शिक्षक अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करें-जिलाधिकारी
देहरादून-शिक्षक पाठशाला में विद्याध्यन के साथ विद्यालय को संस्कारशाला भी बनाये जिससे बच्चों का सर्वागीण विकास हो सके तथा वे बच्चों को सुयोग्य नागरिक बनाने में शिक्षक अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करें’’ उक्त विचार जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेषन ने आज सहसपुर ब्लाक के न्याय पंचायत भगवन्तपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं आंगनवाडी केन्द्र कुठाल गांव का औचक निरीक्षण करते हुए अध्यापक अध्यापिकाओं से कही। उन्होने कहा कि शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता गिरती जा रही है, जिसके लिए सरकार भी चिन्तित है। उन्होने उपस्थित अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं से अपेक्षा की है कि उन्हे शिक्षक के रूप में एक सुअवसर प्राप्त हुआ है, जो समाज की दिशा एवं दशा बदलने में अपने अनुभवों एवं गुणों से विद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का उचित मार्ग दर्शन करते हुए उन्हे देश का
एक भावी कुशल नागरिक बनाने में अपना अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होने कहा कि यह सौभाग्य केवल शिक्षकों को ही प्राप्त है, जिन्हे भगवान से पहले गुरू की महिमा का वर्णन एवं अभिन्नदन किया जाता है। उन्होने कहा कि उन्हे जो समाज की दशा एवं दिशा बदलने का जो अवसर प्राप्त हुआ है, उसे जाया नही जाने देना चाहिए तथा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन समाज की सेवा के लिए मिला है उसे निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करना चाहिए, जिससे की वह इन छात्रों ने जो सपना देखा है उनके सपनों को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है। शिक्षक आवश्यकता पड़ने पर ही अवकाश का उपभोग करें।उन्होने विद्यालय में अध्ययरत छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की भी जानकारी चाही गयी जिस पर प्रधानाध्यापिका मनोरमा ने अवगत कराया है कि इस विद्यालय में वर्तमान में 3 शिक्षक कार्यरत हैं तथा 1 शिक्षक आज अवकाश पर हैं तथा विद्यालय में 64 छात्र छात्राएं पंजीकृत एवं अध्ययरत् है। जिलाधिकारी ने विद्यालय में संचालित हो रहे पुस्तकालय एवं वाचनालय का भी निरीक्षण किया गया तथा अध्यापकों से कहा कि बच्चों को पुस्तकालय में पढने का भरपूर अवसर प्रदान किया जाये जिससे वे पठन-पाठन की ओर गम्भीरता के साथ अध्ययन करेंगे। इस अवसर पर उक्त के द्वारा मध्याहन भोजन की भी जानकारी प्राप्त की तथा सप्ताह में बनने वाले भोजन का मेनू भी पूछा। जिलाधिकारी ने विद्यालय में बच्चों के साथ लगभग दो घण्टे रहे तथा उन्होने बताया कि वो भी ऐसे ही अपने गांव के सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत् रहें तथा उनके पिताजी भी एक शिक्षक रहें। उन्होने इस अवसर पर कहा कि बच्चों को नैतिक शिक्षा के साथ एक अच्छा संस्कारवान नागरिक बनाने में शिक्षक एक कुम्हार की भूमिका निभायें। जिलाधिकारी द्वारा प्राथमिक विद्यालय परिसर में संचालित हो रही आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें उनके द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को प्राप्त होने वाले टेक होम राशन की जानकारी चाही गयी तथा आंगबाड़ी केन्द्र में ए.एन.एम के आने के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। जिलाधिकारी द्वारा मध्याह्न भोजन की भी जानकारी बच्चों से ली गयी। जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय में पढने वाले छात्र छात्राओं से बारी-बारी से प्रष्न एवं गणित के सवाल पूछे गये, जिन्हे छात्र छात्राओं द्वारा सही-2 उत्तर दिया गया। निरीक्षण के अवसर पर आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित कर रही अध्यापिका से कहा कि आगामी 10 नवम्बर से मिसल-रूबेला टीाकारकरण का कार्यक्रम हैं जिसमें उन्होने आंगनबाड़ी मे अध्ययनरत् सभी बच्चों एवं आस पड़ोस में रहने वाले 9 माह से 18 आयु तक बच्चों का टीकारण अवश्य करायें। इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान सुन्दर सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि विद्यालय परिसर से लगी भूमि शहशाही आश्रम की है। तथा उससे उपर ग्राम सभा की भूमि है, जिसमें एक्सचेंज की आवश्यकता है। इस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन तथा उप जिलाधिकारी सदर को तुरन्त आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी सदर प्रत्युश सिंह, सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं तहसील कार्मिक मौजूद थे।
एक भावी कुशल नागरिक बनाने में अपना अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होने कहा कि यह सौभाग्य केवल शिक्षकों को ही प्राप्त है, जिन्हे भगवान से पहले गुरू की महिमा का वर्णन एवं अभिन्नदन किया जाता है। उन्होने कहा कि उन्हे जो समाज की दशा एवं दिशा बदलने का जो अवसर प्राप्त हुआ है, उसे जाया नही जाने देना चाहिए तथा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन समाज की सेवा के लिए मिला है उसे निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करना चाहिए, जिससे की वह इन छात्रों ने जो सपना देखा है उनके सपनों को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है। शिक्षक आवश्यकता पड़ने पर ही अवकाश का उपभोग करें।उन्होने विद्यालय में अध्ययरत छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की भी जानकारी चाही गयी जिस पर प्रधानाध्यापिका मनोरमा ने अवगत कराया है कि इस विद्यालय में वर्तमान में 3 शिक्षक कार्यरत हैं तथा 1 शिक्षक आज अवकाश पर हैं तथा विद्यालय में 64 छात्र छात्राएं पंजीकृत एवं अध्ययरत् है। जिलाधिकारी ने विद्यालय में संचालित हो रहे पुस्तकालय एवं वाचनालय का भी निरीक्षण किया गया तथा अध्यापकों से कहा कि बच्चों को पुस्तकालय में पढने का भरपूर अवसर प्रदान किया जाये जिससे वे पठन-पाठन की ओर गम्भीरता के साथ अध्ययन करेंगे। इस अवसर पर उक्त के द्वारा मध्याहन भोजन की भी जानकारी प्राप्त की तथा सप्ताह में बनने वाले भोजन का मेनू भी पूछा। जिलाधिकारी ने विद्यालय में बच्चों के साथ लगभग दो घण्टे रहे तथा उन्होने बताया कि वो भी ऐसे ही अपने गांव के सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत् रहें तथा उनके पिताजी भी एक शिक्षक रहें। उन्होने इस अवसर पर कहा कि बच्चों को नैतिक शिक्षा के साथ एक अच्छा संस्कारवान नागरिक बनाने में शिक्षक एक कुम्हार की भूमिका निभायें। जिलाधिकारी द्वारा प्राथमिक विद्यालय परिसर में संचालित हो रही आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें उनके द्वारा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को प्राप्त होने वाले टेक होम राशन की जानकारी चाही गयी तथा आंगबाड़ी केन्द्र में ए.एन.एम के आने के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। जिलाधिकारी द्वारा मध्याह्न भोजन की भी जानकारी बच्चों से ली गयी। जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय में पढने वाले छात्र छात्राओं से बारी-बारी से प्रष्न एवं गणित के सवाल पूछे गये, जिन्हे छात्र छात्राओं द्वारा सही-2 उत्तर दिया गया। निरीक्षण के अवसर पर आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित कर रही अध्यापिका से कहा कि आगामी 10 नवम्बर से मिसल-रूबेला टीाकारकरण का कार्यक्रम हैं जिसमें उन्होने आंगनबाड़ी मे अध्ययनरत् सभी बच्चों एवं आस पड़ोस में रहने वाले 9 माह से 18 आयु तक बच्चों का टीकारण अवश्य करायें। इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान सुन्दर सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि विद्यालय परिसर से लगी भूमि शहशाही आश्रम की है। तथा उससे उपर ग्राम सभा की भूमि है, जिसमें एक्सचेंज की आवश्यकता है। इस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन तथा उप जिलाधिकारी सदर को तुरन्त आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिये। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी सदर प्रत्युश सिंह, सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं तहसील कार्मिक मौजूद थे।
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