आयुक्त गढवाल ने घटना स्थल का मुआयना किया
देहरादून - आयुक्त गढवाल मण्डल दिलीप जावलकर ने आज दिलाराम चौक स्थित गढवाल जल संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया, उनके साथ जिलाधिकारी देहरादून एस.ए मुरूगेसन, डी.आई.जी गढवाल पुष्पक ज्योति एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती मौजूद थी।उनके द्वारा जल संस्थान परिसर के उस स्थल का मुआयना किया जहां विगत रात्रि क्लोरिन गैस के सिलेण्डर से रिसाव हुआ था।
उक्त क्लोरिन गैस सिलेण्डरों के द्वारा शहर में आपूर्ति हो रही है जल की क्लोरिन गैस द्वारा कीटाणुनाशक एवं फिल्टर करने के लिए जल के लिए प्रयुक्त किया जाता है। उन्होने जल संस्थान के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली, तथा जहां गैस सिलेण्डर खुले में रखे गये थे, उस स्थल का भी बारीकी से निरीक्षण करते हुए उन्होने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्हे सुरक्षित रखा जाय तथा उक्त सिलेण्डरों की आयातित कम्पनी की क्या भूमिका है। उन्होने हादसे में घायल पीडि़त व्यक्तियों के उत्तम इलाज के लिए कहा। उन्होने हादसे के कारण हुई घटना की जांच के लिए समिति गठन करने, जिसमें जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बाहर के विशेषज्ञ भी रहेगें जो इसकी सम्पूर्ण रिपोर्ट देगी जल संस्थान के अधिकारियोें ने उन्हे अवगत कराया कि क्लोरिन गैस के सिलेण्डरो से रिसाव के कारण 14 व्यक्ति पीडि़त हुए है, जिनमें 2 कर्मी स्टाफ, के हैं, 1 कार्मिक फायर बिगे्रड व 4 सी.पी.यू कर्मी के हैं तथा परिसर में रह रहे कर्मचारियों के 5 बच्चे हैं, जिन्हे रात्रि में ही 2 बच्चों को इन्द्रेश अस्पताल एवं तीन बच्चों को मैक्स हाॅस्पिटल में उपचार हेतु भर्ती किया गया है। जिन्हे आज डिस्चार्ज कर दिया जायेगा।आयुक्त गढवाल ने घटना स्थल के भ्रमण के साथ-साथ जल संस्थान के वाटर बाक्स का भी स्थलीय निरीक्षण किया एवं पानी को विभिन्न बाक्सेस से गुजरते हुए पानी की शुद्धता एवं फिल्टरेशन के कार्य को भी देखा, तथा अधिकारियों को निर्देशित किया की जल ही जीवन है, इसकी शुद्धता मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे शहर में निवास कर रहे व्यक्तियों को शुद्ध एवं गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो सके।
संस्थान के अधिकारियों ने अवगत कराया कि उक्त वाटर बाक्स वर्ष 1933 में ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्मित किया गया है, जिसकी क्षमता 18 एमएलडी है , जिसमें बांदल नदी का पानी आता है नया 8 एमएलडी का वाटर टेंक का निर्माण हो रहा है।
उक्त क्लोरिन गैस सिलेण्डरों के द्वारा शहर में आपूर्ति हो रही है जल की क्लोरिन गैस द्वारा कीटाणुनाशक एवं फिल्टर करने के लिए जल के लिए प्रयुक्त किया जाता है। उन्होने जल संस्थान के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली, तथा जहां गैस सिलेण्डर खुले में रखे गये थे, उस स्थल का भी बारीकी से निरीक्षण करते हुए उन्होने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्हे सुरक्षित रखा जाय तथा उक्त सिलेण्डरों की आयातित कम्पनी की क्या भूमिका है। उन्होने हादसे में घायल पीडि़त व्यक्तियों के उत्तम इलाज के लिए कहा। उन्होने हादसे के कारण हुई घटना की जांच के लिए समिति गठन करने, जिसमें जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बाहर के विशेषज्ञ भी रहेगें जो इसकी सम्पूर्ण रिपोर्ट देगी जल संस्थान के अधिकारियोें ने उन्हे अवगत कराया कि क्लोरिन गैस के सिलेण्डरो से रिसाव के कारण 14 व्यक्ति पीडि़त हुए है, जिनमें 2 कर्मी स्टाफ, के हैं, 1 कार्मिक फायर बिगे्रड व 4 सी.पी.यू कर्मी के हैं तथा परिसर में रह रहे कर्मचारियों के 5 बच्चे हैं, जिन्हे रात्रि में ही 2 बच्चों को इन्द्रेश अस्पताल एवं तीन बच्चों को मैक्स हाॅस्पिटल में उपचार हेतु भर्ती किया गया है। जिन्हे आज डिस्चार्ज कर दिया जायेगा।आयुक्त गढवाल ने घटना स्थल के भ्रमण के साथ-साथ जल संस्थान के वाटर बाक्स का भी स्थलीय निरीक्षण किया एवं पानी को विभिन्न बाक्सेस से गुजरते हुए पानी की शुद्धता एवं फिल्टरेशन के कार्य को भी देखा, तथा अधिकारियों को निर्देशित किया की जल ही जीवन है, इसकी शुद्धता मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे शहर में निवास कर रहे व्यक्तियों को शुद्ध एवं गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो सके।
संस्थान के अधिकारियों ने अवगत कराया कि उक्त वाटर बाक्स वर्ष 1933 में ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्मित किया गया है, जिसकी क्षमता 18 एमएलडी है , जिसमें बांदल नदी का पानी आता है नया 8 एमएलडी का वाटर टेंक का निर्माण हो रहा है।
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