष राशि का 80 प्रतिशत भुगतान हमारी कम्पनी द्वारा किया जायेगा। इसके बदले में इन्हें 05 वर्षों तक प्रचार के लिए कम्पनी का लोगो उस वाहन में लगाना पडेगा। इसके तहत उन व्यक्तियों ने हमसे गाडी की कुल कीमत का 20 प्रतिशत जो अलग-अलग लोगों से डेढ लाख से दो लाख तक है। लिये गये और कहा कि 09- जुलाई आपको कार की डिलीवरी दी जायेगी, इस दौरान आपको 11-11 हजार रूपये की धनराशि का अलग से भुगतान शोरूम में कार बुकिंग के लिए देना होगा।
लेकिन जब हम लोग 09 जुलाई 20 को कम्पनी के उस कार्यालय में गये तो उनका कार्यालय बन्द मिला तथा उन तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन भी स्विच आफ मिले, साथ ही सेंवला कला में जिस फ्लैट में ये लोग किराये पर रहते थे वहां से भी ये सभी लोग फरार थे। इस सूचना पर तत्काल चौकी धारा में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियुक्तों की तलाश के दौरान उनका एक जीप संख्या: जे0के0-01-ए0एफ0-0013 से फरार होना प्रकाश में आया, जिस पर तत्काल् टीमों को उस जीप की तलाश में लगाया गया। फरार अभियुक्तों के मोबाइल लोकेशन के द्वारा अभियुक्तोें का सहारनपुर के रास्ते दिल्ली की ओर जाना प्रकाश में आया। जिस पर तत्काल एक टीम को उन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचकर अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर स्थानीय पुलिस की सहायता से जानकारी प्राप्त हुई की उस वाहन की लोकेशन एम्स हास्पिटल दिल्ली के आप-पास ट्रेस हुई है। जिस पर टीम द्वारा तत्काल उस लोकेशन पर पहुंच कर दिल्ली एम्स के पास पार्किंग में उस वाहन में सवार दो अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि घटना में सम्मिलित हम तीनों लोग देहरादून से एक साथ ही दिल्ली को चले थे, दिल्ली पहुंचकर हमारा एक साथी राघव गुप्ता दिल्ली से सारा पैसा लेकर बस व अन्य माध्यमों से जम्मू की ओर रवाना हो गया है। चूंकि उसके पास सारा पैसा था तथा एक साथ जाने में चैकिंग का भी खतरा था इसी कारण हमने उसे अकेले भेज दिया। जिसके पश्चात हम दोनों की भी अपनी इसी जीप से जम्मू की ओर रवाना होने की योजना थी। पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त वाहन के विषय में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पूर्व में वाहन के सम्बन्ध में थाना सदर, थानापुर श्रीनगर में धोखाधडी का एक अभियोग 205/19 धारा: 120 बी, 379, 420, 406 भा0द0वि0 वर्ष 2019 में दर्ज हुआ है।पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त उदित चडढा ने बताया गया कि उसके द्वारा आईटी से बी-टैक किया गया हैैं। तथा वह जम्मू में गाडियों को खरीदने तथा बेचने का काम करता था। जम्मू में ही उसकी मुलाकात राघव गुप्ता से हुई जो यही कार्य किया जाता था से हुई। राघव गुप्ता से मिलने के बाद उनके द्वारा जल्दी पैसा कमाने के लिये लोगों को सस्ते में गाडी खरीदने के नाम पर झांसे में लेकर उनसे पैसा एंठने की योजना बनाई। योजना में उदित द्वारा अपने एक दोस्त सोहेल को भी शामिल कर लिया जो जम्मू में एक एन0जी0ओ0 में कार्य करता था। योजना के मुताबिक वह सभी मार्च में देहरादून पहुंचे क्योंकि उन्हें पता था कि देहरादून में काफी पैसे वाले लोग रहते हैं। जिन्हें आसानी से झांसे में लिया जा सकता है। योजना के मुताबिक उन्होने सेंवलाकला में एक फ्लैट किराये पर लिया, परन्तु मार्च में अचानक लाॅक डाउन होने के कारण वह अपनी योजना को अमली जामा नहीं पहना पाये। माह जून में अनलाक की प्रक्रिया शुरू होने पर उनके द्वारा राजपुर रोड पर नीलकंठ आर्केड में एक आफिस किराये पर लिया तथा ओयो के माध्यम से उसमें स्टाफ नियुक्त करने के लिए लोगों के आवेदन मांगे, प्राप्त आवेदनों में से हमारे द्वारा दो युवतियों को अपने स्टाफ में तथा एक व्यक्ति को चपरासी के रूप में नियुक्त किया गया। साथ ही समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को सस्ते में कार खरीदने का विज्ञापन प्रकाशित कराये गये। कई लोगों द्वारा उन विज्ञापनों को देखकर हमसे सम्पर्क किया जिन्हें हमारे द्वारा सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर उनसे कार की लागत की 20 प्रतिशत धनराशि अग्रिम धनराशि के तौर पर ले ली गयीं तथा लोगों को गाडी की डिलीवरी करने से पूर्व ही हम सभी पूर्व नियोजित योजना के तहत फरार हो गये।
लेकिन जब हम लोग 09 जुलाई 20 को कम्पनी के उस कार्यालय में गये तो उनका कार्यालय बन्द मिला तथा उन तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन भी स्विच आफ मिले, साथ ही सेंवला कला में जिस फ्लैट में ये लोग किराये पर रहते थे वहां से भी ये सभी लोग फरार थे। इस सूचना पर तत्काल चौकी धारा में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियुक्तों की तलाश के दौरान उनका एक जीप संख्या: जे0के0-01-ए0एफ0-0013 से फरार होना प्रकाश में आया, जिस पर तत्काल् टीमों को उस जीप की तलाश में लगाया गया। फरार अभियुक्तों के मोबाइल लोकेशन के द्वारा अभियुक्तोें का सहारनपुर के रास्ते दिल्ली की ओर जाना प्रकाश में आया। जिस पर तत्काल एक टीम को उन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचकर अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर स्थानीय पुलिस की सहायता से जानकारी प्राप्त हुई की उस वाहन की लोकेशन एम्स हास्पिटल दिल्ली के आप-पास ट्रेस हुई है। जिस पर टीम द्वारा तत्काल उस लोकेशन पर पहुंच कर दिल्ली एम्स के पास पार्किंग में उस वाहन में सवार दो अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि घटना में सम्मिलित हम तीनों लोग देहरादून से एक साथ ही दिल्ली को चले थे, दिल्ली पहुंचकर हमारा एक साथी राघव गुप्ता दिल्ली से सारा पैसा लेकर बस व अन्य माध्यमों से जम्मू की ओर रवाना हो गया है। चूंकि उसके पास सारा पैसा था तथा एक साथ जाने में चैकिंग का भी खतरा था इसी कारण हमने उसे अकेले भेज दिया। जिसके पश्चात हम दोनों की भी अपनी इसी जीप से जम्मू की ओर रवाना होने की योजना थी। पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त वाहन के विषय में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पूर्व में वाहन के सम्बन्ध में थाना सदर, थानापुर श्रीनगर में धोखाधडी का एक अभियोग 205/19 धारा: 120 बी, 379, 420, 406 भा0द0वि0 वर्ष 2019 में दर्ज हुआ है।पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त उदित चडढा ने बताया गया कि उसके द्वारा आईटी से बी-टैक किया गया हैैं। तथा वह जम्मू में गाडियों को खरीदने तथा बेचने का काम करता था। जम्मू में ही उसकी मुलाकात राघव गुप्ता से हुई जो यही कार्य किया जाता था से हुई। राघव गुप्ता से मिलने के बाद उनके द्वारा जल्दी पैसा कमाने के लिये लोगों को सस्ते में गाडी खरीदने के नाम पर झांसे में लेकर उनसे पैसा एंठने की योजना बनाई। योजना में उदित द्वारा अपने एक दोस्त सोहेल को भी शामिल कर लिया जो जम्मू में एक एन0जी0ओ0 में कार्य करता था। योजना के मुताबिक वह सभी मार्च में देहरादून पहुंचे क्योंकि उन्हें पता था कि देहरादून में काफी पैसे वाले लोग रहते हैं। जिन्हें आसानी से झांसे में लिया जा सकता है। योजना के मुताबिक उन्होने सेंवलाकला में एक फ्लैट किराये पर लिया, परन्तु मार्च में अचानक लाॅक डाउन होने के कारण वह अपनी योजना को अमली जामा नहीं पहना पाये। माह जून में अनलाक की प्रक्रिया शुरू होने पर उनके द्वारा राजपुर रोड पर नीलकंठ आर्केड में एक आफिस किराये पर लिया तथा ओयो के माध्यम से उसमें स्टाफ नियुक्त करने के लिए लोगों के आवेदन मांगे, प्राप्त आवेदनों में से हमारे द्वारा दो युवतियों को अपने स्टाफ में तथा एक व्यक्ति को चपरासी के रूप में नियुक्त किया गया। साथ ही समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को सस्ते में कार खरीदने का विज्ञापन प्रकाशित कराये गये। कई लोगों द्वारा उन विज्ञापनों को देखकर हमसे सम्पर्क किया जिन्हें हमारे द्वारा सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर उनसे कार की लागत की 20 प्रतिशत धनराशि अग्रिम धनराशि के तौर पर ले ली गयीं तथा लोगों को गाडी की डिलीवरी करने से पूर्व ही हम सभी पूर्व नियोजित योजना के तहत फरार हो गये।
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