चेन स्नेचिंग करने वाले चार मुख्य आरोपी गिरफ्तार

 देहरादून — चेन स्नेचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले अभियुक्त जुगनू तथा सोनू अपने अन्य साथियों कन्हैया और बिल्लू,  जो मूल रूप से झिंझाना के रहने वाले हैं तथा वर्तमान में पुलिस के डर से झिंझाना के आस-पास के क्षेत्र में कहीं छुपे हुए हैं, से मिलने ग्रा0 खोकसा, झिंझाना आये हैं। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल थाना झिंझाना से स्थानीय पुलिस को साथ लेकर अभियुक्तों के मिलने के सम्भावित स्थान ग्राम खोकसा में दबिश देकर घटना में संलिप्त चारों अभियुक्तों जुगनू उर्फ जोगेन्दर, सोनू, कान्हा उर्फ कन्हैया तथा बिल्लू को मौके से गिरफ्तार किया गया


जिनसे पूछताछ में उन्होंने बताया की  देहरादून में विभिन्न स्थानों में चेन स्नेचिंग की घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार करते हुए लूटी गयी चेनों को सहसपुर क्षेत्र में होरावाली रोड पर मजार जाने वाले रास्ते के पास जंगल में छुपाना बताया गया। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों की निशानदेही पर घटना में लूटी गयी चेनों को अभियुक्तों द्वारा बताये गये स्थान से बरामद किया गया। जुगनू उर्फ जोगेन्दर पुत्र बाबूराम निवासी चोरखाला सहसपुर देहरादून मूल निवासी अहमदगढ थाना तथा झिंझाना शामली उत्तर प्रदेश, सोनू पुत्र स्व0 बुद्ध सिंह निवासी अहमदगढ थाना झिंझाना जिला शामली उत्तर प्रदेश,कन्हैया उर्फ कान्हा पुत्र राजकुमार निवासी ग्रा0 खोकसा थाना झिंझाना जिला शामली उत्तर प्रदेश, बिल्लू पुत्र स्व0 दरियाब सिंह निवासी खानपुर जाटान थाना झिंझाना जिला शामली उत्तर प्रदेश ने पूछताछ में अभियुक्त जुगनू उर्फ जोगेन्दर ने बताया कि मैं मूल रूप से अहमदगढ थाना झिंझाना का रहने वाला हूँ तथा वर्तमान में सहसपुर क्षेत्र में चोरखाला मस्जिद के पास रहता हूँ। पूर्व में मैं छोटा हाथी चलाने का काम किया करता था, परन्तु लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी के कारण मैने छोटा हाथी बेचकर सहसपुर में एक खिलौने की दुकान खोल ली थी। 10 अप्रैल 22 को मैं अपने ससुराल झिंझाना शामली गया था, जहां मेरी मुलाकात अपने दो अन्य साथियों बिल्लू और कन्हैया से हुई। बिल्लू गांव में ही मजदूरी का काम तथा कन्हैया पिकअप चलाने का काम  करता था। उनके द्वारा मुझे बताया गया कि वर्तमान में कोई काम न होने कारण हमारी आर्थिक स्थिती ठीक नहीं है, जिस पर हमने जल्दी पैसा कमाने के लालच में देहरादून में चेन स्नेचिंग की घटना करने की योजना बनाई तथा  योजना में अपने एक अन्य साथी सोनू को भी शामिल कर उसे अपनी मोटर साइकिल के साथ 28 अप्रैल 22 को देहरादून आईएसबीटी के पास मिलने के सम्बन्ध में बताया।योजना के अनुसार 28 अप्रैल 22 की सुबह समय: 04: 30 बजे मैं, कन्हैया और बिल्लू गांव के ही एक व्यक्ति सतपाल की पल्सर मोटर साइकिल,  जिस पर हमने एक फर्जी नम्बर प्लेट लगाई थी, को लेकर देहरादून की ओर निकले। देहरादून से पहले कन्हैया ने मुझे और बिल्लू को जंगल में एक स्थान पर उतार दिया और उसके बाद मोटर साइकिल लेकर सोनू से मिलने आईएसबीटी देहरादून चला गया। कुछ समय बाद मैं और बिल्लू भी एक टैम्पो से आईएसबीटी के पास एक पुल पर पहुंचे जहाँ हमें सोनू और कन्हैया मिले। इसके पश्चात मैं और बिल्लू होंडा बाइक से तथा कन्हैया और सोनू पल्सर मोटर साइकिल से रिस्पना होते हुए मियांवाला की ओर गये, जहां तुनवाला के पास सोनू और कन्हैया ने एक महिला की चेन लूट ली तथा पुलिस की चैकिंग के डर से उन्होने वह लूटी हुई चेन मुझे और बिल्लू को दे दी। फिर हम लोग नालापानी चौक होते हुए मयूरविहार पहुंचे तो वहां मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास सोनू व कन्हैया ने एक और महिला से सोने की चेन लूटकर हमें दे दी, उसके पश्चात हमारे द्वारा निम्बूवाला कौलागढ रोड पर एक राह चलती महिला, पित्थूवाला पटेलनगर क्षेत्र में एक दुकान में बैठी बुजुर्ग महिला तथा सेलाकुई बाजार में एक महिला के साथ चेन लूट की घटनाओं को अंजाम दिया गया। प्रेमनगर क्षेत्र में भी हमारे द्वारा एक महिला से चेन लूटने का प्रयास किया गया था, परन्तु उक्त घटना में हमारे हाथ केवल चेन का पैण्डल ही लगा। घटनाओं को अंजाम देने के बाद हमने सेलाकुई के पास जंगल में लूटी हुई चेनों को आपस में बांट लिया, परन्तु पुलिस द्वारा पकडे जाने के डर से हम सभी ने लूटी हुई चेनों को सहसपुर के पास के जंगल में छुपा दिया। उसके बाद सोनू अपनी मोटर साइकिल के साथ सहसपुर में ही रूक गया तथा कन्हैया जंगल के रास्ते होते हुए पल्सर मोटर साइकिल से तथा मैं और बिल्लू वहां से बस में बैठकर झिझाना आ गये।  30अप्रैल 22 को सोनू भी अपनी मोटर साइकिल से झिंझाना आ गया। उसके बाद हमने दोनो मोटर साइकिलों को गांव के पास ही एक टीकरी में छुपा दिया। इसी बीच हमें जानकारी हुई कि देहरादून पुलिस हमारी तलाश मे जगह-जगह छापेमारी की कार्यवाही कर रही है, जिससे डरकर मैं और सोनू पुलिस से बचने के लिये झिंझाना से दिल्ली भाग गये तथा बिल्लू और कन्हैया झिंझाना में ही किसी गुप्त स्थान में छुप गये।  दिल्ली में हम अपने एक साथी सोनू यादव के सोनिया विहार स्थित घर पर गये तथा सोनू यादव को सभी घटनाओं के बारे में बताकर पुलिस से बचने के लिये किसी सुरक्षित स्थान में ले जाने को कहा। उसके बाद सोनू यादव हमें अपने ऑटो से अपने साथी गुलशन के कमरे पर छतरपुर ले गया, जहां रात को रूकने के बाद मैं और सोनू, सोनू यादव के ऑटो से दिल्ली से बागपत होते हुए रूडकी आये तथा रात को वहां रूकने के बाद सुबह सोनू यादव हमें हाथीपुल पर छोडकर वापस चला गया। चूंकि देहरादून पुलिस द्वारा लगातार हमारी तलाश हेतु जगह-जगह छापेमारी करते हुए हमारी सहायता करने वालों की गिरफ्तारी की जा रही थी तथा पुलिस से लगातार बचने व इधर उधर छुपने में हमारा सारा पैसा समाप्त हो गया था,  इसलिये हमने देहरादून में छिपाई सोने की चेनों को लाकर बेचने का फैसला किया तथा इसके लिये अपने दो अन्य साथियों कन्हैया और बिल्लू से सम्पर्क किया, जिन्होने हमें झिंझाना में मिलने को कहा। हरिद्वार से मैं और सोनू बस के माध्यम से झिंझाना शामली पहुंचे तथा जैसे ही हम लोग कन्हैया और बिल्लू से मिलने उनके बताये गये स्थान पर पहुंचे पुलिस ने गिरफ्तारी कर लिया उनसे 05 चेन पीली धातु,  01 पेण्डल पीली धातु मिली।



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