शीतकाल के लिए बंद हुये हेमकुंड धाम के कपाट

चमोली–शीतकाल के लिए बंद हुये हेमकुंड धाम और लक्ष्मण मंदिर के कपाट छः महिने चली सिखों के पावन धाम हेमकुंड के कपाट और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए आज बंद कर दिए गये है। दोपहर डेढ बजे पाठ कीर्तन के बाद पंच प्यारों ने  बाबा की पालकी को  गोविंद घाट स्थित गुरुद्वारे में के लिए प्रस्थान किया अब अगले 6 माह तक श्रद्धालुओं को गोविंदघाट स्थित गुरुद्वारे में दर्शन होंगे। कपाट बंद होने के बाद स्थानीय निवासी भी निचले स्थानों की ओर लौट आये हैं।इस साल श्रद्धालुओं को हेमकुण्ड यात्रा के दौरान रिकार्ड बर्फबारी से अटे पडे ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पडा।
लेकिन आस्था के आगे सारी परेशानियों को भी झुकना पडा।यात्राकाल के दौरान इस  साल दो लाख 80 हजार के करीब श्रद्धालुओं ने हेमकुंड धाम पहुंच कर मत्था टेका जबकि कपाट बंद के अवसर पर लगभग तीन हजार श्रद्धालु उपस्थित रहे।गौरतलब है कि 1932 मे पंडित तारा सिंह नरोत्तम द्वारा हेमकुंड धाम की खोज की गयी थी। जिसके बाद 1933 से हेमकुंड यात्रा शुरू हुईं थी । 4329 मीटर पर सात पहाडियों के बीच स्थित सिखों के इस पावन धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं। कपाट बंद होने के उपरांत ग्रीष्म काल में  हेमकुंड साहब के कपाट खुलेगे ।

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