सुनार की दुकान में चोरी का खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार दो की तलाश
ऋषिकेश –चोरो द्वारा रस्तोगी ज्वैलर्स की दुकान का शटर उठाकर दुकान के अन्दर से चांदी की ज्वैलरी चोरी कर ली थी। इस सूचना पर दुकान स्वामी सुमित रस्तोगी पुत्र कृष्ण गोपाल रस्तोगी निवासी खदरी रोड़ श्यामपुर ऋषिकेश ने कोतवाली ऋषिकेश पर अज्ञांत चोरो के विरूद्ध मु0अ0सं0 383/2020 पंजीकृत कराया गया।पुलिस नें सादा एवं वर्दी में चार पुलिस टीम गठित की गयी।
गठित पुलिस टीम द्वारा पूर्व में प्रकाश में आये, जेल से रिहा हुये चोरो के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित कर उनका भौतिक सत्यापन किया गया। ज्वैलर्स की दुकान व सड़क में लगे लगभग 150 सीसीटी0वी0 कैमरों की फुटेज चैक की गयी। फुटेज देखने पर दो व्यक्ति दुकान के अन्दर व आस पास तथा एक व्यक्ति रेलवे ट्रैक व सड़क पर घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो फुटेज को मुखबिर को दिखाकर जानकारी की गयी तो मुखबिर ने बताया कि यह व्यक्ति कबाड़ बीनने वालों की तरह दिखाई दे रहे हैं। इस पर पुलिस टीम द्वारा ऋषिकेश में रेलवे स्टेशन, कालेकीढाल व अन्य स्थानों पर झुग्गी डालकर रहने वाले कबाड़ियों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी तो पाया कि रेलवे स्टेशन के समीप बनी झुग्गियों में से दो लड़के पिछले काफी दिनो से नही दिख रहे हैं तथा उनका एक साथी जिसका नाम भोला है वह यंही घूम रहा हैं।दो नवंबर की देर सांय पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि भोला नाम का व्यक्ति चोरी की ज्वैलरी को बेचने के लिये गुमानीवाला बाजार में घूम रहा है, जिस पर पुलिस टीम द्वारा भोला को चांदी की ज्वैलरी के साथ गुमानीवाला में गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से सुमित ज्वैलर्स की दुकान से चोरी गये चांदी के ज्वैलरी बरामद हुई। पुलिस को इनकी तलाश है जिसमें रवि पुत्र दुल्ला निवासी प्रेमनगर मुल्लनपुर, थाना ढाका, जिला लुधियाना पंजाब हाल झुग्गी झोपड़ी पुराने रेलवे स्टेशन के पास ऋषिकेश। कुचिया उर्फ साजन पुत्र राजू निवासी प्रेमनगर मुल्लनपुर, थाना ढाका, जिला लुधियाना पंजाब हाल झुग्गी झोपड़ी पुराने रेलवे स्टेशन के पास ऋषिकेश पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त भोला ने बताया कि हम लोग बावरिये जाति के हैं तथा मूल रूप से लुधियाना पंजाब के रहने वाले हैं हम लोग रेलवे स्टेशन के आस अस्थाई तौर पर झुग्गी बनाकर रहते हैं तथा कबाड़ चुगने का कार्य करते हैं। लाॅक डाउन के पहले से हम लोग यंही पर ही हैं। बीच बीच में हम लोग कबाड़ चुगने के लिये स्योहारा बिजनौर, मुरादाबाद तक चले जाते हैं तथा कुछ दिन वंही पर रहकर वापस ऋषिकेश आ जाते हैं। मेरे साथ मेरा पूरा परिवार अलग अलग झुग्गी बनाकर रहता है जिसमें मेरे पिता, माॅ, मेरी पत्नी, मेरे बच्चे, मेरा भाई रवि व मेरा जीजा कुचिया उर्फ साजन रहते थे। कुचिया उर्फ साजन व मेरा भाई रवि एक साथ कबाड़ बीनने जाते थे तथा साम के समय हम तीनों मिलकर शराब भी पीते थे। एक बार दोनो ने मुझे बताया कि हमने श्यामपुर में एक सुनार की दुकान देखी है जिसमें आराम से चोरी की जा सकती है। इस पर हम तीनो से सुनार की दुकान में चोरी करने की योजना बनायी। योजना के मुताबिक 23 अक्टूबर को कुचिया उर्फ साजन व रवि दिन के समय सुनार की दुकान की तरफ श्यामपुर चले गये तथा मैं शाम के समय श्यामपुर पंहुचा। रात होने पर यह दोनो दुकान में चले गये व मैं सड़क व रेलवे ट्रैक पर पुलिस व आने जाने वालों पर नजर रखने लगा। काफी देर बाद यह दोनो चोरी कर वापस आये व मुझे एक डिब्बे में रखी कुछ चांदी की ज्वैलरी देकर कहा कि बाकी ज्वैलरी को हम लोग ऋषिकेश से बाहर जाकर बेचेगें जिसका बंटवारा हम बाद में करेगें। इसके बाद हम तीनों रेलवे ट्रैक होकर वापस अपनी झुग्गी में आ गये तथा अगले दिन कुचिया उर्फ साजन व रवि यहां से कंही चले गये जिसका मुझे पता नही।
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