दुर्घटना में घायल विकलांग वरूण जैन को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया
देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे गंभीर मामले पर हमें तकनीकि पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयास करने होंगे इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने बच्चों से सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी
रखने के साथ ही इसके प्रति सजग रहने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों से जनहानि तो होती ही है। इसके मुआवजे व वाहनों के नुकसान से देश की जीडीपी 3 प्रतिशत तक बर्बाद हो जाती है। यदि इस नुकसान को कम किया जा सकें तो देश की जीडीपी 10 प्रतिशत पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि हम कानून बनाने से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते है, किन्तु उन्हें रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 33 प्रतिशत बच्चे होते है जिसमें 50 प्रतिशत की मृत्यु होती है। दुर्घटनाओं का खामियाजा माता-पिता को भुगतना पडता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति बच्चों में चेतना जगाने की जरूरत है। हमे इम्फोर्समेंट के बजाय जागरूकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा पुलिस विभाग की ट्रैफिक वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक, सचिव शिक्षा, परिवहन आयुक्त, उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष श्रीवास्तव, पदमश्री अवेधैश कौशल, पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य, कार दुर्घटना में घायल विकलांग वरूण जैन को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि यातायात की समस्या पूरी व्यवस्था को प्रभावित करती है। प्रदेश में वाहनों की संख्या निस्तारण बढ रही है। 2001 में 45 हजार वाहन प्रदेश में जिनकी संख्या आज 25 लाख हो गई। पर्यटन प्रधान प्रदेश होने के नाते हमें सड़क सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह,परिवहन आयुक्त डी.सैन्थिल पांडियन,शिक्षा सचिव डाॅ.भूपेन्दर कौर ओलख सहित विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
रखने के साथ ही इसके प्रति सजग रहने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों से जनहानि तो होती ही है। इसके मुआवजे व वाहनों के नुकसान से देश की जीडीपी 3 प्रतिशत तक बर्बाद हो जाती है। यदि इस नुकसान को कम किया जा सकें तो देश की जीडीपी 10 प्रतिशत पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि हम कानून बनाने से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते है, किन्तु उन्हें रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 33 प्रतिशत बच्चे होते है जिसमें 50 प्रतिशत की मृत्यु होती है। दुर्घटनाओं का खामियाजा माता-पिता को भुगतना पडता है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति बच्चों में चेतना जगाने की जरूरत है। हमे इम्फोर्समेंट के बजाय जागरूकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा पुलिस विभाग की ट्रैफिक वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक, सचिव शिक्षा, परिवहन आयुक्त, उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष श्रीवास्तव, पदमश्री अवेधैश कौशल, पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य, कार दुर्घटना में घायल विकलांग वरूण जैन को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि यातायात की समस्या पूरी व्यवस्था को प्रभावित करती है। प्रदेश में वाहनों की संख्या निस्तारण बढ रही है। 2001 में 45 हजार वाहन प्रदेश में जिनकी संख्या आज 25 लाख हो गई। पर्यटन प्रधान प्रदेश होने के नाते हमें सड़क सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह,परिवहन आयुक्त डी.सैन्थिल पांडियन,शिक्षा सचिव डाॅ.भूपेन्दर कौर ओलख सहित विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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