उक्रांद सरकारी जमीनों पर नेताओं और अफसरों के कब्जों को हटायेंगी

देहरादून – उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेताओं ने अतिक्रमण के कार्य में भेदभाव को लेकर आज पत्रकार वार्ता की और कहा कि देहरादून में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या हैं। आए दिन सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हो रहे हैं। जिसमें बाहर से नौकरी पेशा के लिए आए हुए लोग भी अतिक्रमण करके अपने आवास बना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भू माफिया भी काफी सक्रिय है उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता मनमोहन लखेड़ा की जनहित याचिका पर अतिक्रमण हटाने के आदेश उत्तराखंड हाई कोर्ट ने दिए थे। लेकिन उत्तराखंड सरकार तथा उनके अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए जरा भी संवेदनशील नहीं हैं।


सरकार अतिक्रमण हटाने के लिए दोहरा रवैया अपना रही हैैं। जिन लोगों की नेताओं या बड़े अधिकारियों से जान पहचान नहीं हैैंक । उनके आशियाने पर पीला पंजा बरस रहा हैं। वहीं जिन लोगों की सीधी पहुंच सत्ता तक है अथवा जो माफिया है उनके अतिक्रमण से सरकारी अभियान मुंह मोड़ ले रहा हैं। अथवा उन्हें मोहलत दी जा रही हैैं। उत्तराखंड क्रांति दल इस दोहरे मानक का कड़ा विरोध करता है तथा सरकार को अल्टीमेटम देता है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार एक समान मानक अपनाते हुए अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाए तथा इस अभियान को हटाने में शामिल जो बड़े अफसर खुद भी कई कई बीघा भूमि पर अतिक्रमण किए हैंं। वह भी नैतिकता के आधार पर एक सप्ताह के अंदर अपना अतिक्रमण हटा दें इन अतिक्रमणकारी अधिकारियों की वजह से ही देहरादून में अतिक्रमण हटाओ अभियान को धक्का पहुंच रहा हैं।  इसलिए उत्तराखंड क्रांति दल का अल्टीमेटम है कि यह अधिकारी खुद ही एक सप्ताह में अपना अतिक्रमण हटा दें अथवा उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता एक निश्चित करके खुद ही इनके द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाकर देहरादून की सरकारी भूमि को मुक्त कराने का अभियान छेड़ेगा। प्रेस वार्ता को शिव प्रसाद सेमवाल व सुनील ध्यानी  व लताफत हुसैन ने संबोधित किया। 


      

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