भजन गायक अनूप जलोटा विश्व ग्लोब का जलाभिषेक
प्रयागराज-परमार्थ निकेतन शिविर अरैल क्षेत्र, सेक्टर 18 में देश की सम्भ्रांत हस्तियों ने एकत्र होकर स्वामी प्रज्ञाननन्द के जीवन, सत्संग, सान्निध्य और संस्मरण पर आधारित दिनेश सहारा द्वारा रचित पुस्तक ’’सिम्पलिसिटी एण्ड विसडम’’ का विमोचन किया। दिनेश शाहरा ने छः वर्षो के अथक प्रयासों के पश्चात इस सुन्दर कृति की रचना की। विमोचन अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी , स्वामी चिदानन्द सरस्वती , अनुराग शास्त्री , अनूप जलोटा , निर्वतमान न्यायमूर्ति एवं कुलाधिपति बनारस विश्व विद्यालय गिरिधर मालवीय, निर्वतमान न्यायमूर्ति अरूण टण्डन , जस्टिस उमेश सिरोही, साध्वी भगवती सरस्वती , मोहन , उत्तराखण्ड न्यायमूर्ति राजेश तिवारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संवत, मेला एसडीएम सेक्टर 18 आलोक कुमार गुप्ता सहित कई गणमान्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्तियों ने सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि स्वामी प्रज्ञाननन्द वास्तव में एक ऐेसे फकीर थे जो दिल से अमीर थे। सादगी, सरलता और सात्विकता के प्रतीक थे। उनका जीवन भारतीय संस्कृति का जीता जागता उदाहरण था। वे आचार, विचार और व्यवहार से पूर्ण संत थे, दिनेश शाहरा द्वारा रचित ’’सिम्पलिसिटी एण्ड विसडम’’ के उद्घाटन अवसर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि ’’आप जो दुनिया से अपेक्षा करते हो वह दुनिया को देना सीखें, यही भारतीय संस्कृति है। साथ ही अपनी योग्यता को बढ़ाओ तो सफलता सदा आपके कदम चूमेगी। उन्होने कहा कि सरलता से जीवन को सुखमय बनाना, प्रकृति को आत्मसात कर जीवन जीना ही, सच्ची जीवन पद्धति है। सभी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में विश्व शान्ति यज्ञ में आहूतियां समर्पित कर विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि स्वामी प्रज्ञाननन्द वास्तव में एक ऐेसे फकीर थे जो दिल से अमीर थे। सादगी, सरलता और सात्विकता के प्रतीक थे। उनका जीवन भारतीय संस्कृति का जीता जागता उदाहरण था। वे आचार, विचार और व्यवहार से पूर्ण संत थे, दिनेश शाहरा द्वारा रचित ’’सिम्पलिसिटी एण्ड विसडम’’ के उद्घाटन अवसर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि ’’आप जो दुनिया से अपेक्षा करते हो वह दुनिया को देना सीखें, यही भारतीय संस्कृति है। साथ ही अपनी योग्यता को बढ़ाओ तो सफलता सदा आपके कदम चूमेगी। उन्होने कहा कि सरलता से जीवन को सुखमय बनाना, प्रकृति को आत्मसात कर जीवन जीना ही, सच्ची जीवन पद्धति है। सभी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में विश्व शान्ति यज्ञ में आहूतियां समर्पित कर विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
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