बीस वर्षो में उत्तराखण्ड ने क्या खोया-क्या पाया’’ पर कांग्रेस की विचार गोष्ठी

देहरादून –उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये तथा ’’20 वर्षो में उत्तराखण्ड ने क्या खोया-क्या पाया’’ विषय  पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्तशिक्षा शुरू अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने समस्त उत्तराखण्डवासियों को राज्य स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि कहा कि हम सर्वप्रथम उत्तराखण्ड के शहीदाें को शत्-शत् नमन करते हैं। जिन्होंने अपना भविष्य राज्यवासियों के वर्तमान के लिए बलिदान कर दिया।


 प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में उत्तराखण्ड के सभी वर्गो के लोगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड आन्दोलन को तन, मन, धन से पल्लवित और पोषित करने का काम किया है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान देशभर में जहां भी यहां के निवासी रहते हैं। उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की थी इसलिए उत्तराखण्ड निर्माण में उनके योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि 9 नवम्बर 2020 को उत्तराखण्ड 20 वर्ष की अवस्था पूर्ण कर चुका है। इन 20 वर्षाें में उत्तराखण्ड राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज भी उत्तराखण्ड के सामने अनेकानेक चुनौतियां है, विशेष कर महिलाओं एवं युवा पीढ़ी का भविष्य उत्तराखण्ड में सुरक्षित रहे उनके सिर का बोझ कम हो और चेहरों पर मुस्कान आये, इस के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रथम निर्वाचित सरकार ने मुख्यमंत्री स्व नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार कर विकास की बुनियाद डाली तथा 900 करोड़ की वार्षिक योजना का आकार बढ़ाकर 5000 करोड़ तक पहुंचाया। राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के लिए रोजगार सृजन करने का काम किया। कांग्रेस शासन में टिहरी बांध, मनेरी भाली, धौली गंगा जल विद्युत परियोजनाओं का काम पूरा कर राज्य को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मेें आत्म निर्भर करने का काम किया। राज्य की शिक्षा  व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन कर एलटी के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया। कांग्रेस सरकार ने 2013 की दैवीय आपदा से चैपट हो चुके पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने का काम किया। आज उत्तराखण्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की है जिसे रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए। गोष्ठी का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने किया।




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