बद्रीनाथ मंदिर पर देवबंद के मौलाना अब्दुल लतीफ का विवादित बयान
सहारनपुर - जहां एक तरफ अयोध्या विवाद का अभी निपटा भी नहीं वही पर उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर पर नया विवाद खड़ा कर दिया गया है देवबंद में उत्तराखंड के रक्षा अभियान दल द्वारा बद्रीनाथ में रहने वाले मुसलमानों को गोमूत्र व गंगाजल पीने, नहीं तो बद्रीनाथ छोड़ने की धमकी दिए जाने पर दारुल उलूम निसवा के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ का विवादित बयान में उन्होंने कहा है कि धमकी देने वाले संगठन को शायद पता नहीं है कि बद्रीनाथ बदरुद्दीन शाह है जो मुसलमानों का धार्मिक स्थल है।उत्तराखंड रक्षा अभियान दल की धमकी पर मंगलवार को प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना अब्दुल लतीफ ने
कहा कि असल बात यह है कि बद्रीनाथ धाम नहीं है वो तो बदरुद्दीन शाह की मज़ार है, जो मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसलिए कायदे में उसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए। जबकि बदरुद्दीन के द्वारा लिखी आरती को बद्रीनाथ मंदिर में हर रोज गाया जाता हैं। बस यही वहां कि हकीकत हैं। इस बयान पर उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि इन लोगों को हिंदुस्तान का इतिहास नहीं पता मुसलमानों को आए अभी कितना वर्ष में जबकि बद्रीनाथ मंदिर हजारों सालों से वहीं पर है और राजनीतिक पचड़े पर ना पड़े और बयानबाजी ना करें!
कहा कि असल बात यह है कि बद्रीनाथ धाम नहीं है वो तो बदरुद्दीन शाह की मज़ार है, जो मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसलिए कायदे में उसे मुसलमानों के हवाले कर देना चाहिए। जबकि बदरुद्दीन के द्वारा लिखी आरती को बद्रीनाथ मंदिर में हर रोज गाया जाता हैं। बस यही वहां कि हकीकत हैं। इस बयान पर उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि इन लोगों को हिंदुस्तान का इतिहास नहीं पता मुसलमानों को आए अभी कितना वर्ष में जबकि बद्रीनाथ मंदिर हजारों सालों से वहीं पर है और राजनीतिक पचड़े पर ना पड़े और बयानबाजी ना करें!
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