प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक तीर से तीन शिकार
देहरादून – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सातवें चरण के मतदान होने से एक दिन पहले केदारनाथ पहुंचना और केदार बाबा के दर्शन कर ध्यान गुफा में ध्यान लगाने को लेकर जिस प्रकार सोशल मीडिया में चर्चाएं हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर कैसे हमला करते हैं वह बखूबी जानते हैं और उन्होंने विपक्ष को परस्त करने के लिए इसे चुना और शायद यही नरेंद्र मोदी भी चाहते थे कि एक दिन वह बिना कुछ कहे मीडिया में लगातार बने रहे और वह अपने इस प्रयास से सफल भी हो गए हैं। अब पुरे दिन मोदी के वस्त्रों को लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में चर्चा चल रही हैं। तो वह भी एक सोचा समझा कार्यक्रम ही लगता हैं। और जहां तक बात है उन्होंने हाथ में हिमाचली टोपी ले रखी थी और गाउन पहन रखा था तथा कमर में गेरवा साफा बांध रखा था। चूंकि यह हिंदूओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु भगवान केदारनाथ का मंदिर ही हैं।
और यहीं से वह पूरे देश को एक संदेश भी देना चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुओं की पार्टी हैं। अब सातवें चरण के चुनाव में कुछ प्रदेश हिंदू बहुले हैं तो कुछ पर मुस्लिम मतदाताओं की परसेंटेज ज्यादा हैं तो इन्हीं सब को साधने के लिए वस्त्रों का चयन किया गया हैं। जैसे कि हिमाचल में चुनाव होने हैं तो हिमाचली टोपी, यूपी, बंगाल में चुनाव होने हैं तो "तोप"। अब जबकि चुनाव प्रचार बंद थम गया है और बिना कुछ एक शब्द कहे उन्होंने अपना मैसेज पूरे देश में फैला दिया हैं। अब बात करते हैं उनके वस्त्रों की तो सोशल मीडिया में चर्चा का विषय है कि मोदी ने गाउन पहन रखा है जो पहाड़ी वस्त्र है लेकिन मेरा यह मानना है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने अरब देशों की यात्राएं बहुत की थी और यह 'तोप'अरब में ही पहना जाता है। यह हो सकता है कि कतर या दुबई के किसी ने राज परिवार ने उन्हें गिफ्ट किया हो क्योंकि यह वस्त्र ठीक उसी प्रकार से हैं।
जिस प्रकार वहाँ पहना जाता हैं। यह वस्त्र गर्म है और बहुत ही अच्छे कपड़े का बना हैं। अब क्योंकि उत्तर प्रदेश से बहुत ही सारे मुस्लिम है जो अरब के देशों में काम करते हैं। और शौकिया तौर पर वह भी इसे पहनते हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने इस "तोप" को यहां ध्यान साधना के लिए इस्तेमाल किया होगा, ताकि एक संदेश मुस्लिम लोगों को भी जाये की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन सब के ही बीच के हैं। और उन्हें अपना मानते हैं। अब नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में चुनाव हैं तो उन्होंने हिमाचली टोपी सर पर रख ली और यूपी और बंगाल में क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोट डालना हैं। तो "तोप" पहन लिया और बाकी गेरवा साफा कमर में बांध लिया अब यह आइडिया हो सकता है कि उन्हें योगी आदित्यनाथ से मिला हो जिस प्रकार चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ पर प्रचार पर प्रतिबंध प्रतिबंध लगाया था तब योगी आदित्यनाथ ने मंदिरों में जा जा कर पूजा अर्चना की व हनुमान चालीसा वाची और सोशल मीडिया और मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर कैमरा को अपनी तरफ़ ही रखा था और चर्चा का विषय बने थे। और बिना कुछ किए ही प्रचार पा गए थे,ठीक उसी प्रकार से नरेंद्र मोदी ने आखिरी दिन को बिना प्रचार किए ही अपने आपको चर्चा में लाने के लिए वह हैं। भगवान केदारनाथ के दर्शन कर ध्यान गुफा में ध्यान लगा कर बैठ गए। तो कैसे राजनीतिक सादी जाती है वह नरेंद्र मोदी बखूबी जानते हैं और उन्होंने यही किया। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी सोमनाथ मंदिर में भगवान शंकर की पूजा अर्चना की।
और यहीं से वह पूरे देश को एक संदेश भी देना चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुओं की पार्टी हैं। अब सातवें चरण के चुनाव में कुछ प्रदेश हिंदू बहुले हैं तो कुछ पर मुस्लिम मतदाताओं की परसेंटेज ज्यादा हैं तो इन्हीं सब को साधने के लिए वस्त्रों का चयन किया गया हैं। जैसे कि हिमाचल में चुनाव होने हैं तो हिमाचली टोपी, यूपी, बंगाल में चुनाव होने हैं तो "तोप"। अब जबकि चुनाव प्रचार बंद थम गया है और बिना कुछ एक शब्द कहे उन्होंने अपना मैसेज पूरे देश में फैला दिया हैं। अब बात करते हैं उनके वस्त्रों की तो सोशल मीडिया में चर्चा का विषय है कि मोदी ने गाउन पहन रखा है जो पहाड़ी वस्त्र है लेकिन मेरा यह मानना है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने अरब देशों की यात्राएं बहुत की थी और यह 'तोप'अरब में ही पहना जाता है। यह हो सकता है कि कतर या दुबई के किसी ने राज परिवार ने उन्हें गिफ्ट किया हो क्योंकि यह वस्त्र ठीक उसी प्रकार से हैं।
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