सात किमी पैदल दुर्गम रास्ते से कोविड संक्रमित को पहुंचाया एम्बुलेंस तक

पिथौरागढ़ – पहाड़ तो पहाड़ होता है और वो भी दुर्गम  पगडन्डी वाला रास्ता, एस डी आर एफ भी कहां हार मानने वाली थी सात किलोमीटर के इस दुर्गम रास्ते पर पगडंडियों के बीच होते हुए एस डी आर एफ ने अपनी वर्दी के ऊपर  कोविड पीपीई पहनी हुई थी जो शरीर के पानी को भी निचोड़ देता है। ओर शरीर को भिगो देता है पसीने से, कांधे पर  स्ट्रेक्चर पर  जिस पर है 82 वर्षीय  कोविड संक्रमित बुजर्ग, ओर बुलन्द हौसले के साथ  ह्रदय में सुरक्षित पहुंचाने की  आस और जिम्मेदारी लिए एस डी आर एफ उत्तराखंड पुलिस के जवान।


   जी हां यह वाकया है पिथौरागढ़ के लिलम क्षेत्र का, जहां दुर्गम क्षेत्र में पहुँचने में एस डी आर एफ को 3 घण्टे का समय लग गया, मिलम से आगे बूई गाँव मे एक बुजर्ग के कोविड संक्रमित होने के साथ ही स्वास्थ्य के बिगड़ने की सूचना एस डी आर एफ को प्राप्त हुई , जिस पर टीम सब इंस्पेक्टर मनोहर कन्याल के हमराह गाँव को रवाना हुई थी।  मुनस्यारी से लिलम 25 किमी ओर तद्पश्चात 7 किमी का उबड़ खाबड़ एरिया पार कर लगता है बूई गाँव । इस गाँव मे रहते है एक गरीब बुजर्ग दम्पति जो एक झोपड़ी में निवास करते है। 


         कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य  विभाग की टीम द्वारा ग्रामीणों का स्वास्थ्य  चेकअप किया, जिसमे बुई गाँव  के  गोपाल सिंह उम्र 82  वर्ष  कोविड संक्रमित निकले, जिन्हें गाँव मे ही आइसोलेट किया गया था। बुजर्ग दम्पति गाँव मे झोपड़ी में  अकेले रहते थे परिजन न होने के कारण कोई मदद को आगे नही आया,  ग्रामीणों से सड़क मार्ग पर पहुंचाने  की उम्मीद थी किन्तु सुरक्षा के दृष्टिगत ओर पीपीई किट न होने पर ग्रामीणों ने सहायता से मना कर दिया, इस दशा में एस डी आर एफ उत्तराखंड पुलिस के द्वारा  मानवीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए बुजर्ग को लिलम ओर तद्पश्चात एम्बुलेंस से मुनस्यारी को रवाना किया,  जवानों के इस मानवीय  कार्य की सभी ने सराहना की ओर सराहना की कोविड की इस  जंग में  एस डी आर एफ के बुलन्द हौसलों की।

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