दिनदहाड़े हुई डकैती की घटना को अंजाम देने वाले पांच डकैत माल सहित गिरफ्तार
देहरादून – संदीप अग्रवाल निवासी 107 नेहरू कॉलोनी देहरादून में सूचना दी गई की दोपहर करीब 12ः00 बजे चार अज्ञात बदमाशों द्वारा चाकू व तमंचे की नोक पर उनके घर में घुसकर उनकी माता सुनीता अग्रवाल, पिता विनोद अग्रवाल व बहन रश्मि अग्रवाल को डरा धमका कर उन्हें बंधक बनाते हुए उनसे सोने के जेवरात व नकदी लूट कर ले गए हैं। वादी द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कालोनी पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध मु0अ0सं0: 124/23 धारा: 395, 452, 342, 412, 35 भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया।
दिनदहाडे हुई डकैती की घटना की गम्भीरता के देखा सर्वप्रथम घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को देखा तो ज्ञात हुआ कि एक एक्टिवा व एक अपाचे मोटरसाइकिल में सवार चार लोग वादी के घर के अंदर घुसे और उनके द्वारा शातिराना अंदाज में गाड़ियां दूर खड़ी कर घटना को अंजाम दिया गया, इसके अतिरिक्त एक अभियुक्त निगरानी को घर के पास ही रुक गया । घटना कारित करने के मात्र 10 मिनट के पश्चात सभी अभियुक्त मोटरसाइकिल व एक्टिवा में फरार हो गए।
सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन करने पर उक्त वाहनों की नंबर प्लेट पर काली टेप चढ़ा होना पाया गया, जिस कारण वाहनों को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल था। गठित टीम द्वारा घटना के सम्बन्ध में जनपद देहरादून, हरिद्वार तथा मुजफ्फरनगर के लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ कि घटना से पूर्व कुछ लोगों द्वारा घर की भली-भांति रैकी की गई थी। सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन से पुलिस को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के फोटोग्राफ प्राप्त हुए, जिनकी तलाश में पुलिस टीम द्वारा जनपद हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर ,दिल्ली इत्यादि स्थानों पर अपने गोपनीय सूत्रों से जानकारी की गई तो गोपनीय जानकारी से उक्त घटना में मुजफ्फरनगर के ग्राम पचेन्डाकला के बदमाशों के शामिल होने के गहन साक्ष्य मिले। जिस पर पुलिस टीम ने अभियुक्त के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से सूचना एकत्रित करते हुए मुखबिर की सूचना पर 13-04-23 को घटना में सलिप्त 05 अभियुक्तों में से 04 अभियुक्तों विपिन, सचिन,विकास व अंकित को ग्रा0 पचेन्डाकला मुजफ्फरनगर तथा 01 अन्य अभियुक्त विकास जयसवाल को आईडीपीएल ऋषिकेश से गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से लूट का समस्त सामान बरामद किया गया। पूछताछ में अभियुक्त विपिन द्वारा बताया गया कि मैं देहरादून में अपने चचेरे भाई गुड्डू के पास अक्सर आता जाता रहता हूँ, जो Saint Annies स्कूल में काम करता है जो संदीप अग्रवाल का है। अपने चचेरे भाई से मैंने बातों-बातों में उसके मालिक के घर के बारे में काफी जानकारी जुटायी थी क्योकि संदीप अग्रवाल एक नामी स्कूल चलाता है तथा वर्तमान में एडमिशन सीजन होने के कारण मुझे उसके घर पर लगभग 40 से 50 लाख रू0 तक मिलने की उम्मीद थी, इसलिये मैने उसके घर में डकैती डालने का प्लान बनाया था। इस प्लान को मैंने अपने अन्य साथियों सचिन, अंकित तथा विकास को भी शामिल किया था। फिर हमने करीब 10 दिन पहले आकर घर की रेकी की थी व उसके दो दिन बाद ही घटना करने आये थे, किन्तु उस दिन उनके घर के बाहर काफी मजदूर काम कर रहे थे, जिस कारण हम वापस चले गए। 10 तारीख को हम लोग एक्टिवा व अपाचे मोटर साइकिल से देहरादून आये पर उस दिन भी मौका न मिलने के कारण हम ऋषिकेश में हमारे गावं के रहने वाले विकास जयसवाल के पास चले गये, जो पहले दिल्ली रहता था और वर्तमान में ऋषिकेश क्षेत्र में किराये पर रहकर एक होटल चलाता है। विकास जयसवाल को हमने अपनी योजना के बारे में बताया तो वो भी हमारी इस योजना में शामिल हो गया। विकास जयसवाल के कमरे में जगह कम होने के कारण मैं उसके कमरे में रुक गया व मेरे अन्य साथी विकास, सचिन और अंकित भानियावाला में काइट होटल में रुक गए। 11 तारीख को सुबह हम सब लोग प्लान के मुताबिक एक्टिवा व अपाचे बाइक में सीधे देहरादून नेहरु कॉलोनी SBI वाली गली में स्थित उक्त घर में पहुंचे जिसकी हमारे द्वारा पहले ही जानकारी जुटा ली गयी थी। हमने बाइक को घर से थोडी दूर एक पार्क के पास खड़ा किया व एक्टिवा सीधे घर के पास ले गए। विकास घर के बाहर रहा और हम चारों लोग घर में घुस गए व वहां मौजूद 2 महिलाओं ,एक बुजुर्ग को हमारे पास मौजूूद तमंचे व चाकू से डराते हुए उन्हें बंधक बनाकर उनसेे उनके पहने हुये जेवरात अंगूठी, कड़े व कान के टॉप्स तथा लगभग 6-7 हज़ार रूपये नगदी ले ली। हम घर पर अलमारी आदि चेक कर पाते इससे पहले ही उपरी मंजिल से एक महिला चिल्लाने लगी तो हम लोग डर कर वहां से भाग निकले। .उसके बाद हमने कैमरों से बचने के लिए अपने कपडे बदले और सीधे ऋषिकेश चले गए, जहाँ हमने विकास को छोड़ा व उसे उसके हिस्से की एक अंगूठी दी और बैराज घूमते हुवे सीधे अपने गावं आ गए, जो पैसे हमने लूटे थे वो हमारे खाने पीने में खर्च हो गए। हम जेवरात बेचने मुज्जफरनगर गए थे किन्तु बिना बिल के किसी ने उन्हें नहीं खरीदा तो हम वापस घर जा रहे थे कि इस दौरान ही पुलिस ने हमे पकड लिया।बरामदगी 04 सोने की अगूठी,04 सोने की चूड़ी, 02 सोने की कान की बाली, 01 तमंचा 315 बोर मय 01 जिंदा कारतूस, चाकू घरेलू इस्तेमाली, अपाचे मोटर साइकिल नं0 PB65 AA4480, एक्टिवा नं0: DL 8S CQ 3248।
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