हालीबुड फिल्म से प्रभावित होकर बैंक लूट का प्लान
कोटद्वार–अभियुक्त विकुल राठी पुत्र नरेन्द्र सिंह उम्र- 31 वर्ष नि0 ग्राम सफियाबाद पो0ओ0 मण्डावली थाना मण्डावली जिला बिजनौर उ0प्र0 ने बताया मैं गांव सफियाबाद में खेती का काम करता हूं, और मैं अपनी पिता की इकलौती संतान हूं, मेरी मण्डावली में लगभग 60 बीघा जमीन है जिस पर मैं खेती करता हूं, तथा हमारा श्याम कान्हा वैडिग प्वाइट रेस्टोरेंट है, जिसको मैने किराये पर दिया हुआ है, मैंने कुछ समय पहले HDFC बैंक से 20 लाख रुपये किसान लोन लिया था जिससे मैने होटल बनाया था मैं बैंक का कर्ज चुका नही पा रहा था। और बैंक वाले मुझे पैसा जमा कराने के लिये बार- बार फोन कर रहे थे, जिसके कारण मैं काफी दिनों से परेशान चल रहा था, मैं अक्सर यू टूब पर हालीबुड एक्शन मूवी देखता रहता हूं,एक हालीबुड एक्शन मूवी में मैने एक व्यक्ति को अकेले बैंक में चोरी करते हुये देखा जिसमें वह व्यक्ति अकेले बैंक में दीवार काटकर अन्दर घुसता है, तथा स्ट्रांग रुम को काटकर
काफी रुपये चोरी करता है।उस फिल्म से प्रभावित होकर मैने भी बैंक में चोरी करने का प्लान बनाया जिसके लिये यू टूब में मैंने दीवार एंव लॉकर स्ट्रांग रुम काटने के उपकरण खोजे व उपकरण किस तरह चलाये जाते हैं यह भी मैनं यू ट्यूब से सीखा। नजीबाबाद शहर से मैनें कटर मशीन, ग्राइंडर आदि उपकरण जाकर खरीदे। मैंने 10 अगस्त 19 को मंडावली स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा मण्डावली में बैंक की दीवार तोडने का प्रयास किया लेकिन किसी आवाज आने के कारण में वहां से भाग गया। तथा फिर 5/6 सितम्बर की रात्रि में मैने दुबारा इसी बैंक में सारे उपकरण लेकर बैंक के पीछे की दीवार तोडकर स्ट्रांग रुम को तोड़ने का प्रयास किया गया था परन्तु थक जाने के कारण स्ट्रांग रुम तोड़ नही पाया और मैं सामान छोडकर वहां से चला गया। मैं कोटद्वार भी आता -जाता रहता हूं। मैंने कोटद्वार में फिर किसी बैंक में चोरी करने का प्लान बनाया जिसके लिये मैं 11सितम्बर 19 को नजीबाबाद से कोटद्वार आया और मैंने यहां पर जिला सहकारी बैंक शाखा कोटद्वार की भली- भांति रैकी की । 13सितम्बर 19 को पुनः रेकी करने के बाद 15 सितम्बर 19 की रात को मैैं कोटद्वार आया और इस बैंक में जाकर बिन्डो एसी के रास्ते से बैंक में घुस गया बैंक में अन्धेरा था। उस समय लगभग 11.30 बज रहे थे, मैने टार्च की रोशनी से सीसीटीवी के तार डीवीआर से काट दिये फिर मैने कटिंग मशीनों में ब्लैड/ बिट लगाकर दोनों अलमारियों के पीछे स्ट्रांग रुम की दीवार को काटने का प्रयास किया लेकिन दीवार बहुत मोटी होने के कारण नही कट पायी बहुत थकने और सुबह हो जाने के कारण मेरे द्वारा सारे उपकरण वहीं बैंक में छोडकर बैंक में रखी 02 बन्दूक एवं वही टेबल मे रखी 6-7 पासबुक को लेकर बाहर निकला और मैं बैंक से बिन्डो एसी के रास्ते से ही बाहर निकला और जिस रास्ते से आया था। उसी रास्ते से वापस सडक पर आया मैंने दोनों बन्दुकों को अपनी मोटरसाइकिल में साईड में बांध दिया उसके उपर मैंने बैग रखा और मै वापस कौडिया होते हुये नजीबाबाद की तरफ चल दिया ।मैने जाफराबाद चौकी के सामने कच्चे रास्ते पर जाकर दोनों बन्दूकों को लगभग 500 मीटर आगे चलकर झाडियों में फेंक दिया फिर मैं वापस अपने घर नजीबाबाद चला गया ।उसके बाद अगले दिन मैं वापस मोटरसााइकिल से उस स्थान पर आया जहा मैंने दोनों बन्दूके फेंकी थी मैंने बन्दूके देखी तो एक बन्दूक पुरानी व एक नयी थी। मैंने नयी बन्दूक को मौका देखकर मोटरसााइकिल पर लम्बी करकर बाध दी और कच्चे रास्ते होते हुये मै अपने घर नजीबाबाद आया और बन्दूक को मैने छुपा दी उस दिन मेरी पत्नी व मेरे दोनों बच्चे गांव गये हुये थे, फिर मैने मौका देखकर कटिंग मशीन से बन्दूक को तीन हिस्सों में काट दिया। आज मैं फिर से कोटद्वार आया था तथा यहां पर बैंकों की रैकी कर रहा था। तो मैने देखा लालबत्ती के पास केनरा बैंक हैंं। मैने इसमें चोरी करने का प्लान बनाया और फिर मैं वापस नजीबाबाद जा रहा था। मैने रास्ते में झाड़ी में फेंकी हुयी बन्दूक भी उठाकर उस मोटरसाइकिल में बांध ली।
काफी रुपये चोरी करता है।उस फिल्म से प्रभावित होकर मैने भी बैंक में चोरी करने का प्लान बनाया जिसके लिये यू टूब में मैंने दीवार एंव लॉकर स्ट्रांग रुम काटने के उपकरण खोजे व उपकरण किस तरह चलाये जाते हैं यह भी मैनं यू ट्यूब से सीखा। नजीबाबाद शहर से मैनें कटर मशीन, ग्राइंडर आदि उपकरण जाकर खरीदे। मैंने 10 अगस्त 19 को मंडावली स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा मण्डावली में बैंक की दीवार तोडने का प्रयास किया लेकिन किसी आवाज आने के कारण में वहां से भाग गया। तथा फिर 5/6 सितम्बर की रात्रि में मैने दुबारा इसी बैंक में सारे उपकरण लेकर बैंक के पीछे की दीवार तोडकर स्ट्रांग रुम को तोड़ने का प्रयास किया गया था परन्तु थक जाने के कारण स्ट्रांग रुम तोड़ नही पाया और मैं सामान छोडकर वहां से चला गया। मैं कोटद्वार भी आता -जाता रहता हूं। मैंने कोटद्वार में फिर किसी बैंक में चोरी करने का प्लान बनाया जिसके लिये मैं 11सितम्बर 19 को नजीबाबाद से कोटद्वार आया और मैंने यहां पर जिला सहकारी बैंक शाखा कोटद्वार की भली- भांति रैकी की । 13सितम्बर 19 को पुनः रेकी करने के बाद 15 सितम्बर 19 की रात को मैैं कोटद्वार आया और इस बैंक में जाकर बिन्डो एसी के रास्ते से बैंक में घुस गया बैंक में अन्धेरा था। उस समय लगभग 11.30 बज रहे थे, मैने टार्च की रोशनी से सीसीटीवी के तार डीवीआर से काट दिये फिर मैने कटिंग मशीनों में ब्लैड/ बिट लगाकर दोनों अलमारियों के पीछे स्ट्रांग रुम की दीवार को काटने का प्रयास किया लेकिन दीवार बहुत मोटी होने के कारण नही कट पायी बहुत थकने और सुबह हो जाने के कारण मेरे द्वारा सारे उपकरण वहीं बैंक में छोडकर बैंक में रखी 02 बन्दूक एवं वही टेबल मे रखी 6-7 पासबुक को लेकर बाहर निकला और मैं बैंक से बिन्डो एसी के रास्ते से ही बाहर निकला और जिस रास्ते से आया था। उसी रास्ते से वापस सडक पर आया मैंने दोनों बन्दुकों को अपनी मोटरसाइकिल में साईड में बांध दिया उसके उपर मैंने बैग रखा और मै वापस कौडिया होते हुये नजीबाबाद की तरफ चल दिया ।मैने जाफराबाद चौकी के सामने कच्चे रास्ते पर जाकर दोनों बन्दूकों को लगभग 500 मीटर आगे चलकर झाडियों में फेंक दिया फिर मैं वापस अपने घर नजीबाबाद चला गया ।उसके बाद अगले दिन मैं वापस मोटरसााइकिल से उस स्थान पर आया जहा मैंने दोनों बन्दूके फेंकी थी मैंने बन्दूके देखी तो एक बन्दूक पुरानी व एक नयी थी। मैंने नयी बन्दूक को मौका देखकर मोटरसााइकिल पर लम्बी करकर बाध दी और कच्चे रास्ते होते हुये मै अपने घर नजीबाबाद आया और बन्दूक को मैने छुपा दी उस दिन मेरी पत्नी व मेरे दोनों बच्चे गांव गये हुये थे, फिर मैने मौका देखकर कटिंग मशीन से बन्दूक को तीन हिस्सों में काट दिया। आज मैं फिर से कोटद्वार आया था तथा यहां पर बैंकों की रैकी कर रहा था। तो मैने देखा लालबत्ती के पास केनरा बैंक हैंं। मैने इसमें चोरी करने का प्लान बनाया और फिर मैं वापस नजीबाबाद जा रहा था। मैने रास्ते में झाड़ी में फेंकी हुयी बन्दूक भी उठाकर उस मोटरसाइकिल में बांध ली।
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