केदारधाम के कपाट भैयादूज पर शीतकाल के लिए हुए बन्द
रुद्रप्रयाग-श्री केदारनाथ धाम के कपाट विधिविधान व पूजा अर्चना के साथ आज 29 अक्टूबर भैयादूज पर प्रात: 8.30 बजे शीतकाल हेतु बन्द हो गये। मुख्य पुजारी केदार लिंग सहित मंदिर समिति मुख्यकार्याधिकारी बी.डी.सिंह, पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, एसडीएम वरूण अग्रवाल, एसडीएम सुधीर कुमार, सीओ दीपक सिंह, जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैंट्री के टूएसी कैप्टन कारज सिंह संधू, चौकी प्रभारी मंजुल रावत, लेखाकार आरसी तिवारी, मंदिर सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला, लोकेंद्र रिवाड़ी, मनोज शुक्ला, पारेश्वर त्रिवेदी मृत्यंजय हीरेमठ, सुदीप रावत आदि मौजूद रहे।
इस दौरान जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैंट्री बैंड की धुनों से केदारनाथ नगरी गुंजायमान रही। जय बाबा केदारनाथ के उदघोष के साथ श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। प्रशासनिक अधिकारी/ डोली प्रभारी युदुवीर पुष्पवान की अगुवाई में भगवान केदारनाथ जी पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु कल बंद हो गये हैं। जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट कुछ देर में 12.25 बजे बंद हो जायेंगे।श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस यात्रा वर्ष अब तक केदारनाथ में रिकार्ड 9,97,585 जबकि 1174501 तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये। कुल 2172086 तीर्थयात्रियों ने बदरी-केदार के दर्शन किये। मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने जानकारी दी कि आज कपाट बन्द होते ही बाबा की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना होकर प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंच रही है।कल 30 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, 31 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी रामपुर में पंचमुखी डोली का स्वागत करेंगे। मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 17 नवंबर को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 21 नवंबर 11 बजे दिन एवं श्री तुंगनाथ जी के कपाट 6 नवंबर को 11.30 दिन में बजे शीतकाल हेतु बंद कर दिये जायेंगे।
इस दौरान जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैंट्री बैंड की धुनों से केदारनाथ नगरी गुंजायमान रही। जय बाबा केदारनाथ के उदघोष के साथ श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। प्रशासनिक अधिकारी/ डोली प्रभारी युदुवीर पुष्पवान की अगुवाई में भगवान केदारनाथ जी पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु कल बंद हो गये हैं। जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट कुछ देर में 12.25 बजे बंद हो जायेंगे।श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस यात्रा वर्ष अब तक केदारनाथ में रिकार्ड 9,97,585 जबकि 1174501 तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये। कुल 2172086 तीर्थयात्रियों ने बदरी-केदार के दर्शन किये। मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने जानकारी दी कि आज कपाट बन्द होते ही बाबा की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना होकर प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंच रही है।कल 30 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, 31 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी रामपुर में पंचमुखी डोली का स्वागत करेंगे। मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 17 नवंबर को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 21 नवंबर 11 बजे दिन एवं श्री तुंगनाथ जी के कपाट 6 नवंबर को 11.30 दिन में बजे शीतकाल हेतु बंद कर दिये जायेंगे।
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