ई-ग्रन्थालय में 35 लाख पुस्तकें ऑनलाईन उपलब्ध-मुख्यमंत्री
देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय से राज्य के शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में ‘‘ई-ग्रंथालय’’ का शुभारम्भ किया।प्रदेश के 5 विश्वविद्यालय एवं 104 महाविद्यालय ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं। ई-ग्रन्थालय से लाइब्रेरी का मैनेजमेंट सिस्टम डिजिटल प्रारूप पर होगा। इससे शिक्षकों, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षण कार्य में काफी सुगमता होगी।
सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। यदि किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में कोई पुस्तक उपलब्ध न हो तो, इनके एक ही पोर्टल पर जुड़ने से ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता रहेगी। ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों को 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इससे जुड़ेगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के लिए ई-ग्रंथालय बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की पिछले 10 वर्षों का क्वेशन बैंक भी उपलब्ध कराया जाय। जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छा आधार मिल सके। यह समय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों की बच्चों को अच्छी जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए डोक्यूमेंटरी बनाई जाय। मैदानी जनपदों में लोगों को कृषि एवं बागवानी की अच्छी जानकारी होती है, लेकिन पर्वतीय जनपदों में हमें इस दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। इससे लोगों को कैसे अधिक से अधिक फायदा हो सकते है, इस पर भी और प्रयासों की जरूरत है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी के दौर से गुजर रहा है। हमें समय की मांग के अनुसार तकनीक को बढ़ावा देना होगा। आधुनिक तकनीक के माध्यम से हम आपसी दूरियों को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा कोविड के दौरान तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग करने का सराहनीय प्रयास किया गया है। ई-ग्रंथालय के शुभारम्भ से विद्यार्थियों को समग्र जानकारियां उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस दिशा में विचार करने की जरूरत है।
सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एक पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। यदि किसी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में कोई पुस्तक उपलब्ध न हो तो, इनके एक ही पोर्टल पर जुड़ने से ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों सभी पुस्तकों का अध्ययन करने में सरलता रहेगी। ई-ग्रन्थालय के माध्यम से विद्यार्थियों को 35 लाख पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इससे जुड़ेगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों के लिए ई-ग्रंथालय बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की पिछले 10 वर्षों का क्वेशन बैंक भी उपलब्ध कराया जाय। जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अच्छा आधार मिल सके। यह समय विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों की बच्चों को अच्छी जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए डोक्यूमेंटरी बनाई जाय। मैदानी जनपदों में लोगों को कृषि एवं बागवानी की अच्छी जानकारी होती है, लेकिन पर्वतीय जनपदों में हमें इस दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। इससे लोगों को कैसे अधिक से अधिक फायदा हो सकते है, इस पर भी और प्रयासों की जरूरत है।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी के दौर से गुजर रहा है। हमें समय की मांग के अनुसार तकनीक को बढ़ावा देना होगा। आधुनिक तकनीक के माध्यम से हम आपसी दूरियों को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा कोविड के दौरान तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग करने का सराहनीय प्रयास किया गया है। ई-ग्रंथालय के शुभारम्भ से विद्यार्थियों को समग्र जानकारियां उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस दिशा में विचार करने की जरूरत है।
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