एस डी आर एफ ने किया सभी पोस्टों में मॉक ड्रिल
देहरादून – एसडीआरएफ द्वारा अपनी कार्य दक्षता में गुणात्मक सुधार,एवमं रेस्कयू समय मे न्यूनता लाने के लिए प्रदेश में स्थित सभी पोस्टों में मॉक ड्रिल किया गया एसडीआरएफ की सभी टीमों को एसडीआरएफ कंट्रोल रूम जोलीग्रांट से सड़क दुर्घटना, भूकम्प एवम भूस्खलन , जैसे विभिन्न काल्पनिक घटना की सूचना प्रेषित की गई एवमं तत्काल ही घटना स्थल में पहुंच कर रेस्कयू अभियान चलाया गया।
वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों में तैनात हैं।जिनके द्वारा अनेक रेस्कयू अभियानो को अंजाम दिया जाता हैं। अधिकांश मामलों में आपदा का स्वरूप भूस्खलन,जल एवमं सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
जहां एसडीआरएफ फ्लड टीम द्वारा ऋषिकेश एवम नैनीताल में जल दुर्घटना की मॉक ड्रिल सम्पन्न की वहीं अन्य टीमों के द्वारा भूकम्प, भूस्खलन एवम सड़क दुर्घटनाओं की मॉक ड्रिल सम्पन्न की। एसडीआरएफ टीमों के द्वारा जहां भूकम्प जैसी आपदा में इंस्राज मार्किंग के साथ ही लाइन सर्च सर्च एवम हेलिंग सर्चिंग विधि का प्रयोग किया, वहीं सड़क दुर्घटनाओं की ड्रिल में कटिंग उपकरण आर आर शा, बुलेट चेन शा ,रेम सेठ , पावर एसेंडर का प्रयोग किया गया।
सर्चिंग के लिए एसडीआरएफ टीमों के द्वारा स्वानों (डॉग)का प्रयोग भी किया गया।जनपद अल्मोड़ा में सरियापानी, पिथौरागढ़ में अस्कोट, पुलिस लाइन, नैनीताल में खैरना, नैनीताल (फ्लड टीम) उद्यम सिंह नगर में रुद्रपुर,टिहरी में ढालवाला,उत्तरकाशी मे उजेली, भटवाड़ी,बड़कोट, चमोली में चमोली, गोचर,जोशीमठ, रुद्रप्रयाग में रतूड़ा,सोनप्रयाग,पौड़ी में कोटद्वार,सतपुली,श्रीनगर, बागेश्वर में कपकोट,देहरादून में जोलीग्रांट, चकराता, सहस्त्रधारा में मॉक ड्रिल अभ्यास हुआ।
एसडीआरएफ टीमों के द्वारा सभी आवश्यक रेस्कयू उपकरणों का उपयोग भी किया गया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य कार्य क्षमता को बढाना एवम सुधार करना, न्यूनतम समय में घटना स्थल में पहुंच कर रेस्कयू अभियान आरम्भ करना , आपसी सामंजस्य बढाना एवमं उपकरणों का विधिवत प्रयोग का अभ्यास करना था।
वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों में तैनात हैं।जिनके द्वारा अनेक रेस्कयू अभियानो को अंजाम दिया जाता हैं। अधिकांश मामलों में आपदा का स्वरूप भूस्खलन,जल एवमं सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
जहां एसडीआरएफ फ्लड टीम द्वारा ऋषिकेश एवम नैनीताल में जल दुर्घटना की मॉक ड्रिल सम्पन्न की वहीं अन्य टीमों के द्वारा भूकम्प, भूस्खलन एवम सड़क दुर्घटनाओं की मॉक ड्रिल सम्पन्न की। एसडीआरएफ टीमों के द्वारा जहां भूकम्प जैसी आपदा में इंस्राज मार्किंग के साथ ही लाइन सर्च सर्च एवम हेलिंग सर्चिंग विधि का प्रयोग किया, वहीं सड़क दुर्घटनाओं की ड्रिल में कटिंग उपकरण आर आर शा, बुलेट चेन शा ,रेम सेठ , पावर एसेंडर का प्रयोग किया गया।
एसडीआरएफ टीमों के द्वारा सभी आवश्यक रेस्कयू उपकरणों का उपयोग भी किया गया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य कार्य क्षमता को बढाना एवम सुधार करना, न्यूनतम समय में घटना स्थल में पहुंच कर रेस्कयू अभियान आरम्भ करना , आपसी सामंजस्य बढाना एवमं उपकरणों का विधिवत प्रयोग का अभ्यास करना था।
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