पांच सौ रुपए के 18 नकली नोटो के साथ दो शातिर गिरफ्तार
देहरादून – थाना प्रभारी रायपुर ने बाहरी संदिग्ध व्यक्तियों तथा असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने को अलग-अलग टीमें क्षेत्र में गश्त करती हैं। मुखबिर ने पुलिस टीम को सूचना दी कि रायपुर क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्ति नकली नोट चला रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने लोगों से पूछताछ करते हुए।
लोगों द्वारा बताये गये हुलिये के अनुसार संदिग्धों की तलाश शुरू की गयी। साथ ही लगभग 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का भी भी गहनता से अध्ययन किया गया। पुलिस टीम द्वारा किये गये अथक प्रयासों और तत्काल में की गई कार्यवाही से दो सन्दिग्ध व्यक्तियो को चिन्हित किया। मुखबिर खास की सूचना पर लाडपुर तिराहे के पास से दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोककर उनकी तलाशी ली गयी तो उनके पास भारतीय मुद्रा के 500-500 रू0 के 18 नकली नोट कुल 9000 रू0 बरामद हुए। जिस पर दोनो अभियुक्तों अवनीत कुमार पुत्र महकार सिंह निवासी ग्राम खानपुर माधोपुर उर्फ हाजीपुरा थाना मंडावर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश उम्र 30 वर्ष से भारतीय मुद्रा 500 रू0 के 10 नकली नोट तथा विनय कुमार पुत्र मूल चंद निवासी ग्राम रतनपुर थाना मंडावर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश उम्र 28 वर्ष से भारतीय मुद्रा 500 रू0 के 8 नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया। दोनो अभियुक्तों के विरुद्ध थाना रायपुर में दो अलग-अलग अभियोग अंतर्गत धारा 420, 468, 489, 489 B भादवि पंजीकृत किए गए। पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया कि हम दोनों बिजनौर के रहने वाले हैं तथा हमारे गांव आस पास है। अभियुक्त अवनीत द्वारा बताया गया कि मेरी पत्नी बीमार रहती हैं। जिसके इलाज मे काफी पैसे खर्च हो चुके हैं। जिस कारण मैं काफी परेशान रहता था। मैने सोशल मीडिया के माध्यम से नकली करेंसी का पता चला । जिससे मेरे मन में लालच आ गया। जिसके बारे मे मैने अपने साथी विनय को भी बताया। तब हम दोनो की मुलाकात केशव नाम के व्यक्ति से नोएडा सेक्टर 22 मे हुई। केशव का नेटवर्क भारत के कई राज्यों में फैला है। तब केशव ने हमे अलग अलग राज्यों में नकली करेंसी सप्लाई करने के लिए दी तथा हमे नकली नोट चलाने के बारे में बताया और 500 रू0 के कई नकली नोट दिखाये जो दिखने में हूबहू असली 500 के नोट की तरह थे। उसने एक असली 500 के नोट के बदले हमे चार नकली 500 के नोट दिए और आसपास चलाने को बोला हमने उन चार नकली नोटो को आसपास के दुकानों में जा कर समान खरीदा और उन नकली नोटो को दिए तो कोई उन नकली नोटो को पहचान नहीं पाया । इस प्रकार हुए फाएदे से हमारा लालच बढ गया, उसने हमें बताया था कि अब आगे से अलग अलग राज्यों में जा कर धीरे धीरे इन नकली नोटो को चलाना है ताकि किसी को शक भी ना हो, वह एक बार मे हमें 20-21 हजार से अधिक के नकली नोट नही दिया करते थे फिर हमने कुछ महीने पहले ही तीन अलग अलग किस्तो में करीब 08 हजार के नकली नोट अलग-अलग प्रदेशो के अलग अलग जिलो में चलाए। कुछ दिन पहले ही हमने उसी व्यक्ति से 21 हजार के नकली नोट लिए जिनमे से 12 हजार नकली नोट हमने बिजनौर में चलाए बाकी बचे 09 हजार लेकर हम देहरादून आये, परन्तु यहाँ देहरादून में जगह-जगह पुलिस की टीमें बाहरी लोगों को पकड़कर पूछताछ कर रही थी इस कारण हम ओर नोट नही चला पाए, बाकी के नकली नोट को चलाने के लिए हम लोग राजस्थान जाने वाले थे कि पुलिस ने हमे पकड़ लिया। पूछताछ में इन लोगो ने यह भी बताया कि जिनसे इन्होंने नकली नोट लिए है वह बहुत ही शातिर किस्म के है शक होने पर तत्काल अपने नम्बर और जगह बदल लेते है। केशव से हम लोग उसके फ़ोन पर ही संपर्क करते थे। केशव ने कभी हमे अपना घर नही दिखाया, वह हमेशा हमसे फोन पर ही बात कर बताये गये स्थान पर हमें बाहर ही आकर मिलता था।
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