सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाली गीतों रंकी गारंग प्रस्तुतियां

देहरादून - दीपावली से पूर्व आयोजित होने वाले हिमान्या सरस मेला का अयोजन पिछले दस दिनों से चल रहा था। जिसका 17 अक्टूबर को समापन हो गया।हिमान्या सरस मेले के अंतिम सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने गढ़वाली, पंजाबी, फ्री स्टाइल बाॅलीवुड डांस, कुमाऊँनी व जौनसारी गीतों पर कई रंगारंग प्रस्तुतियां देकर मुख्य अतिथि सहित पूरे मेले में मौजूद लोगों का मन मोह लिया।
हिमान्या सरस महोत्सव के समापन पर मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव द्वारा भारत के अन्य राज्यों से आये स्वयं सहायता समूहों के स्टाॅलों को पुरस्कार दिया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार वुमेन एण्ड चाइल्ड वेफेयर नागालैण्ड, द्वितीय पुरूस्कार साईं स्वयं सहायता समूह हरियाणा एवं तृतीय पुरूस्कार काली स्वयं सहायता समूह गुजरात को दिया गया।इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य के स्वयं सहायता समूह के स्टालों में प्रथम पुरूस्कार सहयोग स्वयं सहायता समूह, द्वितीय पुरूस्कार राकेश्वर बाबा समूह और तृतीय पुरूस्कार जय ग्वाल देवता समूह को दिया गया। विशेष दस्तकारी पुरूस्कार में लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह मध्य प्रदेश व जय सुहि माँ स्वयं सहायता समूह गुजरात को दिया गया।
उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  युगल किशोर पंत ने कहा कि इस मेले को सफल बनाने के लिए वे देहरादूनवासियों का धन्यवाद करतें हैं जिन्होंने यहां आकर मेले का आंनद लिया और खरीददारी करी। उन्होंने हिमान्या सरस महोत्सव में लगाये गये सभी स्टाॅलों व मेले से जुडे़ कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया।

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