किसी एक रेस्क्यू से नही आंका जा सकता देवदूत एस डी आर एफ का मानक
विजयनगर रुद्रप्रयाग – एस डी आर एफ की स्थापना 09 अक्टूबर 2013 में केदार घाटी की आपदा के तत्कालीन कारणों के पश्चात की गई, स्थापना के बाद से वर्तमान तक एस डी आर एफ ने अनेक छोटे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशनों में सम्मलित होकर हज़ारों जिंदगियों को सुरक्षित बचाया है,साथ ही एस डी आर एफ के जवानों ने अनेक प्रकार के प्रशिक्षण भी प्राप्त किये रेस्क्यू कार्यों मे पारंगता हासिल होने से जवानों ने प्रदेश में ही नही वरन अन्य प्रदेश में भी अपनी छाप छोड़ी ।
कल 6 अप्रैल को रुद्रप्रयाग के विजयनगर क्षेत्र में मंदाकनी नदी में पानी के बहाव के बढ़ जाने पर अनेक ग्रामीणों को सुरक्षित पर कराया है, जिसकी ग्रामीणों ने सराहना और प्रशंसा भी की, वही सोशल मीडिया के माध्यम से यह भी अफवाह फेली कि एस डी आर एफ एक आदमी का रेस्क्यू नही कर पायी , जो पूर्णतः गलत ओर भ्रामक है, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एस डी आर एफ को रेस्कयू के दौरान यह खबर मिली कि एक व्यक्ति मंदाकनी के तेज बहाव में फंसा है जिस पर जवान कुछ दूरी पर स्थित घटना स्थल पर पहुँचे, तो व्यक्ति नदी के बीच मे एक बड़े पथ्थर पर दिखा , टीम के द्वारा रेस्क्यू आरम्भ किया, जिस दौरान डेम द्वारा पानी छोड़े जाने से पानी की मात्रा अत्यधिक बढ़ी हुई थी, इसलिए टीम को रेस्कयू कार्य मे अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उसी दौरान नदी का जल स्तर कम होने लगा तो टीम ओर दूसरी छोर से कुछ ग्रामीण, युवक को बचाने के लिए नदी में उतरे, दूसरी छोर से दूरी कम होने से ग्रामीण शीघ्र युवक के पास पहुंच गए ओर साथ साथ युवक को भी ले आये। ऐसा अनेक बार हुआ है कि ग्रामीणों ने रेस्कयू कार्यो में एस डी आर एफ जवानों की सहायता की, और अनेक बड़े ऑपरेशनों को साथ मे अंजाम दिया है। एस डी आर एफ द्वारा प्रशिक्षित किये जा रहे आपदा स्वयं सेवक भी इसी कड़ी का हिस्सा है कि बड़ी घटनाओं में एस डी आर एफ को स्थानीय निवासियों की सहायता प्राप्त हो सके। किसी एक रेस्कयू ऑपरेशन की सफलता या असफलता किसी की योग्यता का मानक नही हो सकता वो भी तब , जब अनेक घटनाओ में अपनी जान जोखिम में डाल कर जिंदगियां बचाते जवानों की अनेक खबर, ओर वीडियो गवाहन बन सोशल मीडिया में तैर रहे हैै।
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