अगस्त्यमुनि में गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग जनगीत के साथ
रुद्रप्रयाग- गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। इसी कड़ी में आज रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि में स्थानीय लोगों ने जनगीत के साथ मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया। इस मौके पर वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सरकार ने जल्द गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया तो जनता उग्र आंदोलन करेगी। अगस्त्यमुनि में व्यापारियों, छात्रों और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने अगस्त्यमुनि कोतवाली से विजयनगर तक जनगीत के साथ मशाल जुलूस निकाला। बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने विरोध प्रकट
करते हुए कहा कि पिछले 17 सालों से सरकारें स्थाई राजधानी तय नहीं कर पाई हैं। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। कर्ज के बोझ के तले दबे एक छोटे से प्रदेश में दो-दो राजधानी ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन बनाने की बातें कही जा रही हैं। जिसका विरोध किया जाएगा। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के बाद ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा।वक्ताओं ने यह भी कहा कि गैरसैंण स्थाई राजधानी बनने से पहाड़ में विकास का विकेन्द्रीकरण होगा। गांव से हो रहे पलायन पर अंकुश लगने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे। व्यापारियों ने कहा कि पहाड़ खाली होने से उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इसी तरह गांव के गांव खाली होते रहे तो एक दिन उनका व्यवसाय पूरी तरह चरमरा जाएगा। इस मौके पर सैकड़ों संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।
करते हुए कहा कि पिछले 17 सालों से सरकारें स्थाई राजधानी तय नहीं कर पाई हैं। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। कर्ज के बोझ के तले दबे एक छोटे से प्रदेश में दो-दो राजधानी ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन बनाने की बातें कही जा रही हैं। जिसका विरोध किया जाएगा। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के बाद ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा।वक्ताओं ने यह भी कहा कि गैरसैंण स्थाई राजधानी बनने से पहाड़ में विकास का विकेन्द्रीकरण होगा। गांव से हो रहे पलायन पर अंकुश लगने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे। व्यापारियों ने कहा कि पहाड़ खाली होने से उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इसी तरह गांव के गांव खाली होते रहे तो एक दिन उनका व्यवसाय पूरी तरह चरमरा जाएगा। इस मौके पर सैकड़ों संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।
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