उमा भारती ने विधानसभा में नमामि गंगे प्रोजेक्ट व पंचेश्वर बांध एवं भूजल पुनरुद्धार के सबंध में बैठक ली
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने विधानसभा में नमामि गंगे प्रोजेक्ट, पंचेश्वर बांध एवं भूजल पुनरुद्धार के सबंध में बैठक ली। बैठक में नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर हुई चर्चा के अंतर्गत बताया गया कि नये नियमों के अंतर्गत नमामि गंगे की एग्जिक्यूटिव एजेंसी ही शुरू के 05 वर्षाें में मेंटेनेंस का का कार्य करेगी, जिसे अगले 10 बर्षाें तक बढ़ाया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट में तेजी लाने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश एवं जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाए, जो इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर सके। इस पर मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा प्राधिकरण एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गंगा कमेटी की स्थापना शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता सभी संबंधित विभागों द्वारा मिलजुल कर कार्य करने पर ही संभव हो पाएगी। यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी गंगा को स्वच्छ रखें। मुख्यमंत्री ने स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप के लिए फुल टाइम डायरेक्टर की नियुक्ति के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री रावत ने केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती से अनुरोध किया कि हरिद्वार में कनखल एवं खड़खड़ी घाटों को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किया जाए।
बैठक के दौरान पंचेश्वर बांध पर चर्चा करते हुए केंद्रीय जल संसाधन सचिव डॉ. अमरजीत सिंह ने बताया कि पंचेश्वर बांध की डीपीआर पूर्ण हो चुकी है। इसमें राज्य की तरफ से वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव के अप्रूवल को अनुमोदन करें। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5040 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से उत्तराखंड राज्य को 600 मिलियन यूनिट प्राप्त होंगे, साथ ही लगभग 6000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहां की इस प्रोजेक्ट को गतिशीलता दी जाए। इस समय पंचेश्वर बांध को लेकर दोनों देशों भारत व नेपाल का सकारात्मक रवैया है। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तय समय सीमा के अंतर्गत सभी आवेदन पूर्ण कर लिये जाएं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती से अनुरोध किया कि उत्तराखंड की परिस्थितियों के अनुसार प्रभावित लोगों का पुनर्स्थापन में फ्लेक्सिबिलिटी रखी जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री रावत ने राज्य में भूजल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु सभी प्रकार के आवश्यक आंकड़े संबंधित विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने अपर आयुक्त डाॅ.हरक सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘द्रौणागिरी ट्रैक’’ एवं ‘‘पर्यावरण मित्र योजना का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट में तेजी लाने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश एवं जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाए, जो इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर सके। इस पर मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा प्राधिकरण एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गंगा कमेटी की स्थापना शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता सभी संबंधित विभागों द्वारा मिलजुल कर कार्य करने पर ही संभव हो पाएगी। यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी गंगा को स्वच्छ रखें। मुख्यमंत्री ने स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप के लिए फुल टाइम डायरेक्टर की नियुक्ति के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री रावत ने केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती से अनुरोध किया कि हरिद्वार में कनखल एवं खड़खड़ी घाटों को भी नमामि गंगे के अंतर्गत विकसित किया जाए।
बैठक के दौरान पंचेश्वर बांध पर चर्चा करते हुए केंद्रीय जल संसाधन सचिव डॉ. अमरजीत सिंह ने बताया कि पंचेश्वर बांध की डीपीआर पूर्ण हो चुकी है। इसमें राज्य की तरफ से वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव के अप्रूवल को अनुमोदन करें। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5040 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से उत्तराखंड राज्य को 600 मिलियन यूनिट प्राप्त होंगे, साथ ही लगभग 6000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहां की इस प्रोजेक्ट को गतिशीलता दी जाए। इस समय पंचेश्वर बांध को लेकर दोनों देशों भारत व नेपाल का सकारात्मक रवैया है। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तय समय सीमा के अंतर्गत सभी आवेदन पूर्ण कर लिये जाएं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती से अनुरोध किया कि उत्तराखंड की परिस्थितियों के अनुसार प्रभावित लोगों का पुनर्स्थापन में फ्लेक्सिबिलिटी रखी जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री रावत ने राज्य में भूजल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु सभी प्रकार के आवश्यक आंकड़े संबंधित विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने अपर आयुक्त डाॅ.हरक सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘द्रौणागिरी ट्रैक’’ एवं ‘‘पर्यावरण मित्र योजना का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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