स्मैक के चक्कर में हुई होटल में महिला की हत्या

 देहरादून – पुलिस की पूछताछ के दौरान अभियुक्त विजय ने बताया गया कि, मैं दसवीं पास हूँ तथा नौकरी न लगने के कारण अपने खर्चों की पूर्ति के लिये चोरी व ठगी की घटनाओं को अजांम देता हूँ। पूर्व में मेरे द्वारा वर्ष: 2019 में कोटद्वार व ऋषिकेश में स्कूटी व मोबाइल चोरी की घटना की गयी थी, जिसमें मुझे ऋषिकेश पुलिस द्वारा जुलाई 2019 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था तथा उसके पश्चात मैं लगभग 08 माह सुद्धोवाला जेल में रहा। जहां से सजा पूरी करने के पश्चात कोटद्वार में पंजीकृत अभियोग में मैं पौडी जेल चला गया था, वहां भी सजा पूरी होने के पश्चात लाॅकडाउन के दौरान पैदल-पैदल श्रीनगर पहुंचा वहां पर मैने एक वैडिंग प्वांइट में खाना बनाने का कार्य किया तथा अपने मालिक विश्वास जीत लिया था।


जिस पर मालिक द्वारा मुझे अपने कमरे की चाबी सौंप दी थी, मैं मौका पाकर वहां से मालिक के रूपये चुराकर फरार हो गया, इसके पश्चात कुछ समय के लिये मैं ऋषिकेश में रहा तथा पैसा खत्म होने के बाद मैं वहां से किसी तरह अल्मोडा पहुंचा वहां भी किसी दुकान में 10 से 15 दिन काम करने बाद मैं अपने एक परिचित की बाइक व पैसे लेकर वहां से भागकर देहरादून आ गया। उक्त मोटर साइकिल को चैकिंग के दौरान पुलिस द्वारा सीज किया गया था। जिसके पश्चात पकडे जाने के डर से मैं देहरादून से भागकर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार में मैने एक होटल में रूम सर्विस का कार्य किया तथा वहां दो-तीन दिन काम करने के बाद मौका देखकर मैने होटल के गल्ले से लगभग 40 हजार रूपये व एक मोबाइल चोरी कर लिया जिसके बाद मैं वहां से भागकर देहरादून सेलाकुई आ गया तथा वहां एक गेस्ट हाउस में रूक गया। गेस्ट हाउस में मेरे द्वारा सुनील कुमार पंत की आईडी दी गयी थी, जो मुझे हरिद्वार में एक व्यक्ति की जेब से चुराये गये पर्स से प्राप्त हुई थी। दो दिन सेलाकुई में रूकने के बाद मेरा सम्पर्क मुस्कान नाम की महिला से हुआ, जिसके साथ मैं 13-मार्च 21 की रात्रि को देहरादून के एम्बेसडर होटल में रूका। रात्रि में वह महिला शराब पीने के बाद मुझसे स्मैक मांगने लगी, मेरे द्वारा स्मैक न होने की बात कहने पर वह मुझ पर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैने काफी देर तक उसे शान्त करने का प्रयास किया पर वह नंही मानी, जिस पर गुस्से में आकर मैने उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद मैं वहां से भागने की फिराक में था, परन्तु होटल में लोगों की आवाजाही अधिक होने के कारण मैं कुछ समय के लिये वहीं रूक गया तथा रात्रि में मौका देखकर मैं वहां से बाहर आ गया तथा पैदल-पैदल रेलवे स्टेशन तक पहुंचा वहां से मैं टैम्पो पकडकर आईएसबीटी आया तथा आईएसबीटी से हिमाचल रोडवेज की बस पकड कर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार से मैं अलीगढ की बस पकडकर मथुरा पहुंचा तथा दो-तीन दिन वहां रूकने के बाद में अपने घर चमोली जा रहा था तभी श्रीनगर के पास पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्त द्वारा बताया गया कि अपराध करने के उक्त सभी तरीके मैने जेल में सजा काट रहे अन्य अपराधियों से सीखे अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू बेहद शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके द्वारा हरिद्वार, कोटद्वार, अल्मोडा तथा अन्य स्थानों पर चोरी व ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अभियुक्त बेहद शातिर तरीके से पहले किसी होटल में रूम सर्विस का काम करता है तथा फिर मालिक को अपने विश्वास में लेकर मौका लगते ही वहां से चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है। चोरी में प्राप्त आईडी का इस्तेमाल अभियुक्त किसी स्थान पर रूकने के लिये करता था, अभियुक्त द्वारा अपना कोई ऐसा पहचान पत्र अथवा आईडी नहीं बनाया गया था, जिससे  कि किसी घटना को करने के बाद पुलिस उस तक पहुंच सके। अन्य व्यक्तियों से सम्पर्क करने के लिये भी अभियुक्त चोरी के नम्बरों का ही इस्तेमाल किया करता था तथा किसी भी मोबाइल व आईडी को एक बार इस्तेमाल करने के पश्चात फेंक दिया करता था। 




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