मुख्य सचिव से सचिवालय में छात्रों ने किया संवाद
देहरादून -मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में 20 मेधावी छात्रों से संवाद किया। मुख्य सचिव ने सबसे पहले अपने बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे भी एक कस्बे में विज्ञान के छात्र थे। आईएएस बनने की चाह में इतिहास विषय को चुना। उन्होने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे भी आईएएस या जिस भी क्षेत्र में जाना चाहें जा सकते हैं। इसके लिए लक्ष्य तय करना पड़ेगा और लक्ष्य के अनुसार कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। उन्होने बताया कि पहले कैरियर के विकल्प कम होते थे।
अब तो अपार संभावनाएं हैं।
मेधावी छात्र-छात्राओं में से 4 इंजीनियर, 2 सेना, 1 एयरफोर्स, 2 डाॅक्टर, 3 टीचर, 1 वैज्ञानिक, 2 आईएएस, 1 समाजसेवी, 2 वकील और 1 कम्प्यूटर इंजीनियर बनना चाहते हैं। यह पूछने पर कि भ्रष्टाचार कैसे दूर किया जा सकता है, छात्रों ने बताया कि सीमित संसाधनों में संतुष्ट रहने से दूर होगा। नोटबंदी, डीबीटी और आईटी के उपयोग से भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। पाठ्यक्रम में भी नैतिक शिक्षा दी जानी चाहिए। मुख्य सचिव ने शासन-प्रशासन की कार्य प्रणाली के बारे में उन्हे बताया । अपने कार्यालय में छात्र-छात्राओं को ले जाकर दिखाया। डीएमएमसी में ले जाकर आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। अधिशासनी निदेशक पीयूष रौतेला ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि भूकम्प आने, भू स्खलन होने, अतिवृष्टि होने या बादल फटने की स्थिति में उन्हें कैसे बचाव करना है। सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जिन 20 मेधावी छात्र-छात्राओं से संवाद किया उनमें राइका मियांवाला से छात्रा कु अमृता मंमगाई, छात्र आशीष एवं दीपक, राइका डोभालवाल से छात्र सुमित कुमार, अंकित एवं भाष्कर तथा छात्रा किरन, राइका गुजराड़ा से छात्र रोहित शर्मा, सूरज बहुगुणा एवं मौ शहजाद, राकइका राजपुर रोड से छात्रा अंजलि राणा, एकता पुष्वाण, शिवानी भट्ट एवं प्रिया राघव, राबाइका अजबपुर कलां से छात्रा गायत्री, गंगोत्री व किरन भट्ट, राबाइका लक्खीबाग से छात्रा शरमीन व सानिया तथा अदिबा अंजुम शामिल थे।
अब तो अपार संभावनाएं हैं।
मेधावी छात्र-छात्राओं में से 4 इंजीनियर, 2 सेना, 1 एयरफोर्स, 2 डाॅक्टर, 3 टीचर, 1 वैज्ञानिक, 2 आईएएस, 1 समाजसेवी, 2 वकील और 1 कम्प्यूटर इंजीनियर बनना चाहते हैं। यह पूछने पर कि भ्रष्टाचार कैसे दूर किया जा सकता है, छात्रों ने बताया कि सीमित संसाधनों में संतुष्ट रहने से दूर होगा। नोटबंदी, डीबीटी और आईटी के उपयोग से भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। पाठ्यक्रम में भी नैतिक शिक्षा दी जानी चाहिए। मुख्य सचिव ने शासन-प्रशासन की कार्य प्रणाली के बारे में उन्हे बताया । अपने कार्यालय में छात्र-छात्राओं को ले जाकर दिखाया। डीएमएमसी में ले जाकर आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। अधिशासनी निदेशक पीयूष रौतेला ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि भूकम्प आने, भू स्खलन होने, अतिवृष्टि होने या बादल फटने की स्थिति में उन्हें कैसे बचाव करना है। सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जिन 20 मेधावी छात्र-छात्राओं से संवाद किया उनमें राइका मियांवाला से छात्रा कु अमृता मंमगाई, छात्र आशीष एवं दीपक, राइका डोभालवाल से छात्र सुमित कुमार, अंकित एवं भाष्कर तथा छात्रा किरन, राइका गुजराड़ा से छात्र रोहित शर्मा, सूरज बहुगुणा एवं मौ शहजाद, राकइका राजपुर रोड से छात्रा अंजलि राणा, एकता पुष्वाण, शिवानी भट्ट एवं प्रिया राघव, राबाइका अजबपुर कलां से छात्रा गायत्री, गंगोत्री व किरन भट्ट, राबाइका लक्खीबाग से छात्रा शरमीन व सानिया तथा अदिबा अंजुम शामिल थे।
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