हिमालय दिवस पूरे देश में लगभग 400 से ज्यादा स्थानों में मनाया जायेगा

देहरादून-हिमालय दिवस की प्रैस वार्ता में (हम)परिवार की ओर से डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहां कि हर साल की तरह इस साल हिमालय दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है। डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहांकि हिमालय सदियों से वसुधैवकुटुम्बम की भावना से मानव-जाति के लिए सेवारत रहा है। देवतुल्य हिमालय देश व समाज की सभी प्राकृतिक उत्पादों से सेवा करता रहा है। हिमालय के परोक्ष व अपरोक्ष दोनों ही लाभ हमने भोगे हैं। पानी, हवा, मिटटी, जंगल जैसे हिमालय के उत्पादों ने ही देश की सभ्यता को जन्म दिया है। देवी देवताओं का वास होने के कारण साधू संतों ने इसे तपस्वी स्थल माना और आज भी हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में हर वर्ष देश विदेश से करोडो लोग अपनी आस्था के फूल चढाने आते हैं। प्राकृतिक संसाधनों के इस भण्डार से ही देश के वन
और खेत फलते फूलते हैं और साथ ही देश के 65 फीसदी लोगों के हिस्से का पानी भी इसी की देन है। दूसरी और बड़ी बात यह है कि हर पल ली जाने वाली प्राणवायु भी हिमालय की ही बदौलत है। परन्तु हम हिमालय को समझने में चूक कर रहे हैं, इसे मात्र हवा, मिटटी, पानी व बर्फ के ढेर से ज्यादा कुछ समझा नहीं गया। हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन ने त्रासदियों को ही न्यौता दिया है। हिमालय के बिगड़ते तेवर का संकेत पिछले कुछ वर्षों में हिमालयी राज्यों में आई त्रासदियों ने दे दिए हैं। मतलब साफ़ है कि हिमालय की रक्षा का
संकल्प अगर हम भावनाओं में बहकर ना भी करें लेकिन आने वाले महाविनाश की चिंता में तो कर ही सकते हैं।
गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हिमालय दिवस का आयोजन आगामी 9 सितम्बर को तय हुआ है। इस वर्ष हिमालय दिवस का विषय हिमालय का योगदान व हमारे दायित्व तय किया गया है। इस वर्ष हिमालय दिवस पूरे देश में लगभग 400 से ज्यादा स्थानों में जैसे कि जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश, प० बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, हैदराबाद व उत्तर-पूर्वी राज्यों में मनाया जायेगा। यह भी कोशिश की गई है कि उत्तराखंडी प्रवासी विदेशों में हैं वो भी हिमालय दिवस मनाएं। राज्य सरकार ने इस बार एक
महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए यह निर्णय लिया है कि राज्य भर में 1 से 9 सितम्बर तक हिमालय दिवस विभिन्न रूपों में मनाया जायेगा। इसके अलावा सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों व महाविद्यालयों में भी हिमालय दिवस को विधिवत मनाने की घोषणा की है। देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान जैसे कि वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम देहरादून, आर्यभट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑब्जरवेशनल साइंस नैनीताल, जी० बी० पन्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट अल्मोड़ा, वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया देहरादून, बी०एस०आई० देहरादून, जेड०एस०आई० देहरादून, फारेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया देहरादून, जी० बी० पन्त यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर, रिमोट सेंसिंग इंस्टिट्यूट देहरादून, नाबार्ड देहरादून, एल०बी०एस० नेशनल एकेडेमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन मसूरी, सेंटर ऑफ़ साइंस ऑफ़ विलेज महाराष्ट्र, सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट नई दिल्ली, मध्य प्रदेश विज्ञानं सभा भोपाल, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटीग्रेटेड रिसोर्स मेनेजमेंट असम, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिलेटस रिसर्च हैदराबाद, डिपार्टमेंट ऑफ़ बॉटनी जम्मू यूनिवर्सिटी, आई०बी०एस०डी० इम्फाल और वर्ल्ड
वाइड फण्ड फॉर नेचर हिमाचल प्रदेश से भी अनुरोध किया जा चुका है। इस बार हिमालय दिवस की विशेषता यह है कि राज्य सरकार ने दो दिवसीय हिमालय मंथन पर गोष्ठी का आयोजन कि आ है जिसमे वैज्ञानिक व सामाजिक कार्यकर्ता भागीदारी करेंगे। इस वर्ष (हम) हिमालय यूनिटी मिशन ने हिमालय दिवस पर रैली व विचार गोष्टी का आयोजन किया है। रैली 9 सितम्बर को प्रातः 10:30 से 11:30 बजे गाँधी चौक से घंटाघर – दर्शनलाल चौक- लैंसडाउन चौक होते हुए होटल डोंगा हाउस तक पहुंचेगी तत्पश्चात होटल डोंगा हाउस में 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक विचार गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार  त्रिवेन्द्र सिंह रावत को विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि का निमंत्रण दिया गया है। इसके साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों,प्रतिनिधियों एवं उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया
गया है। विचार गोष्ठी में उत्तराखंड के तमाम बुद्धिजीवी, स्वैच्छिक संगठन एवं ग्रामीण भागीदारी करेंगे।  , डॉ राकेश कुमार, जे पी मैठाणी, द्वारिका सेमवाल, कुसुम घिल्डियाल, विनोद खाती, प्रेम कंडवाल, मनमोहन नेगी, राजेश रावत और प्रमोद जोशी उपस्थित थे।

Comments

Popular posts from this blog

किधर गिरी आल्टो k10 खाई में हुई मां-बेटी की मौत

पूजा करने को जा रहे लोगों से भरी बोलेरो खाई में गिरी दस की मौत

गुमखाल में कार खाई में गिरी तीन की मौत