मुख्यमंत्री ने सचिवालय में उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में अधिकारियों के साथ की चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कृषि, ऊर्जा, टीएचडीसी, परिवहन, वित्त, आवास, पर्यटन, पशुपालन, वन विभाग, चिकित्सा, शिक्षा, गन्ना, सिडकुल, सहकारिता आदि विभागों से परिसंपत्तियों के विषय में चर्चा की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिसंपत्तियों के विषय में उत्तर प्रदेश से बात करते हुए अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा जाए, साथ ही जिन विषयों पर कोर्ट में कार्यवाही चल रही हैं, उन पर कोर्ट में भी अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि हमें अपनी परिसंपत्तियों की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। जिनकी जानकारी हमारे पास नहीं है और यदि उत्तर प्रदेश से हमें जानकारी नहीं मिल पाती है, तो इसके लिए सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी मांगी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए सभी विभागों के लिए एडजस्ट करने के एक समान मानक बनाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन विभागों में बड़े स्तर पर परिसंपत्तियों का बंटवारा होना है उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। 
बैठक में बताया गया कि सिंचाई विभाग के अंतर्गत 1399 भवन उत्तर प्रदेश के नियंत्रणाधीन है जिनमें से उत्तर प्रदेश को मात्र 420 की आवश्यकता है। इनमें से 997 भवन उत्तराखण्ड शासन को दिए जाने हैं। हरिद्वार, उधमसिंहनगर एवं चंपावत में 5842 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश के नियंत्रण में है जिनमें से 2557.78 हेक्टेयर रिक्त भूमि पर उत्तराखंड का हक बनता है। कुंभ क्षेत्र की 697.578 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश के नियंत्रणाधीन है, यह भूमि राज्य बनने के पूर्व से ही कुंभ मेला कार्य हेतु सुरक्षित की गई है इसका उपयोग अन्य किसी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है। यह भूमि उत्तराखंड को मिलनी चाहिए। हरिद्वार की 10 में से 4 नहरों एवं उधमसिंहनगर कि 33 में से 25 नहरों का रखरखाव उत्तराखण्ड को मिलना चाहिए। टीएचडीसी भारत सरकार का उपक्रम होने के कारण एवं इसका पंजीकृत कार्यालय एवं प्रोजेक्ट उत्तराखण्ड की परिधि में होने के कारण इसकी 25 प्रतिशत सहभागिता उत्तराखण्ड को मिलनी चाहिए। कालागढ़ जल विद्युत गृह जिसकी क्षमता 198 मेगावाट है पूर्ण रूप से उत्तराखंड की परिधि में स्थित है इसके द्वारा उत्पादित विद्युत में उत्तर प्रदेश का अधिकार नहीं बनता। उत्तराखंड परिवहन निगम के उत्तर प्रदेश शासन को देनदारी 16.28 करोड़ रूपये की साथ ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के उत्तराखंड को देनदारी 43.47 करोड़ रुपए हैं। इसी प्रकार वित्त के अंतर्गत कोषागार एवं उपकोषागारों की वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक 2933.13 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखण्ड को दिया जाना है। उत्तर प्रदेश वन विभाग के अंतर्गत 173.28 करोड़ रुपए उत्तराखण्ड वन विकास निगम को भुगतान किया जाना है।बैठक में कैबिनेट मंत्री/शासकीय प्रवक्ता  मदन कौशिक, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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