पिता की भर्ती वैध है बाकी सब अवैध है, नारों के साथ धरने पर बैठे कर्मचारियों

 देहरादून- उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से भर्ती कर्मचारी अपनी बर्खास्तगी के विरोध में पहली बार सड़क पर उतरे। बर्खास्त कर्मचारियों ने विधानसभा के गेट के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरने पर बैठे। उनका कहना है कि 2016 और उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। जबकि उससे पहले के जितने भी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है उनको परमानेंट कर दिया गया।


जब उनके लिए जिस नियम का हवाला दिया जा रहा है जिस भ्रष्टाचार की बात कही जा रही है उसी तरह पहले भी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। यानी कि कुल मिलाकर बर्खास्त हुए सभी कर्मचारी केवल एक ही बिन्दु पर बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि 2016 से 21 तक विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के चलते 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था।

सभी कर्मचारी विधानसभा गठन के बाद से अभी तक की हुई सभी भर्तियों की जांच की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर विधानसभा में पहले तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही इन को बर्खास्त किया गया। बाद में सभी कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए थे और वहां से उनको राहत मिल गई थी लेकिन पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को बर्खास्त करने के फैसले को सही मानते हुए उनके अपील को खारिज कर दिया। 



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