दून विश्वविद्यालय में डाॅ.नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र का भूमि पूजन
देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय देहरादून में डाॅ.नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। 0.39 हैक्टेयर भूमि पर 15 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाले इस शोध एवं अध्ययन केन्द्र का निर्माण ब्रिडकुल द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि इस हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र के भवन का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूर्ण कर लिया जायेगा।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि डाॅ.नित्यानन्द एक साधक की तरह मन, वचन एवं कर्म से समाज सेवा की। उनका हिमालय से बेहद अनुराग था। हिमालय सबके लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। हिमालय को वैज्ञानिकों और साधकों ने अनेक रूपों में देखा है। भूगर्भ शास्त्रियों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों एवं भूगोलविदों ने हिमालय एवं उससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में शोध कार्य किया। हिमालय पर बहुत कुछ
अध्ययन किया जा चुका है और अभी भी बहुत अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिस्थितियों एवं परिवेश में परिवर्तन हो रहा है। हिमालय पर सतत् अध्ययन हो इसलिए डाॅ.नित्यानन्द जी के नाम पर इस शोध अध्ययन केन्द्र का शिलान्यास किया गया। आने वाले समय में जो यहां शोध होंगे वे हिमालय के सतत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विज्ञान भारती द्वारा हिमालयन विज्ञान महोत्सव 2018 का आयोजन 03 मई से 06 मई 2018 तक ओएनजीसी परिसर में आयोजन किया जायेगा। इसमें उद्यमिता, ग्राम विकास पर वैज्ञानिक आधार पर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमालयन विज्ञान महोत्सव 2018 से सम्बन्धित विवरणिका का विमोचन भी किया।उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए विद्यालयों का कलैण्डर जारी किया गया। प्रत्येक सत्र में 180 दिन की पढ़ाई अनिवार्य की गई है। 30 दिन में
परीक्षाएं पूर्ण करने एवं परीक्षा के बाद 30 दिन में परीक्षा परिणाम घोषित करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां प्रत्येक विद्यालयों में प्रधानाचार्य हैं। 877 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शत प्रतिशत पुस्तके उपलब्ध कराने के लिए पुस्तकदान अभियान चलाया जा रहा है।इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.चन्द्रशेखर नौटियाल एवं आर.एस.एस.के सह-सरकार्यवाहक डाॅ. गोपाल कृष्ण ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।कार्यक्रम में विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, खजान दास, भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट, विश्व हिन्दू परिषद के दिनेश चन्द्र, भाजपा नेता विनय गोयल, सुनील उनियाल ‘गामा’, अपर मुख्य सचिव डाॅ रणवीर सिंह,यूसैक के निदेशक डाॅ.एमपीएस बिष्ट, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ.डीपी जोशी एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं शिक्षाविद् उपस्थित थे।
अध्ययन किया जा चुका है और अभी भी बहुत अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिस्थितियों एवं परिवेश में परिवर्तन हो रहा है। हिमालय पर सतत् अध्ययन हो इसलिए डाॅ.नित्यानन्द जी के नाम पर इस शोध अध्ययन केन्द्र का शिलान्यास किया गया। आने वाले समय में जो यहां शोध होंगे वे हिमालय के सतत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विज्ञान भारती द्वारा हिमालयन विज्ञान महोत्सव 2018 का आयोजन 03 मई से 06 मई 2018 तक ओएनजीसी परिसर में आयोजन किया जायेगा। इसमें उद्यमिता, ग्राम विकास पर वैज्ञानिक आधार पर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमालयन विज्ञान महोत्सव 2018 से सम्बन्धित विवरणिका का विमोचन भी किया।उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए विद्यालयों का कलैण्डर जारी किया गया। प्रत्येक सत्र में 180 दिन की पढ़ाई अनिवार्य की गई है। 30 दिन में
परीक्षाएं पूर्ण करने एवं परीक्षा के बाद 30 दिन में परीक्षा परिणाम घोषित करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां प्रत्येक विद्यालयों में प्रधानाचार्य हैं। 877 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शत प्रतिशत पुस्तके उपलब्ध कराने के लिए पुस्तकदान अभियान चलाया जा रहा है।इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.चन्द्रशेखर नौटियाल एवं आर.एस.एस.के सह-सरकार्यवाहक डाॅ. गोपाल कृष्ण ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।कार्यक्रम में विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, खजान दास, भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट, विश्व हिन्दू परिषद के दिनेश चन्द्र, भाजपा नेता विनय गोयल, सुनील उनियाल ‘गामा’, अपर मुख्य सचिव डाॅ रणवीर सिंह,यूसैक के निदेशक डाॅ.एमपीएस बिष्ट, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ.डीपी जोशी एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं शिक्षाविद् उपस्थित थे।
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