बहुचर्चित किडनी कांड में फरार बीस हजार रूपए का इनामी डॉक्टर गिरफ्तार
देहरादून – डॉक्टर अक्षय राऊत उर्फ बॉबी उर्फ अक्षय उर्फ अक्षय संतोष 11 सितंबर 17 से फरार चल रहा था। जिसके विरुद्ध पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने 20000/ (बीस हजार रुपए।) का इनाम भी घोषित किया था। वह भारत के विभिन्न हिस्सों में छिप कर रहा था। अभियुक्त अक्षय राउत के विरुद्ध मु0अ0 सं0 256/17 तथा मु0अ0स0 294/17 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई है और न्यायालय से वारंट जारी है।
बहुचर्चित किडनी कांड में इस अभियोग में अब तक 17 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है तथा उपरोक्त अभियोग में 09 दिसंबर 17 को आरोप पत्र संख्या 303/17 पार्ट पेंडिंग न्यायालय प्रेषित किया गया था तथा 17 दिसंबर 18 को आरोप पत्र संख्या 303A/2018 न्यायालय प्रेषित किया गया। वांछित अपराधी अक्षय राउत किडनी कांड में 04 वर्ष से फरार चल रहा था।अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राउत के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 256/17/ धारा 420/120बी/342/370(i) IPC व मु0अ0स0 294/17 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट में भी न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। मुखबिर से मिली जानकारी के बाद थानाध्यक्ष रायवाला भुवन चंद्र पुजारी द्वारा एक टीम गठित कर अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए अभियुक्त की प्राप्त लोकेशन के आधार पर गैर प्रांत असम, /पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के लिए रवाना हुए। फरार इनामी अभियुक्त अक्षय राउत जो कि लगातार अपना नाम बदल बदल कर गैर राज्यों/शहरों बेंगलुरु, पुणे, असम, कोयंबटूर, कोलकाता आदि स्थानों में छिपकर रह रहा था। वर्तमान में अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत Pristyn Cair Center प्रिसटीन केयर में गुवाहाटी में प्रैक्टिस कर रहा था जिसे रिचर्ड अब्राहम लॉरेंस, गुवाहाटी दिसपुर असम से 14 नवंबर 21 को गिरफ्तार किया। अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत उर्फ बॉबी उर्फ अक्षय उर्फ अक्षय संतोष पुत्र डॉ अमित राउत उर्फ संतोष राउत निवासी D-5/29 DLF फेस फर्स्ट गुड़गांव हरियाणा/जियानगर मकान नंबर 7 ले नंबर 9 नियर जगन्नाथ मंदिर थाना दिसपुर, जिला कामरूप, /निवासी अलकनंदा गुलमोहर क्रॉस रोड नंबर 10 JVPP स्कीम मुंबई महाराष्ट्र (उपरोक्त पता अभियुक्त के पासपोर्ट व पैन कार्ड नंबर का है।
अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसका जन्म 7 जनवरी 1982 में बांद्रा मुंबई में हुआ था, उसकी माँ का नाम सुनीता राऊत तथा पिता का नाम डॉक्टर अमित राऊत है। डॉ अमित राऊत आयुर्वेदा से डॉक्टर हैं तथा माता होम्योपैथिक डॉक्टर थी। पापा ने दूसरी शादी 1988 में पूनम नाम की महिला से की उनके दो बच्चे ईशान व मिशान है वह कनाडा में रहती है। मेरे पापा का मुंबई में सांताक्रुज में कौशल्या नर्सिंग होम के नाम से अपना क्लीनिक था, वहां पर वह ट्रांसप्लांट सर्जरी करते थे। मेरे पिता के भाई जीवन राऊत भी साथ में रहते थे। महाराष्ट्र में मेरे पिता व उनके भाई पर कई केस दर्ज हो गए। मैने वर्ष 2001 में एमबीबीएस की पढ़ाई KNR यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस तेलंगाना वारंगल महाराष्ट्र से की। वर्ष 2005 में मेरे पापा गुड़गांव में पूनम के साथ वहाँ किडनी ट्रांसप्लांट का केस कर वहां से भाग गए, तब मुझे बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ी । मेरे पिता के साथ डॉक्टर जीवन राऊत व डॉ अमित राऊत भी किडनी ट्रांसप्लांट किया करते थे। डॉक्टर जीवन राउत का परिवार गुड़गांव में ही रहता था, वहां भी उनकी पूरी टीम थी, गुड़गांव सेक्टर 43/74 में उनका अपना ही हॉस्पिटल था, वहां केस करने के बाद वह नेपाल में वर्ष 2008 में पकड़ा गया था। नेपाल में सीबीआई द्वारा डॉक्टर जीवन राउत को विदेशी करेंसी के साथ पकड़ा था। अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत द्वारा बताया गया की उसके द्वारा वर्ष 2009 से 2012 तक मुबई में एक मेडिकल हास्पिटल में आरएमओ का जॉब किया तथा वर्ष 2017 में वह अपने पिता डॉ अमित राऊत पुत्र रामेश्वर उर्फ पुरुषोत्तम के पास देहरादून स्थित सेंचुरी गंगोत्री अस्पताल डोईवाला में आता रहता था। जहां उसके द्वारा बहुचर्चित किडनी कांड में अपने पिता अभियुक्त डॉक्टर अमित कुमार व अन्य अभियुक्तों का साथ दिया था। घटना के बाद मेरे पिता डॉक्टर अमित राउत ने मुझे चंडीगढ़ से रुपए देकर वहां से दूर अन्यत्र स्थान पर चले जाने को कहा था, जिससे कि पुलिस मुझे ना पकड़ सके। अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत द्वारा बताया गया की वह पिछले 04 वर्षो से अपना नाम व अपनी आईडी बदल बदल कर गैर राज्यों/शहरों बेंगलुरु, पुणे,आसाम, कोयंबटूर, कोलकाता आदि जगहों पर विभिन्न अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहा था। वर्तमान समय में वह Pristyn Cair Center प्रेस्टाइन केयर सेंटर गुवाहाटी में पाइल्स के रोगों की प्रैक्टिस कर रहा था। डॉक्टर अक्षय राऊत की पहली मां का नाम सुनीता द्वितीय माता का नाम पूनम व तृतीय माता का नाम बुलबुल कटारिया है। अभियुक्त डॉक्टर अक्षय राऊत द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा सेंचुरी गंगोत्री अस्पताल डोईवाला में कई लोगों के गैर कानूनी ढंग से अंग प्रत्यारोपण कर लाखों रुपए कमाए गए, जिसमें उसने अपने पिता डॉ0 अमित राउत व अन्य गिरफ्तार 16 अभियुक्तों का पूरा साथ दिया था।
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