पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिवंगत सांसद को श्रद्धाजंलि अर्तिप की
देहरादून —दिवंगत सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा की 63 वीं जंयती के अवसर पर संघर्ष को सलाम कार्यक्रम रुलक सभागार में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत व पदमश्री अवधेश कौशल ने शिरकत की। कार्यक्रम में लम्बे समय से संघर्षरत अपना परिवार, आगनबाड़ी व ट्रेड़ यूनियनों से जुड़े विभिन्न लोगो को उनके संघर्ष को सलाम करते हुए शाॅल उडाकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पदमश्री अवधेश कौशल ने सम्मानित किया। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि दिवंगत सांसद उत्तराखण्ड़ में संघर्ष की प्रतीक के रुप में जानी जाती है उन्होने मेयर के रुप में देहरादून व उत्तराखण्ड़ को विश्व पटल पर एक नई पहचान दी थी व राज्यसभा सांसद के रुप में उन्होने उत्तराखण्ड़ के सरोकारों को संसद के अन्दर जोरदार ठंग में उठाया था, राज्य निर्माण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है उन्होने कहा कि उनकी संघर्ष की विरासत को आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा आगे बढ़ा रही है ।
जिससें और लोगो को इस तरह के काम करने की प्रेरणा मिलेगी। और कहा कि विभिन्न सरकारों के विरुद्ध निरंतर आवाज उठाने वालों के संघर्ष को सलाम कर सम्मानित करना अपने आप में एक अनुठा कार्यक्रम है। उन्होने कहा कि मैं भी इन तमाम लोगो के संघर्ष को सलाम करता हुॅ। वहीं जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र में मर्यादित विरोध व असहमति का सम्मान किया जाना लोकतंत्र को मुख्य आधार हैै। उन्होने देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था व बेरोजगारी पर अपनी चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि यदि इन सबका शीघ्र समाधान नही किया गया तो हालात बेकाबु हो जायेगें, हमें प्राथमिकता के आधार पर इन कठिनाईयों का समाधान ढूढना होगा, यह भी कहा कि नेहरु, गांधी व स्वतंत्रता आन्दोलन में शहीद हुए लोगो के सपनों का भारत बनाना होगा। वहीं फाउंडेशन अध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि लम्बे समय से अपनी न्योचित मांगों के लिये निरंतर संघर्ष करने वाले लोगो के संघर्ष को सम्मान करना लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करना है। और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के हमारे भाई -बहन ट्रेड़ यूनियन, सामाजिक संगठनों जिनमें 108, आगनबाड़ी, अपना परिवार, उपनल, गैस्ट टीचर व ओएनजीसी की हटधर्मी के विरुद्ध शीला रावत लम्बे समय से संघर्ष कर रही है हमारे राजधानी निर्माण के लिए भी हमारे साथी संघर्ष कर रहे है उनकी आवाज को समर्थन देने के लिए ऐसे सभी लोगो को हम सलाम करते है, दिवंगत सासंद मनोरमा जी ने हमें संघर्ष करना सिखाया था हम उसी पथ पर चलते रहेगें। कार्यक्रम का संचालन नीरज उनियाल ने किया। इस अवसर पर ड़ा. के.के. टम्टा, नीरज शर्मा, महेन्द्र भण्डारी, ड़ा बृज मोहन शर्मा, जय शर्मा, डा मुकुल शर्मा, हाकर्स एसोशिएसन से ललित जोशी, कर्मचारी संगठन में से ठाकुर प्राहलाद सिंह, प्रदीप कोहली, इनामुल हक, चै0 ओमवीर सिंह, भरत सिंह नेगी, पंकज शर्मा, पी.ड़ी. गुप्ता, ओ.पी. सूदी, विरेन्द्र नेगी, सामाजिक संगठन अकिंता तनेजा, अमर सिंह कश्यप, हरीश नागपाल अपना परिवार से पुरुषोत्तम भटट्, गीता नेगी, मंयक राजवंशी, कार्तिक बसंल, विनित नागपाल, नीलम त्यागी, संजय श्रीवास्तव, पंकज बिजल्वाण, राजेश भटट्, आगनबाड़ी संगठन से रेखा नेगी, गुडड़ी देवी, रजनी रावत आदि को उनके संघर्ष के लिये सम्मानित किया गया। उत्तरकाशी में आई आपदा पीडित के लिये मनोरमा डोबरियाल शर्मा मेमोरियल फाउंडेशन की ओर से कम्बलों का एक बंडल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा समाजसेवी आरिफ खान को सौंपा गया। कार्यक्रम के अंत में पूर्व विधायक एवं संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष स्व रंजीत सिंह वर्मा के निधन पर दो मिनट का मौन रख श्रद्धाजंलि अर्तिप की गई।
जिससें और लोगो को इस तरह के काम करने की प्रेरणा मिलेगी। और कहा कि विभिन्न सरकारों के विरुद्ध निरंतर आवाज उठाने वालों के संघर्ष को सलाम कर सम्मानित करना अपने आप में एक अनुठा कार्यक्रम है। उन्होने कहा कि मैं भी इन तमाम लोगो के संघर्ष को सलाम करता हुॅ। वहीं जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र में मर्यादित विरोध व असहमति का सम्मान किया जाना लोकतंत्र को मुख्य आधार हैै। उन्होने देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था व बेरोजगारी पर अपनी चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि यदि इन सबका शीघ्र समाधान नही किया गया तो हालात बेकाबु हो जायेगें, हमें प्राथमिकता के आधार पर इन कठिनाईयों का समाधान ढूढना होगा, यह भी कहा कि नेहरु, गांधी व स्वतंत्रता आन्दोलन में शहीद हुए लोगो के सपनों का भारत बनाना होगा। वहीं फाउंडेशन अध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि लम्बे समय से अपनी न्योचित मांगों के लिये निरंतर संघर्ष करने वाले लोगो के संघर्ष को सम्मान करना लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करना है। और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के हमारे भाई -बहन ट्रेड़ यूनियन, सामाजिक संगठनों जिनमें 108, आगनबाड़ी, अपना परिवार, उपनल, गैस्ट टीचर व ओएनजीसी की हटधर्मी के विरुद्ध शीला रावत लम्बे समय से संघर्ष कर रही है हमारे राजधानी निर्माण के लिए भी हमारे साथी संघर्ष कर रहे है उनकी आवाज को समर्थन देने के लिए ऐसे सभी लोगो को हम सलाम करते है, दिवंगत सासंद मनोरमा जी ने हमें संघर्ष करना सिखाया था हम उसी पथ पर चलते रहेगें। कार्यक्रम का संचालन नीरज उनियाल ने किया। इस अवसर पर ड़ा. के.के. टम्टा, नीरज शर्मा, महेन्द्र भण्डारी, ड़ा बृज मोहन शर्मा, जय शर्मा, डा मुकुल शर्मा, हाकर्स एसोशिएसन से ललित जोशी, कर्मचारी संगठन में से ठाकुर प्राहलाद सिंह, प्रदीप कोहली, इनामुल हक, चै0 ओमवीर सिंह, भरत सिंह नेगी, पंकज शर्मा, पी.ड़ी. गुप्ता, ओ.पी. सूदी, विरेन्द्र नेगी, सामाजिक संगठन अकिंता तनेजा, अमर सिंह कश्यप, हरीश नागपाल अपना परिवार से पुरुषोत्तम भटट्, गीता नेगी, मंयक राजवंशी, कार्तिक बसंल, विनित नागपाल, नीलम त्यागी, संजय श्रीवास्तव, पंकज बिजल्वाण, राजेश भटट्, आगनबाड़ी संगठन से रेखा नेगी, गुडड़ी देवी, रजनी रावत आदि को उनके संघर्ष के लिये सम्मानित किया गया। उत्तरकाशी में आई आपदा पीडित के लिये मनोरमा डोबरियाल शर्मा मेमोरियल फाउंडेशन की ओर से कम्बलों का एक बंडल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा समाजसेवी आरिफ खान को सौंपा गया। कार्यक्रम के अंत में पूर्व विधायक एवं संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष स्व रंजीत सिंह वर्मा के निधन पर दो मिनट का मौन रख श्रद्धाजंलि अर्तिप की गई।
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