रिफंड नाटक से कलाकारों ने शिक्षा व्यवस्था पर किया तीखा प्रहार

देहरादूनः– विश्व रंग मंच दिवस के उपलक्ष्य में धाद नाट्य मंडल ने इंटिमेट थिएटर फेस्टिवल का आयोजन किया।इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए सशक्त नाट्य प्रस्तुति दी गई।शनिवार को रिफंड नाटक के जरिए कलाकारों ने शिक्षा व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया। ये कहानी एक विद्यार्थी की है, जो 18 साल बाद अपने स्कूल आता है, और यह कहकर अपनी जमा की गई फीस वापस मांगता है


कि उसे इस स्कूल में कोई ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए उसकी नौकरी लग पाई और न वह व्यापार ही कर पा रहा है।क्योंकि सारा पैसा तो फीस में दे दिया। रिफंड से बचने के लिए प्रिंसिपल छात्र की परीक्षा इस शर्त पर लेता है कि अगर वह पास हो गया तो फीस वापस नहीं होगी। छात्र कुछ गलत जवाब लिखता है, लेकिन फीस रिफंड न करनी पड़े, इसके लिए उसे पास कर देते हैं। इससे पहले 'प्रस्ताव और हास्य नाटक 'राममिलाई जोड़ी' का भी मंचन किया गया।इस मौके पर धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा ये एक अनुभव था और बहुत मज़ेदार रहा। उन्होंने कहा सबसे बड़ी बात है। कि रंगकर्म ज़िंदा रहना चाहिए। ये हमारी साहित्यिक बौद्धिकता बढ़ाता है और हमे इन्हें बढ़ावा देने के लिए इनकी हर संभव सहायता करनी चाहिए। कैलाश कंडवाल के निर्देशन में हुए इन नाटकों में पंकज उनियाल ,मीनाक्षी गुप्ता , मिनाक्षी जुयाल, मनप्रीत कौर, सुदीप जुगरान , अभिषेक नौटियाल और स्वयं कैलाश कंडवाल ने प्रभावशाली अभिनय से पात्रों को जीवंत कर दिया। फेसबुक और यूट्यूब लाइव में लगभग ७०० दर्शकों ने नाटकों का लुत्फ उठाया। नाटक के आयोजन में आशुतोष कला, राहुल जैन, विनोद बहुगुणा और अभिषेक नौटियाल ने सहयोग दिया।

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