लूट की घटना का मास्टर माईन्ड बी एस एफ से बर्खास्त डिप्टी कमान्डेन्ट
देहरादून–पुलिस ने अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के मालिक ईश्वरन के घर हुई लूट के चार लुटेरों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ करने पर प्रकाश में आया कि घटना का मास्टर माईन्ड अभियुक्त विरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब BSF में डिप्टी कमान्डेन्ट के पद पर था जो वर्ष 2000 में रिश्तखोरी के मामले BSF से बर्खास्त हुआ था।तब मौ0 अदनान कुरैशी द्वारा बताया गया कि मैं दिल्ली में फड लगाता हूं ।और सलमान जो कि ऑटो चालक हैं।उससे मेरी जान पहचान थी सलमान ने मेरी पहचान अपने भान्जे हैदर से करायी इसके बाद हैदर का अक्सर मेरे घर आना जाना था एक दिन हैदर और मै साथ बेठे थे तो मैंने उसे बताया कि दोस्तों के कर्ज बहुत अधिक होने के कारण मैं काफी परेसान हूं। और काम भी ठीक प्रकार से नही चल रहा है इस पर हैदर ने मुझे बताया कि मैं ठाकुर साहब नाम के एक व्यक्ति को जानता हूं जो तुम्हारी मदद कर सकता है। उसके पश्चचात हैदर ने मेरी मुलाकात ठाकुर साहब से करायी ठाकुर साहब ने बताया कि देहरादून में उनके अन्य साथियों पिरु तथा फुरकान द्वारा वहां के बडे लोगों के घरों की रैकी कि हुयी हैं। हम वहां जाकर बड़ा हाथ मार सकते है । इसके बाद 22 सितंबर को मैं फईम व मिश्रा, जिसे फईम लेकर आया था।हम तीनों पहले आश्रम मन्दिर दिल्ली गये, वहां पर सवेरे 5 बजे हैदर व ठाकुर साहब मेरी कार DL10CB 2053 को वहां पर लाये तथा हम लोग देहारदून के लिये निकल गये। गाड़ी ठाकुर चला रहा था फिर हम लगभग 9.30 से 10.00 सुबह के समय लगभग देहरादून पहुँच गये। देहरादून में हम एक पुराने मकान में रुके जो कि ठाकुर साहब के मुखबीर पिरु का था ।
हम लोगों ने पिरु के घर पर ही दिन का खाना खाया और फुरकान को वहां पर रेकी के लिये भेज रखा था। हम जिस कार से देहरादून आये थे। रास्ते में ठाकुर ने उसकी नम्बर प्लेट निकाल कर UK06VV 3264 की नम्बर प्लेट लगायी। प्लानिंग के तहत हम सब लोग लगभग 05.30 बजे राकेश बत्ता के घर के लिये निकले। पिरु स्कूटी से गया, पिरु की फुरकान से बात हुयी तो पिरु चला गया। फुरकान अपनी मो0सा0 से आगे आगे चल रहा था। राकेश बत्ता के घर पहुंचने पर हमारी उसकी पत्नी से बात हुयी जिसे हमने बताया कि हमें रायपुर के काऊजी ने भेजा है हमें यहां आपसे प्रोपर्टी बनवानी है राकेश बत्ता घर पर मौजूद नहीं थे। उनके घर पर लोग अधिक होने के कारण हम वहां घटना को अंजाम नहीं दे पाये हम काम पोस्पोन्ड कर दिल्ली जा रहे थे। तो ठाकुर साहब बोले की एक काम और है नहीं तो वह देख लो क्योकि पिरु और फुरकान ने पहले ही उसकी रेकी कर रखी थी, फुरकान ने मोबाइल से ईश्वरम के घर की वीडियो बनाकर ठाकुर व हैदर को दिखायी थी । ठाकुर व हैदर का मुखबीर फुरकान हमें रास्ता दिखाकर ईश्वरन के घर पर ले गये फिर फुरकान व ठाकुर बाहर पर ही रुक गये फिर मैं, मिश्रा, हैदर व फईम लगभग 8.15 बजे पर मकान के अन्दर गये । ईश्वरन के घर के गेट पर गार्ड नहीं था गार्ड रुम खाली था। फिर हमने दरवाजे को खटखटाया तो एक नौकर ने गेट खोला । हमने नौकरों को पिस्टल दिखाकर ऊपर ले गये तो जहां पर दोनो पति पत्नी टी वी देख रहे थे । फईम चाकू लेकर दरवाजे पर खड़ा होकर निगरानी करने लगा हमने उन सभी के फोन ले लिये और आलमारी व लोकरों की तलाशी लेकर कैश, ज्वैलरी निकाल ली इसी दौरान मकान का गार्ड आया तो मिश्रा उसे लेकर ऊपर आ गया हमे आलमारी के लोकरों से लगभग पौने चार लाख रुपये मिले फिर हमने पूरा सामान एक बड़े बैग में रखा जो कि हम साथ लेकर आये थे, हमने घर में मौजूद सभी लोगों के हाथ बांध दिये। हम ज्वैलरी व अन्य आईटम से भरा बैंग व इनके जब्त किये मोबाइल लेकर बाहर आ गये तथा बाहार से दरवाजा लोक कर चाबी वहीं फेंक दी उनके घर का DVR मिश्रा द्वारा एक नौकर को लेकर निकाला गया था । हम पांचो लोग लगभग 10.15 बजे पर देहरादून से दिल्ली के लिये निकल गये गाडी में ही हम लोगों ने पैसे को बंटवारा किया सभी के हिस्से में 60-60 हजार रुपये आये। लूटी गयी ज्वैलरी में से कुछ ज्वैलरी हमने बेच दी तथा बची हुयी ज्वैलरी को हमने आपस में बांट लिया । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि 26 मई को मौ0 अदनान पुत्र स्व0 मौ0 अली नि0 हाउस न0 1045 पान मण्डी सदर बाजार नई दिल्ली (सदस्य) और वीरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब पुत्र अमे सिंह नि0 बी 247 छतरपुर थाना मैदान गढी दिल्ली (मास्टर माइन्ड), मुजिब्बुर रहमान उर्फ पिरु पुत्र वहीद अली नि0 आजाद नगर कालोनी थाना रायपुर देहरादून, फुरकान पुत्र मुस्ताक नि0 अलावलपुर थाना भगवानपुर हरिद्वार।हैदर, ईलियास, मानू के साथ विजय पार्क बसन्त बिहार क्षेत्र में एक घर में इसी प्रकार की घटना की थी, जिससे प्राप्त रुपयों को उन्होने आपस में बाँट लिया था।
हम लोगों ने पिरु के घर पर ही दिन का खाना खाया और फुरकान को वहां पर रेकी के लिये भेज रखा था। हम जिस कार से देहरादून आये थे। रास्ते में ठाकुर ने उसकी नम्बर प्लेट निकाल कर UK06VV 3264 की नम्बर प्लेट लगायी। प्लानिंग के तहत हम सब लोग लगभग 05.30 बजे राकेश बत्ता के घर के लिये निकले। पिरु स्कूटी से गया, पिरु की फुरकान से बात हुयी तो पिरु चला गया। फुरकान अपनी मो0सा0 से आगे आगे चल रहा था। राकेश बत्ता के घर पहुंचने पर हमारी उसकी पत्नी से बात हुयी जिसे हमने बताया कि हमें रायपुर के काऊजी ने भेजा है हमें यहां आपसे प्रोपर्टी बनवानी है राकेश बत्ता घर पर मौजूद नहीं थे। उनके घर पर लोग अधिक होने के कारण हम वहां घटना को अंजाम नहीं दे पाये हम काम पोस्पोन्ड कर दिल्ली जा रहे थे। तो ठाकुर साहब बोले की एक काम और है नहीं तो वह देख लो क्योकि पिरु और फुरकान ने पहले ही उसकी रेकी कर रखी थी, फुरकान ने मोबाइल से ईश्वरम के घर की वीडियो बनाकर ठाकुर व हैदर को दिखायी थी । ठाकुर व हैदर का मुखबीर फुरकान हमें रास्ता दिखाकर ईश्वरन के घर पर ले गये फिर फुरकान व ठाकुर बाहर पर ही रुक गये फिर मैं, मिश्रा, हैदर व फईम लगभग 8.15 बजे पर मकान के अन्दर गये । ईश्वरन के घर के गेट पर गार्ड नहीं था गार्ड रुम खाली था। फिर हमने दरवाजे को खटखटाया तो एक नौकर ने गेट खोला । हमने नौकरों को पिस्टल दिखाकर ऊपर ले गये तो जहां पर दोनो पति पत्नी टी वी देख रहे थे । फईम चाकू लेकर दरवाजे पर खड़ा होकर निगरानी करने लगा हमने उन सभी के फोन ले लिये और आलमारी व लोकरों की तलाशी लेकर कैश, ज्वैलरी निकाल ली इसी दौरान मकान का गार्ड आया तो मिश्रा उसे लेकर ऊपर आ गया हमे आलमारी के लोकरों से लगभग पौने चार लाख रुपये मिले फिर हमने पूरा सामान एक बड़े बैग में रखा जो कि हम साथ लेकर आये थे, हमने घर में मौजूद सभी लोगों के हाथ बांध दिये। हम ज्वैलरी व अन्य आईटम से भरा बैंग व इनके जब्त किये मोबाइल लेकर बाहर आ गये तथा बाहार से दरवाजा लोक कर चाबी वहीं फेंक दी उनके घर का DVR मिश्रा द्वारा एक नौकर को लेकर निकाला गया था । हम पांचो लोग लगभग 10.15 बजे पर देहरादून से दिल्ली के लिये निकल गये गाडी में ही हम लोगों ने पैसे को बंटवारा किया सभी के हिस्से में 60-60 हजार रुपये आये। लूटी गयी ज्वैलरी में से कुछ ज्वैलरी हमने बेच दी तथा बची हुयी ज्वैलरी को हमने आपस में बांट लिया । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि 26 मई को मौ0 अदनान पुत्र स्व0 मौ0 अली नि0 हाउस न0 1045 पान मण्डी सदर बाजार नई दिल्ली (सदस्य) और वीरेन्द्र सिंह उर्फ ठाकुर साहब पुत्र अमे सिंह नि0 बी 247 छतरपुर थाना मैदान गढी दिल्ली (मास्टर माइन्ड), मुजिब्बुर रहमान उर्फ पिरु पुत्र वहीद अली नि0 आजाद नगर कालोनी थाना रायपुर देहरादून, फुरकान पुत्र मुस्ताक नि0 अलावलपुर थाना भगवानपुर हरिद्वार।हैदर, ईलियास, मानू के साथ विजय पार्क बसन्त बिहार क्षेत्र में एक घर में इसी प्रकार की घटना की थी, जिससे प्राप्त रुपयों को उन्होने आपस में बाँट लिया था।
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