बेटियों के साथ हो रहे उत्पीडन के विरोध में सर्वदलीय धरना

 देहरादून –  गांधी पार्क में विभिन्न दलों के पदाधिकारी और कांग्रेस कार्यकर्ता ने बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर सर्वदलीय धरना दिया।  उत्तराखण्ड राज्य जो कि एक बहुत ही शान्ति प्रिय और देवों की भूमि के रूप में जाना जाता है उसकी बहु-बेटियों के साथ हो रहे अपराधों के आंकडे निरन्तर बढ रहे हैं और चिंतनीय बने हुए हैं।


एनसीआरबी यानी नेशनल क्राईम रिपोर्ट ब्योरों के हिसाब से हर 24 घण्टों में उत्तराखण्ड की बेटी के साथ बलात्कार हो रहा है। इसी चिन्तनीय परिदृश्य को लेकर आज सांकेतिक धरना सभी विपक्षी दलों के द्वारा सोई हुई मूकबधिर सरकार को जगाने के लिए दिया गया। इस अवसर पर करन माहरा ने कहा कि बहुत ही आश्चर्य की बात है कि बेटी बचाओं बेटी पढाओं का नारा देने वाली सरकार ही लगातार बेटियों की उपेक्षा कर रही है, और बेटियों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार कर रही है।

करन माहरा ने कहा कि देश का मान सम्मान बढाने वाली स्वर्ण पदक विजेता महिला खिलाड़ी लम्बे समय से दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी आवाज को उठा रही हैं। बेटियों के स्वर्ण पदक लाने पर राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री आज बेटियों की पुकार सुनने को तैयार नहीं हैं, अब देश के किसान और आम जन भी बेटियों के समर्थन में आगे आ रहे हैं, और 28 मई को दिल्ली में बेटियों ने महापंचायत का ऐलान किया है, जिससे इस गूंगी बहरी सरकार को जगाया जा सके।

माहरा ने कहा कि चाहे दिल्ली में बैठी देश का सम्मान बढाने वाली बेटियां हो या ऋषिकेश कैबिनेट मंत्री की दंरिदगी का शिकार हुई सुरेन्द्र सिंह नेगी की पत्नी हो न्याय के लिए लगातार आवाज उठा रही हैं दिल्ली में धरने पर बैठी देश की बेटियां जहाॅ 28 मई को महापंचायत कर रही हैं वहीं ऋषिकेश की बेटी मंत्री के खिलाफ 25 मई को महापंचायत कर रही हैं यह बदलते हुए भारत का प्रतीक है कि बैंटियां अपने हक और न्याय के लिए हर सीमा तक लड़ सकती हैं।

माहरा ने कहा कि बहुत ही शर्मनाक बात है कि सरकार न पहाड़ की बेटी किरन नेगी को न्याय दिला पायी किरन के माता पिता सरकार के हर दरवाजे पर अपनी बात रखकर आये हैं, फिर भी उन्हें न्याय नही मिला।

माहरा ने कहा कि वहीं पहाड़ की दूसरी बेटी अंकिता भंडारी जो भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री के बेटे की दरिंदगी का शिकार हुयी उस मामले में भी न्याय की उम्मीद नहीं है, क्योंकि जिस वी0आई0पी0 का जिक्र बेटी ने अपने व्हाट्सएप चेट में किया था, उस मामले में पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नही बढ़ी उल्टा सरकार एवं पुलिस इस मामले में लीपापोती करती हुयी नजर आ रही है एक कमरे को वी0आई0पी0 बताया जा रहा है जो समझ से परे है। मामला साफ है कि प्रभावशाली लोगो को बचाने का काम सरकार और पुलिस कर रही है।

माहरा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नही बची है, ऋषिकेश में राज्य के कैबिनेट मंत्री खुलेआम मारपीट करते हुए नजर आये, मारपीट का वीडियो होने के बावजूद भी मंत्री के खिलाफ अभी तक कोई कठोर कार्यवाही नही की गयी है, वहीं पीडित व पीडित के परिवार को पुलिस लगातार परेशान कर रही है। जिसके खिलाफ पीडित सुरेन्द्र सिंह नेगी की पत्नी न्याय के लिए 25 मई को महापंचायत का ऐलान कर चुकी है। माहरा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि महापंचायत के माध्यम से इस मुद्दे को और जोरशोर से उठाया जा सकेगा। वहीं महिलाओं पर सरकारी जुल्म की लिस्ट रुक नही रही है देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 वी0पी0 सिंह की पोती न्याय के लिए देहरादून में दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। लेकिन पुलिस इस बेटी के साथ सोतेला व्यवहार कर रही है। स्व0 पूर्व प्रधानमंत्री की पोती खुलेआम राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर जो मुख्यमंत्री के बहुत ही करीबी माने जाते हैं उन पर आरोप लगा रही है कि उन्ही के दबाव में उन्हें न्याय नही मिल पा रहा है और पुलिस उक्त अधिकारी के दबाव में उनके साथ न्याय नही कर रही है और लगातार उनको न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हैं जो बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है। करन माहरा ने कहा कि स्व0 पूर्व प्रधानमंत्री की पोती के प्रकरण में स्वंय मुख्यमंत्री को संज्ञान लेकर उनकों न्याय दिलवाना चाहिए। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, जनतादल (एस) सर्वोदय, किसान महासभा, ए0आई0टी0यू0सी0 एवं अन्य विपक्षी दलों के राजनेताओं ने संयुक्त समन्वय का एलान करते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए कि वह दमनकारी नीति अपनाते हुए, हमारी पीडीता बेटियों को न्याय देने के बजाए दुष्कर्म, शोषण, उत्पीडन, अत्याचार, करने वालों का साथ दे रही है। मुख्य वक्ताओं के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, समर भण्डारी, इन्द्रेश मैखुरी, राजेन्द्र सिंह नेगी, हेमा पुरोहित, नरेश नौडियाल, लेखराज, सुर्यकान्त धस्माना, विरेन्द्र पोखरियाल, गरिमा दसौनी, जयेन्द्र रमोला, नवीन जोशी, लक्ष्मी अग्रवाल, डाॅ0 जसविन्दर गोगी, पूनम कैन्तूरा, अभिनव थापर, इत्यादी ने भी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के वक्तव्य से स्वंय को संबद्ध करते हुए धामी सरकार पर अराजक तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। वक्ताओ ंने कहा कि अब क्रांति का वक्त आ चूका है।  दमन और विध्वंशकारी सरकार की पराकाष्ठा हो चुकी है। ऐसे में जनता भाजपा का विकल्प तलाश रही है।  उत्तराखंड कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के नाते प्रदेश के सभी समान सोच और विचारधारा रखने वाले दलों से संपर्क साधेगी और जनहित और प्रदेश हित में आम जन के संघर्ष को एक नयी दिशा देने का प्रयास करेगी।


धरने के दौरान पी0के0अग्रवाल, पूरण रावत, गोदावरी थापली, हरविन्द्र कुशवाह, अशोक वर्मा, शंकर गोपाल, मानवेन्द्र सिंह, शीशपाल बिष्ट, बबन सती, आई0टी0सेल अध्यक्ष विकास नेगी, एनएसयूआई अध्यक्ष विकास नेगी, विनोद चैहान, राजेश चमोली, अमरजीत सिंह, शान्ति रावत, शिवानी मिश्रा थपलियाल, पिया थापा, उर्मिला थापा, कुंवर सजवाण, पूनम कण्डारी, प्रदीप जोशी, नीरज त्यागी, ललित भद्री, कोमल वोहरा इत्यादी शामिल रहे। धरने का संचालन परवादून के जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल ने किया।









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