शक के चलते पति ने करवाई पत्नी की हत्या

देहरादून–अभियुक्त दीपक शर्मा द्वारा बताया गया कि अशोक उर्फ कपिल उसका बचपन का दोस्त था। इन दोनो ने सरधना में साथ में पढाई की थी। वर्ष: 2008-09 में अशोक चकराता रोड स्थित एक पीसीओ और डीजे में एक रजनी (काल्पनिक नाम) नाम की युवती के साथ कार्य करता था, जिसके साथ उसके घनिष्ठ सम्बन्ध थे। कामना का विवाह पूर्व में रजनी के भाई सनी के साथ तय हुआ था। कामना व अशोक उर्फ कपिल की पहचान रजनी के माध्यम से हुई।  धीरे-धीरे उन दोनो के मध्य नजदीकियां बढने लगी, जिस कारण कामना ने सनी के साथ विवाह करने से इन्कार कर दिया। इसके पश्चात अशोक व कामना साथ रहने लगे। परन्तु कुछ समय बाद अशोक, कामना से शादी करने मे आनाकानी करने लगा,  परन्तु कामना की जिद के कारण अशोक ने पहले उसके साथ कोर्ट मैरिज की तथा उसके बाद वर्ष 2014 में दोनो परिवारों की सहमति से विवाह कर लिया। विवाह के बाद कामना द्वारा माता मन्दिर रोड पर घर लेकर अपना बुटिक प्रारम्भ किया गया तथा अशोक भी अपने परिजनों को छोडकर उसके साथ रहने लगा। अशोक बेहद लालची किस्म का व्यक्ति था तथा कामना के चरित्र को लेकर उस पर शक करता था। जिस कारण दोनो के मध्य अक्सर मनमुटाव व विवाद रहता था।  जिसकी पुष्टि अशोक व कामना के पारिवारिक मित्रों से पूछताछ के दौरान भी हुई। अशोक व कामना ने अपने कारोबार के लिये कई बैंको से लोन तथा मार्केट में कई लोगो से लगभग 60 से 70 लाख रूपये उधार लिया था।
आपसी मनमुटाव के कारण अशोक पर उधार का बोझ बढता गया तथा वह आर्थिक रूप से परेशान रहने लगा। इस बीच कामना की आयुष नाम के एक व्यक्ति जो फाइनेंसर का काम करता था। उसके साथ जान पहचान हो गयी।  आयुष के साथ नजदीकियां बढने से उसका अक्सर कामना के घर आना जाना हो गया तथा उन दोनो के बीच फोन के माध्यम से भी काफी बातचीत होने लगी। जिससे अशोक के अन्दर वैमनस्य की भावना पैदा हो गयी तथा उनके मध्य विवाद और गहरा हो गया। इस सम्बन्ध में अशोक द्वारा अपने बचपन के दोस्त दीपक शर्मा को वर्ष: 2018 में कामना व आयुष के रिश्ते की जानकारी देते हुए बताया कि वह कामना के चरित्र को लेकर काफी परेशान है तथा आर्थिक रूप से भी काफी कर्जे में डूब चुका है। जिस कारण उसने दीपक शर्मा के साथ मिलकर कामना को रास्ते से हटाने का फैसला किया। अशोक का मानना था कि कामना को रास्ते से हटाने से उसे उससे छुटकारा मिल जायेगा तथा कामना के नाम पर बैंक व बाजार से लिया गया पैसा भी उसे मिल जायेगा। इसके लिये अशोक ने दीपक शर्मा को अपने बुआ के देवर के पुत्र रिंकु उर्फ अजय वर्मा के सम्बन्ध में बताया तथा योजना बनाई कि रिंकू उर्फ अजय वर्मा एक आपराधिक व आवारा किस्म का व्यक्ति हैं।जिसे उसके परिजनों द्वारा बेदखल किया गया है। वह पूर्व में भी थाना डालनवाला में हत्या के अभियोग में जेल जा चुका है। यदि हम पहले उसकी हत्या कर दें तथा उसके पश्चात कामना की हत्या कर इल्जाम रिंकू उर्फ अजय वर्मा पर लगा दें तो इस सम्बन्ध में किसी को कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पायेगी,  क्योंकि रिंकू को कोई पूछने वाला नहीं हैं। तथा कामना की हत्या कर उसका नाम आसानी से लिया जा सकता है। इस योजना के तहत दीपक ने अशोक को मेरठ ले जाकर अपने छोटे भाई गौरव व गौरव के दोस्त परवेज उर्फ बसरू से मिलवाया। दोनो की हत्या के लिये फिरौती की रकम 02 लाख रू0 तय हुई,  जिसमें से 01 लाख रूपये उन्हें रिंकू की हत्या करने पर तथा शेष 01 लाख रूपये कामना की हत्या करने के बाद मिलना तय हुआ। योजना के तहत 03-नवम्बर-2018 को अशोक के जन्मदिन पर दीपक, गौरव व उसका दोस्त परवेज देहरादून पहुंचे तथा देहरादून में होटल आनन्दा में रूके।  अशोक ने अपने जन्मदिन के बहाने रिंकु उर्फ अजय वर्मा को अपने दोस्त के सहस्त्रधारा स्थित घर पर बुलाया तथा रिंकू को राजस्थान में नौकरी दिलाने की बात कहकर दीपक, गौरव व परवेज के साथ राजस्थान भेज दिया। राजस्थान जाने के लिये गाडी अशोक द्वारा बुक की गयी थी। 04-नवम्बर-2018 को सरधना मेरठ पहुंचने पर दीपक वहीं रूक गया तथा गौरव व परवेज रिंकु उर्फ अजय वर्मा को लेकर राजस्थान चले गये। राजस्थान पहुंचने पर परवेज द्वारा रिंकू को शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया तथा उसके बाद गला घोटकर उसकी हत्या कर दी  तथा उसके शव को राजस्थान में चुरू नामक स्थान पर मुख्य हाइवे से एक किलोमीटर अन्दर फेंककर वापस आ गये। रिंकू की हत्या करने के पश्चात् अशोक ने गौरव व परवेज के माध्यम से कई बार कामना को रास्ते से हटाने का प्रयास किया परन्तु परवेज द्वारा हत्या से इन्कार करने पर वह इसमें कामयाब नहीं हो सका। परवेज को डर था कि देहरादून में कामना की हत्या करना सुरक्षित नहीं है तथा इससे उनके द्वारा पूर्व में की गयी रिंकू की हत्या से भी पर्दा उठ सकता है। परवेज द्वारा इन्कार करने के उपरान्त गौरव ने अशोक से सम्पर्क किया तथा बताया कि नवम्बर में उसका विवाह होना हैं। जिसके लिये उसे पैसों की आवश्यकता है और वह अकेले ही कामना की हत्या कर सकता है। योजना के तहत गौरव ने अपने साथी से अशोक को घटना में प्रयुक्त पिस्टल दिलवायी तथा  28-अगस्त-19 को देहरादून पहुंच गया एवं उस दिन अशोक उर्फ कपिल के घर पर ही रूका। रात को कामना की हत्या करने का प्लान था, लेकिन उसी दिन उसके घर पर कामना के परिचित लोगों के आने के कारण उस दिन हत्या नहीं कर पाये एंव अगले दिन 29- अगस्त-2019 को रात्रि के समय जब कामना अपने बैड पर लेटी हुई थी तो कपिल के कहने पर गौरव के द्वारा कामना के सिर पर गोली मारकर कामना की हत्या करने के उपरान्त अशोक के कहने पर उसके पेट में बांयी साइड से गोली मार दी तथा अशोक द्वारा दी गयी डीवीआर व पिस्टल को लेकर जाने लगा पर अशोक द्वारा उसे पुलिस चैंकिग मे पिस्टल पकडे जाने के डर से उक्त पिस्टल को अपने पास ही रख लिया तथा घटना स्थल के डीवीआर के साथ गौरव को अपनी टाटा विस्टा कार के साथ मेरठ रवाना किया गया। मृतक रिंकू के शव के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने हेतु थाना नेहरू कालोनी से एक टीम को राजस्थान रवाना किया गया है।


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