जंतर मंतर में गुंजी राजधानी गैरसैंण की हुंकार

नई दिल्ली-गैरसैंण राजधानी आंदोलन के साथ लगातार लोग जुड़ने लगे हैं। कल संसद मार्ग (जंतर मंतर) नई दिल्ली में उत्तराखंड एकता मंच द्वारा आयोजित हुंकार रैली में बड़ी संख्या में लोग जुटे। दिल्ली और एनसीआर के साथियों के साथ ही देहरादून, हल्द्वानी, चंडीगढ़ समेत तमाम जगहों से लोग दिल्ली पहुंचे। सबसे उत्साहजनक बात यह रही कि बहुत से लोग गैरसैंण को लेकर आयोजित किसी कार्यक्रम में पहली बार पहुंचे थे। पहली बार पहुंचने वाले लोग गैरसैंण को लेकर पूरी तरह कन्विन्स होकर इस वादे के साथ लौटे कि अगली बार वे नए लोगों के साथ आएंगे। चंडीगढ़ के कुछ उत्तराखंडी साथियों ने वादा किया है कि वे वहां इस मुहिम से लोगों को जोड़ेंगे।
रैली में वक्ताओं ने गैरसैंण को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जिस शिद्दत के साथ जोर दिया उससे पूरी उम्मीद है कि लड़ाई अब और मजबूत होगी। गैरसैंण राजधानी आंदोलन के लिए बनाई गई संघर्ष समिति के अध्यक्ष चारु तिवारी ने स्पष्ट शब्दों में यह बात कही कि सबसे पहले गैरसैंण के दुश्मनों को पहचानना और बेनकाब करना होगा। साथियो, हमारा साफ तौर पर मानना है कि बारी-बारी से प्रदेश की सत्ता में बैठने वाली कांग्रेस और भाजपा दोनो ही गैरसैंण के बराबर के दुश्मन हैं। हम प्रदेशभर में घूम-घूम कर इन्हें बेनकाब करेंगे। इसके लिए यात्रा, बैठकों, संवाद कार्यक्रमो,
जनसभाओं तथा प्रेस कांफ्रेंस आदि की रूपरेखा तैयार की जा रही है। गैरसैंण राजधानी संघर्ष समिति जल्द ही पंचेश्वर (पिथौरागढ़) से जौनसार बाबर तक की जन चेतना यात्रा करेगी। इसका कार्यक्रम जल्द आपसे साझा किया जाएगा। इससे पहले आगामी 16 मई को गैरसैंण से लगे हुए नगर चौखुटिया में एक जनसभा बुलाई गई है। इसके बाद 19 मई को नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में एक संवाद गोष्ठी का कार्यक्रम रखा गया है जिसने कला, साहित्य जगत से जुड़े लोगों के साथ ही तमाम संघर्षशील साथी जुटेंगे। इन दोनों कार्यक्रमों में आप सभी ससम्मान आमंत्रित हैं। इस दौरान जन चेतना यात्रा के कार्यक्रम की घोषणा भी की जाएगी और हम इस समर में पूरे समर्पण के साथ उतर जाएंगे।एक दुःखद सूचना भी आप तक साझा कर रहा हूं।
दिल्ली हुंकार रैली में शामिल होने आ रहे हमारे एक साथी देव सिंह नेगी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। दिल्ली में रहते हुए  देव नेगी  लंबे वक्त से उत्तराखंड के सरोकारों से जूड़े थे और गैरसैंण राजधानी की मुहिम में पूरी शिद्दत से जुटे थे। गैरसैंण कि मुहिम में शामिल होने के दौरान उनकी मृत्यु को सभी आंदोलनकारी साथी शहादत के रूप में याद रखेंगे। यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। देव सिंह नेगी को विनम्र श्रद्धांजलि यही होगी कि हम इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएं।साथियों हमारी मंशा पवित्र है और हम इस लड़ाई को जी जान से लड़ेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।

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