तीन तारा सहित दस वीरांगनाओ को मां नंदा देवी सम्मान से किया सम्मानित

देहरादून –  श्री नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति ने मां नंदा देवी सम्मान समारोह आज विधानसभा भवन देहरादून में आयोजित किया।कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण सहित कई विशिष्ट अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।इस मौके पर पूर्व सांसद तरूण विजय, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट एवं कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास मौजूद रहे। इस अवसर पर उत्तराखंड के दो वीर शहीदों की माताओं सहित पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में समाज सेवा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने वाली 13 वीरांगनाओ को मां नंदा देवी सम्मान से सम्मानित किया गया।


      इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सम्मानित होने वाली महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड मां सती और मां पार्वती का क्षेत्र है तो यहीं मां नंदा भी है, यहां के हर क्षेत्र में मातृ शक्ति ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है| हमारे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र की महिलाएं न केवल स्वावलंबी बनकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी हैं, बल्कि भावी संगठनों का निर्माण करते हुए सशक्त भी हुई हैं। उन्होंने कहा की आज का युग महिला शक्ति का युग है। एक महिला परिवार में मां के साथ-साथ कई भूमिकाएं एक ही वक्त पर अदा कर रही है। यह उसका सामर्थ्य है कि वो घर-बाहर, हर मोर्चे पर अपना सर्वश्रेष्ठ दे पा रही है।


विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि सफल महिलाओं से प्रेरणा लेते हुए हर महिला आर्थिक स्वावलंबन की चुनौती स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि आज सम्मानित होने वाली सभी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों एवं अन्य उद्यमों के माध्यम से विपरीत परिस्थितियों में भी उपलब्धियां अर्जित की हैं और दूसरों को प्रेरित भी कर रही हैं। हर महिला को आर्थिक रूप से सशक्त होने और स्वावलंबी बनने का अवसर मिलना चाहिए। महिलाओं की प्रतिष्ठा व बराबरी के दर्जे में कोई कमी नहीं आए, ये हम सबका प्रयास होना चाहिए।

        केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने महिलाओं से समाज परिवर्तन में आगे आने का आह्वान करते हुए कहा की हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना है और अपनी शिक्षा व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना है।  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा  कि प्रदेश की महिलाएं आज किसी क्षेत्र से अछूती न रहकर हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्रो मे कार्य करने वाली सभी महिलाएं आज सम्मान की पात्र हैं।पहाड़ की महिलाएं आज मजबूत इच्छा शक्ति को लेकर आगे बढ़ी रही हैं।ये वीरांगना हुई नंदा देवी वीरता सम्मान से सम्मानितशहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की माता रेखा बिष्ट,शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की माता सरोज ढौंडियाल,फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट सेना की जांबाजी के किस्से से प्रेरित होकर पौड़ी की इस बेटी ने देश की सेवा में जाने का कदम उठाया।अनीता टमटा गंगनाथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से (देवलधार) बागेश्वर की रहने वाली इस वीरांगना ने कोरोना काल में मास्क बना कर, इंद्रा अम्मा भोजनालय संचालित करने सहित हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर क्षेत्र की कई महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ा।कलावती बडाल क्लाइंबिंग बियोंड द समिट्स (सीबीटीएस) की सक्रिय सदस्य हैं। धारचुला की रहने वाली इस पर्वतारोही ने 2021 की आपदा में भारत चीन सीमा पर बंद रास्तों के बीच अपनी टीम के माध्यम से हजारों लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया।तारा जोशी स्थानीय उत्पादों एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर टनकपुर चंपावत में ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार पैदा किया वहीं विभिन्न सहायता समूह का गठन कर आजीविका के संसाधन उत्पन्न किए।तारा टाकुली कपकोट बागेश्वर में विभिन्न समाज सेवा के कार्यों से महिलाओं को जागरूक करने की दिशा में कार्य किया।तारा पांगती मुंस्यारी, पिथौरागढ़ की रहने वाली तारा पांगती  ने समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य, महिला आयोग की सदस्य, जोहार घाटी महिला हथकरघा समिति की अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर रहते हुए महिलाओं के उत्थान की दिशा में कार्य किया।गीता देवी पांगती महिला जनजाति उत्थान समिति के माध्यम से मुनस्यारी में स्वयं सहायता समूह बनाकर हस्तशिल्प के कार्यों को बढ़ावा देते हुए महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान किए गए जिसके साथ ही पलायन को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।आशा देवी बागेश्वर की रहने वाली इस वीरांगना ने सैकड़ों स्वयं सहायता समूह एवं ग्राम संगठन बना कर क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा किया।निवेदिता पंवार चंबा टिहरी में ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए कोरोना जैसी महामारी एवं विभिन्न आपदाओं के समय क्षेत्र के लोगों की सेवा एवं समाज कार्य किया।सीता देवी बुरफाल पिथौरागढ़ निवासी 80 वर्षीय इस वीरांगना ने विगत कई सालों से समाज की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया साथ ही पलायन को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपनी भूमिका अदा की।बीना बेंजवाल लेखिका, कवि एवं कई सामानों से सम्मानित बीना बेंजवाल ने समय-समय पर विभिन्न पुस्तकों, पत्र पत्रिकाओं में समसामयिक महिला विमर्श एवं लोक भाषा पर लेखों के माध्यम से अपना योगदान दिया है।अशिता डोभाल नौगांव उत्तरकाशी की रहने वाली इस वीरांगना ने शिक्षा स्वास्थ्य और स्वावलंबन क्षेत्र में कार्य कर गरीब एवं वंचित वर्ग के लोगों को स्थानीय स्वरोजगार से जोड़कर आजीविका उपलब्ध कराई। साथ ही पहाड़ की गौरवमई संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखने के लिए पहाड़ी व्यंजन को विशेष पहचान दिलाने में अपना योगदान दिया।ममता रावत भटवाडी, उत्तरकाशी निवासी ममता रावत ने होमस्टे एवं ट्रैकिंग के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा एवं इन्होंने 2013 की आपदा में राहत कार्य में अपना विशेष योगदान दिया।





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