राज्यपाल ने राज्य स्थापना दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर परेड की सलामी ली

  देहरादून –राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने राज्य स्थापना दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने उपस्थित जन समूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी।राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 06 पुलिस अधिकारियों और ‘‘राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक’’ से सम्मानित दो पुलिस कार्मिकों को अलंकृत भी किया।


इनमें पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक, श्रीधर प्रसाद बडोला, (से.नि.) पुलिस उपाधीक्षक, प्रकाश चन्द्र शर्मा (से.नि.) उपनिरीक्षक, धनराम आर्य (से.नि.) पी.सी.विशेष श्रेणी पी.ए.सी. आदित्यराम डिमरी (से.नि.) उप निरीक्षक एस.डी.आर.एफ. तथा हीरा सिंह राणा (से.नि.) सहायक सेना नायक को राष्ट्रपति पुलिस पदक और श्री विनोद प्रसाद थपलियाल, उप निरीक्षक, श्री ममलेश सिंह, आरक्षी को राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें महिलाओं के समग्र कल्याण एवं सशक्तीकरण हेतु हर संभव कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रग्स हमारी युवा पीढ़ी के लिये बहुत बड़ा खतरा है। प्रदेश में एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बनाई गई है। इस टास्क फोर्स को अपनी पूरी क्षमता से कार्य करना होगा, जिससे देवभूमि से नशे के सौदागरों का समूल नाश हो।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में 21वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज 20 वर्ष पूर्ण कर रहा है। राज्य निर्माण के बाद अन्य राज्यों की तुलना में राज्य की विकास की गति तीव्र हुई है। हमारा प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, अवस्थापना विकास, नारी उत्थान आदि के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य ने एक अच्छी दिशा पकड़ी है। 

     मुख्यमंत्री ने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि राज्य के आंदोलन में महिलाओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था महिलाओं पर ही निर्भर करती हैं। प्रदेश सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को खेती के कार्य से अलग आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आज राज्य में 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं। डी.जी.पी ए.के.रतूड़ी ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी।राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकसित होता उत्तराखण्ड : बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। 164 पृष्ठों की रंगीन विकास पुस्तिका में उत्तराखण्ड सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों का विवरण शामिल किया गया है, जोकि आम जन के लिए निश्चित रूप से उपयोगी सिद्ध होगी। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस विभाग द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया। रैतिक परेड के प्रथम कमाण्डर डॉ. मंजूनाथ टी.सी., कमाण्डेंट आई.आर.बी. द्वितीय, उप सेनानायक  रेखा यादव तथा परेड एडजुटेंट पुलिस उपाधीक्षक  पल्लवी त्यागी थीं। रैतिक परेड के उपरांत उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा डॉग शो, एण्टीटेररिस्ट स्क्वाड डेमो, मोटर साइकिलिंग और घुड़सवारी के हैरतअंगेज प्रदर्शन दिखाकर सभी का मन मोह लिया गया। 

     

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