मुख्यमंत्री ने रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया
देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और जल पुरूष राजेन्द्र सिंह व चिदानन्द मुनि ने शिखर फाॅल (राजपुर), देहरादून से ऋषिपर्णा रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऋषिपर्णा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए शपथ भी दिलायी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने देहरादून में ऋषिपर्णा नदी और अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण का संकल्प लिया है। इसका आज से अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने नदियों के पुनर्जीवीकरण में आमजन की भागीदारी की आवश्यकता की बात कही।राज्य सरकार ने भी संकल्प लिया है
कि प्रदेश की नदियों का पुनर्जीवीकरण किया जाए। यूसर्क के वैज्ञानिक दुर्गेश पंत एवं ईको टास्क फोर्स के कर्नल आर.एच.एस. राणा के सहयोग से जूनियर ईको टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें विद्यार्थियों और युवाओं-युवतियों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिपर्णा नदी की आठ स्रोतों को चिन्हित कर अभियान में शामिल किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की जनसंख्या दुगनी हो गयी है, परन्तु पानी का डिस्चार्ज आधा रह गया है। पूरे विश्व के वैज्ञानिक पानी के लिए चिन्तित हैं। उनकी आशंका है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने 11 नदियों को पुनर्जीवित किया हैं, जिसमें सरकार से कोई मदद नहीं ली गयी। ग्रामीण लोगों का विज्ञान इसमें जोड़ा गया है। इसी प्रकार हम सभी की सहभागिता इसमें चाहिए, हर किसी को यह लगना चाहिए कि ऋषिपर्णा नदी के पुनर्जीवीकरण ही मेरा सपना है, तभी इस नदी का पुनर्जीवीकरण हो सकेगा।जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड सरकार और जनता को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज, समाज और संतों को एक साथ संकल्प दिलाया है। नदियों का पुनर्जीवीकरण संस्कृति, प्रकृति, प्यार एवं सम्मान के साथ करना होगा। हमें संकल्प लेना होगा कि उत्तराखण्ड की नदियों का पुनर्जीवीकरण हम उत्तराखण्ड के लोग मिलकर करेंगे।परमार्थ निकेतन के चिदानन्द मुनि ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा की यात्रा में परमार्थ निकेतन सरकार का हमेशा साथ देगा। नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए आवश्यक वृक्षारोपण कार्य हेतु पौधों की व्यवस्था परमार्थ निकेतन द्वारा की जाएगी। इन नदियों को बचाने के लिए पहरेदार बनना है। उन्होंने नदियों के पुनर्जीवीकरण अभियान के लिए परमार्थ निकेतन द्वारा 1 करोड़ रूपए दिये जाने की घोषणा की।कर्नल आर.एच.एस. राणा ने आश्वासन दिया कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के कार्य में ईको टास्क
फोर्स पूर्ण रूप से सहयोग करेगी।मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि विश्व की जितनी भी मानव सभ्यताएं पनपी हैं, उन सभी का नदियों के साथ गहरा सम्बन्ध रहा है। नदियों को बचाना कोई सरकारी योजना नहीं है, यह जनसामान्य की योजना है। राज्य की 17वीं वर्षगाँठ मनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए शुरूवात में 2 नदियाँ चुनी गयी हैं। देहरादून में ऋषिपर्णा (रिस्पना) और अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत एफ.आर.आई., एन.एच.आई., ईको टास्क फोर्स और अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं का मार्गदर्शन लेकर नदी को इसकी पूर्व स्थिति में लाया जाएगा। ऋषिपर्णा नदी पास के सौंग डेम से भी इसमें पानी लाने का प्रयास किया जाएगा। नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए सोमवार को अभियान शुरू किया गया। जिसके तहत अल्मोड़ा में भी अभियान की शुरूवात की गयी, जिसके तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। नदियों के किनारे वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में आमजन को नदी को पुनर्जीवित करने की शपथ भी दिलाई गयी, साथ ही नदी के किनारे सफाई अभियान चलाया गया।
कि प्रदेश की नदियों का पुनर्जीवीकरण किया जाए। यूसर्क के वैज्ञानिक दुर्गेश पंत एवं ईको टास्क फोर्स के कर्नल आर.एच.एस. राणा के सहयोग से जूनियर ईको टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिसमें विद्यार्थियों और युवाओं-युवतियों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिपर्णा नदी की आठ स्रोतों को चिन्हित कर अभियान में शामिल किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की जनसंख्या दुगनी हो गयी है, परन्तु पानी का डिस्चार्ज आधा रह गया है। पूरे विश्व के वैज्ञानिक पानी के लिए चिन्तित हैं। उनकी आशंका है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने 11 नदियों को पुनर्जीवित किया हैं, जिसमें सरकार से कोई मदद नहीं ली गयी। ग्रामीण लोगों का विज्ञान इसमें जोड़ा गया है। इसी प्रकार हम सभी की सहभागिता इसमें चाहिए, हर किसी को यह लगना चाहिए कि ऋषिपर्णा नदी के पुनर्जीवीकरण ही मेरा सपना है, तभी इस नदी का पुनर्जीवीकरण हो सकेगा।जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड सरकार और जनता को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज, समाज और संतों को एक साथ संकल्प दिलाया है। नदियों का पुनर्जीवीकरण संस्कृति, प्रकृति, प्यार एवं सम्मान के साथ करना होगा। हमें संकल्प लेना होगा कि उत्तराखण्ड की नदियों का पुनर्जीवीकरण हम उत्तराखण्ड के लोग मिलकर करेंगे।परमार्थ निकेतन के चिदानन्द मुनि ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा की यात्रा में परमार्थ निकेतन सरकार का हमेशा साथ देगा। नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए आवश्यक वृक्षारोपण कार्य हेतु पौधों की व्यवस्था परमार्थ निकेतन द्वारा की जाएगी। इन नदियों को बचाने के लिए पहरेदार बनना है। उन्होंने नदियों के पुनर्जीवीकरण अभियान के लिए परमार्थ निकेतन द्वारा 1 करोड़ रूपए दिये जाने की घोषणा की।कर्नल आर.एच.एस. राणा ने आश्वासन दिया कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के कार्य में ईको टास्क
फोर्स पूर्ण रूप से सहयोग करेगी।मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि विश्व की जितनी भी मानव सभ्यताएं पनपी हैं, उन सभी का नदियों के साथ गहरा सम्बन्ध रहा है। नदियों को बचाना कोई सरकारी योजना नहीं है, यह जनसामान्य की योजना है। राज्य की 17वीं वर्षगाँठ मनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए शुरूवात में 2 नदियाँ चुनी गयी हैं। देहरादून में ऋषिपर्णा (रिस्पना) और अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत एफ.आर.आई., एन.एच.आई., ईको टास्क फोर्स और अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं का मार्गदर्शन लेकर नदी को इसकी पूर्व स्थिति में लाया जाएगा। ऋषिपर्णा नदी पास के सौंग डेम से भी इसमें पानी लाने का प्रयास किया जाएगा। नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए सोमवार को अभियान शुरू किया गया। जिसके तहत अल्मोड़ा में भी अभियान की शुरूवात की गयी, जिसके तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। नदियों के किनारे वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में आमजन को नदी को पुनर्जीवित करने की शपथ भी दिलाई गयी, साथ ही नदी के किनारे सफाई अभियान चलाया गया।
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