नेशनल कार्बेट पार्क की भूमि पर कब्जा किये हुए कब्जाधारकों के पुनर्वासन एवं विस्थापन के सम्बन्ध में बैठक

देहरादून - प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने  वन मुख्यालय के मंथन सभागार में वन विभाग, नेशनल कार्बेट पार्क, जनपद पौड़ी के जिलाधिकारी एवं उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ पौडी जनपद के कालागढ में नेशनल कार्बेट पार्क की भूमि पर कब्जा किये हुए कब्जाधारकों के पुनर्वासन एवं विस्थापन के सम्बन्ध में बैठक कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिये।  रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कालागढ क्षेत्रान्तर्गत नेशनल कार्बेट पार्क की भूमि से कब्जाधारकों को हटाये जाने सम्बन्धी आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड पुनर्वास नीति- 2007 के तहत वहां के कब्जाधारकों के पुनवार्सन का निर्णय लिया था।  उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि कालागढ कार्बेट नेशनल पार्क के कब्जाधारकों में से जिन कब्जाधारकों ने उत्तराखण्ड पुनर्वास नीति- 2007 के तहत एफिडेविट दे दिया है  उनके पुनर्वास की प्रक्रिया आरम्भ कर दी जाय। उन्होंने कहा कि जिन कब्जाधारकों द्वारा एफिडेविड उपलब्ध करा दिये गये हैं उनकी सूची राजस्व विभाग को भी उपलब्ध करा दी जाय ताकि सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा सके।  रावत ने उत्तर प्रदेश सिचांई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके द्वारा कालागढ नेशनल पार्क क्षेत्रान्तर्गत जो अवैध रुप से तार बाढ की गयी है वे उसे शीघ्र ही हटाने का कार्य करें ताकि उस क्षेत्र में वन्य जीवों की आवाजाही प्रभावित न हो। डायरेक्टर कार्बेट नेशनल पार्क सुरेन्द्र मेहरा ने बताया कि वन विभाग द्वारा सन् 1968 में कालागढ में नेशनल कार्बेट पार्क की भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को डैम बनाये जाने हेतु इस शर्त पर दी गयी थी कि डैम बन जाने के बाद शेष भूमि पुनः नेशनल कार्बेट पार्क को वापस कर दी जायेगी किन्तु उत्तर प्रदेश के सिंचाइ विभाग द्वारा कार्बेट नेशनल पार्क को शेष भूमि वापस नहीं की गयी और उस शेष भूमि पर अन्य लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कब्जाधारकों को नेशनल पार्क की भूमि से हटाये जाने के आदेश दिये। इस आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी एनजीटी को दी गयी। श्री मेहरा ने बताया कि कालागढ क्षेत्रान्तर्गत कार्बेट नेशनल पार्क में 964 कब्जाधारक हैं जिनमें से 401 कब्जाधारकों द्वारा उत्तराखण्ड पुनर्वास नीति- 2007 के तहत एफिडेविड उपलब्ध करा दिये गये हैं। जिनमें से 540 कब्जाधारकों द्वारा एफिडेविड उपलब्ध नहीं कराये गये हैं जबकि शेष कब्जाधारकों ने हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ है। बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामी, प्रमुख वन संरक्षक आरके महाजन, मुख्य वन जीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, जिलाधिकारी पौडी सुशील कुमार, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से एके राणा व शेर सिहं आदि उपस्थित थे।  

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