सेना के जीओसी और पुलिस के विवाद में .........
देहरादून - - मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सुरक्षा से जीटीसी हैलीपैड में खिलवाड़ किया गया। हेलीकाप्टर के पायलट की सुझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने इस संबंध में थाना कैंट में रिपोर्ट लिखाई है। साथ ही इसकी प्रति अपर पुलिस महानिदेशक(अभियोजन और सुरक्षा) को देकर जरूरी कार्रवाई के लिए लिखा है। अपर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी की ओर से भी इस संबंध में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट भेजी है। मुख्यमंत्री ने जीओसी सब एरिया की इस हरकत को काफी गंभीरता से लिया और नाराजगी जतायी है। जीओसी की इस हरकत की शिकायत रक्षा मंत्रालय से भी की जाएगी। घटनाक्रम के अनुसार रविवार 18 फरवरी को सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हेलीकाप्टर से जिला उत्तरकाशी के सांवणी में अग्निपीड़ितों का हालचाल जानने और प्रभावित परिवारों को राहत राशि देने के लिए जाना था। उन्हें उत्तरकाशी में जखोल के अस्थायी हैलीपैड में उतरना था।इसके लिए देहरादून कैंट स्थित
जीटीसी हैलीपैड से मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर को प्रस्थान करना था।मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के अनुसार दोपहर सवा बारह बजे जब मुख्यमंत्री की फ्लीट जीटीसी हैलीपैड पहुंची तो उसी दौरान जीओसी सब एरिया देहरादून ने अपनी निजी गाड़ी एच आर 26 बीएफ-8010, फ्लीट के आगे रोक दी। सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट ने उन्हें बताया कि सीएम की फ्लीट आ रही है आप गाड़ी साइड लगा लीजिए। इस पर जीओसी सब एरिया गाड़ी हटाने की बात को लेकर विवाद करने लगे। जीओसी ने सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट को धमकाया और कहा कि यह हमारा एरिया है और अपने सीएम को बता दो कि यहां हमारी मर्जी से ही आप लोग आ जा सकते हैं। अब आगे सब पुलिस वाले अपनी गाड़ियों के साथ बाहर ही रहेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री के वाहन को उनके द्वारा जाने के लिए जगह दे दी गई।उसके बाद मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से वहां से उत्तरकाशी के लिए
प्रस्थान किया।रविवार को ही अपराह्न साढ़े तीन बजे जब मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर जीटीसी पर बने एच पर उतर रहा था, तो उसी वक्त कुछ सेना के जवानों ने एच पर दो ड्रम रखकर हेलीकाप्टर की लैंडिंग में अवरोध उत्पन्न कर दिया। पायलट को भी ऊपर से एच पर रखे ड्रम नहीं दिखाई दिए। जब हेलीकाप्टर लैंड करने के लिए नीचे उतरा, उसी दौरान पायलट को ड्रम दिखाई दिए। पायलट ने समझदारी से काम लेते हुए तत्काल हेलीकाप्टर को दूसरी जगह पर लैंड किया। अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएम के कार्यक्रम की सूचना एक दिन पहले ही सब एरिया को तारीख और समय के साथ सूचित कर दिया जाता है कि मुख्यमंत्री जीटीसी से उड़ान भरेंगे। इसके बावजूद सैन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के जीवन से खिलवाड़ करने की कोशिश की।
जीटीसी हैलीपैड से मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर को प्रस्थान करना था।मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के अनुसार दोपहर सवा बारह बजे जब मुख्यमंत्री की फ्लीट जीटीसी हैलीपैड पहुंची तो उसी दौरान जीओसी सब एरिया देहरादून ने अपनी निजी गाड़ी एच आर 26 बीएफ-8010, फ्लीट के आगे रोक दी। सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट ने उन्हें बताया कि सीएम की फ्लीट आ रही है आप गाड़ी साइड लगा लीजिए। इस पर जीओसी सब एरिया गाड़ी हटाने की बात को लेकर विवाद करने लगे। जीओसी ने सीओ सिटी और थानाध्यक्ष कैंट को धमकाया और कहा कि यह हमारा एरिया है और अपने सीएम को बता दो कि यहां हमारी मर्जी से ही आप लोग आ जा सकते हैं। अब आगे सब पुलिस वाले अपनी गाड़ियों के साथ बाहर ही रहेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री के वाहन को उनके द्वारा जाने के लिए जगह दे दी गई।उसके बाद मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से वहां से उत्तरकाशी के लिए
प्रस्थान किया।रविवार को ही अपराह्न साढ़े तीन बजे जब मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर जीटीसी पर बने एच पर उतर रहा था, तो उसी वक्त कुछ सेना के जवानों ने एच पर दो ड्रम रखकर हेलीकाप्टर की लैंडिंग में अवरोध उत्पन्न कर दिया। पायलट को भी ऊपर से एच पर रखे ड्रम नहीं दिखाई दिए। जब हेलीकाप्टर लैंड करने के लिए नीचे उतरा, उसी दौरान पायलट को ड्रम दिखाई दिए। पायलट ने समझदारी से काम लेते हुए तत्काल हेलीकाप्टर को दूसरी जगह पर लैंड किया। अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएम के कार्यक्रम की सूचना एक दिन पहले ही सब एरिया को तारीख और समय के साथ सूचित कर दिया जाता है कि मुख्यमंत्री जीटीसी से उड़ान भरेंगे। इसके बावजूद सैन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के जीवन से खिलवाड़ करने की कोशिश की।
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