फिल्म 'द किड' को देखकर बच्चे भावुक हुए

देहरादून-  कैम्ब्रियन हॉल स्कूल छात्रों के लिए चार्ली चैपलिन की फ़िल्म 'द किड' दिखायी गयी। फिल्म दिखाने का मकसद छात्रों में मानवीय पहलू को सही ढंग से प्रस्तुत करने के लिए यह फिल्म दिखाई गई  इस फिल्म से बच्चों को मनोरंजन के साथ ही सीखने को भी मिला कि किस प्रकार से  किसी अनाथ बच्चे की मदद की जा सकती हैं। यह फिल्म 1921 में आयी एक अमेरिकन मूक(साइलेण्ट) कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म के लेखक, निर्देशक, प्रोड्यूसर चार्ली चैप्लिन हैं। फिल्म की कहानी शुरू होती है एक अस्पताल से। इस अस्पताल से एक महिला अपने नये जन्में शिशु के साथ छूटती है। उस बच्चे का सम्भावित पिता एक बड़ा कलाकार है। लेकिन वह उस बच्चे को नहीं रख सकती। वह बच्चे को एक मँहगी गाड़ी की पिछली सीट पर एक पत्र के साथ छोड़ देती है,
जिसमें लिखा होता है कि बच्चे को पाने वाले उसका ख़याल रखें और उससे प्यार करें, लेकिन वह कार चोरी हो जाती है, और दो चोर उस बच्चे को पाते हैं। वह उस बच्चे को सड़क किनारे एक कूड़े के ढेर पर छोड़ देते हैं और यहीं उस बच्चे की मुलाकात ट्रैम्प (चार्ली चैप्लिन) से होती है। और यहीं से शुरू होती है चार्ली चैप्लिन और उस बच्चे की दिलचस्‍‍‍प कहानी।फिल्म में मानवीय पहलुओं को बहुत ही सशक्त ढंग से उजागर किया गया है। फिल्म बच्चों को बेहद पसंद आयी और उन्हें अंत तक उन्हें बाँधे रखती है। फिल्म 'द किड' के कई दृश्यों को देखकर बच्चे बेहद भावुक भी हुए। टीचर्स ने भी बहुत ही उत्साह के साथ देखा, सराहा और कहा कि  इस तरह के फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा स्कूलों के बच्चों तक पहुँचाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों को नियमित बनाने की ज़रूरत है हमारा इसमें पूरा सहयोग रहेगा।

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