केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण के सम्बंध में बैठक लेते मुख्य सचिव
देहरादून -केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के अंतर्गत सरस्वती नदी पर बाढ़ सुरक्षा और घाट का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा तीर्थ पुरोहित के आवासीय भवनों का निर्माण कार्य, मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण, सौन्दर्यीकरण, मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण कार्य,
आदि शंकराचार्य कुटीर और संग्रहालय का कार्य किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास 20 अक्टूबर को कर दिया है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने सचिवालय में बैठक की।
मुख्य सचिव ने सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए कि इस कार्य में तेजी लाने के लिए अलग से अधिकारियों की तैनाती की जाय। लगातार अनुश्रवण और समीक्षा की जाय बताया गया कि घाटों का निर्माण सिंचाई विभाग और एप्रोच रोड का निर्माण पर्यटन विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। बिजली, पानी, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं का विकास सम्बंधित विभाग द्वारा किया जायेगा। सभी निर्माण कार्य इस तरह से किये जायेंगे कि मंदिर का दृश्य दूर से दिखाई दे। रोड के दोनों तरफ बैठने और पानी की सुविधा होगी। प्रहर के अनुसार संगीत का वादन होगा। मंदिर के चारों और परकोटे का निर्माण होगा। मंदिर परिसर में निर्माण कार्य करते समय इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि इसका मूल स्वरूप बना रहे। तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाएं विकसित करते समय मंदिर की भव्यता और दिव्यता को बरकरार रखा जायेगा।बैठक में प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, मनीषा पंवार, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, डी.सैंथिल पांडियन, अरविंद सिंह ह्यांकी, हरबंश सिंह चुघ, दिलीप जावलकर, उषा शुक्ल, अपर सचिव डाॅ.पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आदि शंकराचार्य कुटीर और संग्रहालय का कार्य किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन परियोजनाओं का शिलान्यास 20 अक्टूबर को कर दिया है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने सचिवालय में बैठक की।
मुख्य सचिव ने सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए कि इस कार्य में तेजी लाने के लिए अलग से अधिकारियों की तैनाती की जाय। लगातार अनुश्रवण और समीक्षा की जाय बताया गया कि घाटों का निर्माण सिंचाई विभाग और एप्रोच रोड का निर्माण पर्यटन विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। बिजली, पानी, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं का विकास सम्बंधित विभाग द्वारा किया जायेगा। सभी निर्माण कार्य इस तरह से किये जायेंगे कि मंदिर का दृश्य दूर से दिखाई दे। रोड के दोनों तरफ बैठने और पानी की सुविधा होगी। प्रहर के अनुसार संगीत का वादन होगा। मंदिर के चारों और परकोटे का निर्माण होगा। मंदिर परिसर में निर्माण कार्य करते समय इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि इसका मूल स्वरूप बना रहे। तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाएं विकसित करते समय मंदिर की भव्यता और दिव्यता को बरकरार रखा जायेगा।बैठक में प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, मनीषा पंवार, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, डी.सैंथिल पांडियन, अरविंद सिंह ह्यांकी, हरबंश सिंह चुघ, दिलीप जावलकर, उषा शुक्ल, अपर सचिव डाॅ.पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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