राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने स्वच्छता अभियान में श्रमदान किया

देहरादून-स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत सेवा दिवस पर राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने नगर निगम काम्प्लैक्स के समीप श्रमदान करते हुए साफ-सफाई की। उनके साथ केबिनेट मंत्री  प्रकाश पंत, विधायक खजानदास ने भी स्वच्छता अभियान में प्रतिभाग किया। उन्होंने एक सार्वजनिक शौचालय के निर्माण की नींव भी रखी।
राज्यपाल डाॅ. पाल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। उन्होंने पर्यावरण मित्रों को स्वच्छता किट भी वितरित किए। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि स्वच्छता के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। इसमें शिक्षकों की अहम भूमिका हो सकती है। शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी दें और इसके लिए प्रेरित करें। स्वच्छता के प्रति जागरूक बच्चे अपने अभिभावकों व परिवारजनों को गंदगी फेलाने से रोक सकते हैं। समाज में स्वच्छता का एक सकारात्मक माहौल बनाना होगा।  राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान प्रारम्भ करते हुए आमजन को इससे जोड़ा। प्रधानमंत्री  के जन्म दिन को सेवा दिवस के तौर पर मनाकर हम सभी अपने घरों के साथ ही अपने मोहल्लों, सार्वजनिक स्थलों, शहरों, राज्य व देश की स्वच्छता का संकल्प ले रहे हैं। प्रधानमंत्री के भारत को खुले में शौच से मुक्त कराने की मुहिम को बड़ी कामयाबी मिल रही है। इस मुहिम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए हम सभी मिलकर काम करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि देश की स्वच्छता व इसे खुले में शौच से मुक्ति का महायज्ञ चल रहा है। इसमें हम सभी को अपने योगदान की आहुति देनी है। पक्के शौचालयों के निर्माण से न केवल स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि महिला कल्याण व महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।   राज्यपाल ने कहा कि स्वच्छता करना ही काफी नहीं है बल्कि स्वच्छता बनाए रखना अधिक महत्वपूर्ण है। यह तभी हो सकता है जबकि हमारा ध्यान लगातार इस ओर हो। स्वच्छता का भाव हमारी आदत में शुमार होना चाहिए। उत्तराखण्ड, देवभूमि है और इस देवभूमि में स्वच्छता का महत्व और भी अधिक है। इधर -उधर कचरा फैलाते समय हर व्यक्ति के जेहन में यह बात आनी चाहिए कि यह देवभूमि है। हम सभी को समझना होगा कि स्वच्छता हमारी मौलिक आवश्यकता है। राज्यपाल ने शहरी विकास के अधिकारियों को देहरादून की स्वच्छता की मुहिम में अधिक से अधिक वालन्टियर्स को जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर नगम की मोबाईल टीमें हों जो कि लगातार शहर का निरीक्षण करते रहे और जहां भी गंदगी हो, तुरंत साफ करवाए। आमजन द्वारा मोबाईल पर गंदगी की सूचना देने पर कार्यवाही किए जाने के संबंध में बताए जाने पर राज्यपाल ने कहा कि इस बात का पूरा रिकार्ड रखा जाए कि किसी व्यक्ति द्वारा कब  गंदगी के बारे में सूचना दी गई और कितनी देर में इस पर कार्यवााही की गई।  केबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि हम केवल अपने घरों की सफाई पर ही ध्यान देते हैं और मान लेते हैं कि सार्वजनिक स्थलों की सफाई का जिम्मा केवल सरकार का है। निस्संदेह सरकारी विभागों का दायित्व है। परंतु इसे अगर जनसाधारण का सक्रिय सहयोग मिल जाए तो गंदगी हो ही नहीं सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने सफाई का अभियान प्रारम्भ करते हुए करोड़ों लोगों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है आज निचले स्तर से लेकर सर्वोच्च स्तर तक विराजमान व्यक्ति भी एक साथ स्वच्छता के लिए संकल्पबद्ध है।  पंत ने कहा कि केवल कानून बनाने से परिवर्तन नहीं आता है। परिवर्तन होता है जब समाज आगे आता है। उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र ओडीएफ हो चुके हैं। अब शहरी क्षत्रों पर ध्यान देना है विशेष तौर पर साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर। इस अवसर पर विधायक  खजानदास, सचिव  राधिका झा,  रविनाथ रमन अन्य अधिकारीण व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। 

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