अंतर्राज्यीय ATM क्लोनिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
देहरादून– थाना नेहरू कालोनी पर नरेन्द्र राणा, शाखा प्रबन्धक इण्डियन ओवरसीज बैंक नत्थनपुर, जोगीवाला द्वारा सूचना अंकित कराई कि 08/09.12.2018 की रात्रि को 02 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनके ए0टी0एम0 मशीन मे स्कीमर, कैमरा लगाया गया व उक्त स्कीमर के माध्यम से 65 लोगो के ए0टी0एम0 क्लोन बनाये गये तथा 10 से 15 तरीख तक उनके खातो से रूपये निकाले जा रहे है। उक्त सूचना के आधार पर तत्काल अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये थाना नेहरू कालोनी पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध मु0अ0सं0 326/18 धारा 379/420 भादवि व 66 आई0टी0 एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर प्रभारी निरीक्षक नेहरू कालोनी को घटना के सफल अनावरण हेतु महत्वपूर्ण दिशा निर्देश देकर सी0सी0टी0वी0 कैमरों को चैक करने, खाता धारकों की बैंक डिटेल व पूर्व में गिरफ्तार ए0टी0एम0 क्लोनिंग वालों से पूछताछ करने हेतु टीम रवाना किया गया।
के आदेशानुसार जिन खाताधारकों के ए0टी0एम0 क्लोन हुये है, उनकी बैंक डिटेल प्राप्त कर विभिन्न बैंकों के ए0टी0एम0 मशीनों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई व जिन जिन ए0टी0एम0 मशीन पर अभियुक्तों द्वारा क्लोन ए0टी0एम0 कार्डों का प्रयोग किया गया है उन ए0टी0एम मशीनों पर लगे इंटरनल व आउटर कैमरों की फुटेज प्राप्त की गई।पुलिस टीम द्वारा जनपद देहरादून के लगभग 100 से 120 ए0टी0एम0 कैमरो की सी0सी0टी0वी0 फुटेज चैक करने के उपरान्त एक संदिग्ध आई-10 कार लाल रंग की दिखाई दी थी। परन्तु उक्त कार के नम्बर को भी अभियुक्तों द्वारा शातिराने तरीके से छिपाया हुआ था। क्षेत्राधिकारी डालनवाला द्वारा उक्त लाल रंग की संदिग्ध कार की तलाश हेतु सी0सी0टी0वी0 फुटेज के माध्यम से टीमों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश रवाना किया गया। अभियुक्तों द्वारा क्लोन ए0टी0एम0 कार्ड का प्रयोग विभिन्न ए0टी0एम0 में किया गया था, जिस कारण जी0एम0एस0 रोड के आन्ध्रा बैंक के ए0टी0एम0 पर आई-10 कार लाल रंग के कुछ नम्बर प्रदर्शित हुये। उक्त नम्बर को विभिन्न साईटिफिक टूल के माध्यम से नम्बर को साफ करने का प्रयास किया गया। साईटिफिक टूल के माध्यम से जो भी नम्बर प्राप्त हुये उनका सत्यापन अलग अलग राज्यों में जाकर किया गया तो पाया कि एक लाल रंग की आई-10 कार देहरादून के नम्बर की है, उक्त कार के सम्बन्ध में
जानकारी की गई तो उस कार का मालिक सोमेश कक्कड, निवासी मोहित नगर जी0एम0एस0 रोड होना पाया गया। चुंकि क्लोन ए0टी0एम0 से निकासी अधिक संख्या में जी0एम0एस0 रोड वाले क्षेत्र से हुई है इसलिये इस कार का घटना में प्रयोग होने की संभावना अधिक थी। पुलिस टीम द्वारा उक्त कार मालिक के घर पर जाकर पूछताछ करने के प्रयास किये गये तो पता चला कि सोमेश कक्कड़ किराये के मकान पर रहता था व 02-03 दिन पहले ही अपने परिवार के साथ कही चले सी0सी0टी0वी0 से प्राप्त फुटेज के माध्यम से आस पास के लोगों ने अभियुक्त की शिनाख्त की गई। सोमेश कक्कड के मकान मालिक पी0के0 मैनी जो पूणे में रहते है, से पूछताछ कर पता चला कि वह अपने परिवार के साथ पिछले 03 साल से देहरादून में उनके घर पर किराये पर रह रहा है। पी0के0 मैनी से सोमेश के मूल पते की जानकारी की गई तो ज्ञात हुआ कि वह आगरा का रहने वाला है। पुलिस टीम द्वारा गोपनीय रूप से आगरा जाकर पता किया तो ज्ञात हुआ कि वह पहले भी जयपुर से ए0टी0एम0 क्लोनिंग के मामले मे जेल गया था। यह भी ज्ञात हुआ कि इस दौरान उसका मित्र अजय त्यागी पुत्र अमर सिंह निवासी डिफेंन्स कालोनी आगरा भी सोमेश के पास देहरादून गया था। ए0टी0एम0 से प्राप्त फुटेज मे दूसरे अभियुक्त की पहचान स्थानीय लोगो द्वारा अजय त्यागी के रूप में की गई। ATM क्लोनिंग करने वाले गिरोह मय कम्प्यूटर उपकरण, स्कीमर, सी0सी0टी0वी0 कैमरा, वायरलैस रिसीवर एवं क्लोनिंग ए0टी0एम0 कार्ड व नगदी के साथ दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तार हुई।
के आदेशानुसार जिन खाताधारकों के ए0टी0एम0 क्लोन हुये है, उनकी बैंक डिटेल प्राप्त कर विभिन्न बैंकों के ए0टी0एम0 मशीनों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई व जिन जिन ए0टी0एम0 मशीन पर अभियुक्तों द्वारा क्लोन ए0टी0एम0 कार्डों का प्रयोग किया गया है उन ए0टी0एम मशीनों पर लगे इंटरनल व आउटर कैमरों की फुटेज प्राप्त की गई।पुलिस टीम द्वारा जनपद देहरादून के लगभग 100 से 120 ए0टी0एम0 कैमरो की सी0सी0टी0वी0 फुटेज चैक करने के उपरान्त एक संदिग्ध आई-10 कार लाल रंग की दिखाई दी थी। परन्तु उक्त कार के नम्बर को भी अभियुक्तों द्वारा शातिराने तरीके से छिपाया हुआ था। क्षेत्राधिकारी डालनवाला द्वारा उक्त लाल रंग की संदिग्ध कार की तलाश हेतु सी0सी0टी0वी0 फुटेज के माध्यम से टीमों को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश रवाना किया गया। अभियुक्तों द्वारा क्लोन ए0टी0एम0 कार्ड का प्रयोग विभिन्न ए0टी0एम0 में किया गया था, जिस कारण जी0एम0एस0 रोड के आन्ध्रा बैंक के ए0टी0एम0 पर आई-10 कार लाल रंग के कुछ नम्बर प्रदर्शित हुये। उक्त नम्बर को विभिन्न साईटिफिक टूल के माध्यम से नम्बर को साफ करने का प्रयास किया गया। साईटिफिक टूल के माध्यम से जो भी नम्बर प्राप्त हुये उनका सत्यापन अलग अलग राज्यों में जाकर किया गया तो पाया कि एक लाल रंग की आई-10 कार देहरादून के नम्बर की है, उक्त कार के सम्बन्ध में
जानकारी की गई तो उस कार का मालिक सोमेश कक्कड, निवासी मोहित नगर जी0एम0एस0 रोड होना पाया गया। चुंकि क्लोन ए0टी0एम0 से निकासी अधिक संख्या में जी0एम0एस0 रोड वाले क्षेत्र से हुई है इसलिये इस कार का घटना में प्रयोग होने की संभावना अधिक थी। पुलिस टीम द्वारा उक्त कार मालिक के घर पर जाकर पूछताछ करने के प्रयास किये गये तो पता चला कि सोमेश कक्कड़ किराये के मकान पर रहता था व 02-03 दिन पहले ही अपने परिवार के साथ कही चले सी0सी0टी0वी0 से प्राप्त फुटेज के माध्यम से आस पास के लोगों ने अभियुक्त की शिनाख्त की गई। सोमेश कक्कड के मकान मालिक पी0के0 मैनी जो पूणे में रहते है, से पूछताछ कर पता चला कि वह अपने परिवार के साथ पिछले 03 साल से देहरादून में उनके घर पर किराये पर रह रहा है। पी0के0 मैनी से सोमेश के मूल पते की जानकारी की गई तो ज्ञात हुआ कि वह आगरा का रहने वाला है। पुलिस टीम द्वारा गोपनीय रूप से आगरा जाकर पता किया तो ज्ञात हुआ कि वह पहले भी जयपुर से ए0टी0एम0 क्लोनिंग के मामले मे जेल गया था। यह भी ज्ञात हुआ कि इस दौरान उसका मित्र अजय त्यागी पुत्र अमर सिंह निवासी डिफेंन्स कालोनी आगरा भी सोमेश के पास देहरादून गया था। ए0टी0एम0 से प्राप्त फुटेज मे दूसरे अभियुक्त की पहचान स्थानीय लोगो द्वारा अजय त्यागी के रूप में की गई। ATM क्लोनिंग करने वाले गिरोह मय कम्प्यूटर उपकरण, स्कीमर, सी0सी0टी0वी0 कैमरा, वायरलैस रिसीवर एवं क्लोनिंग ए0टी0एम0 कार्ड व नगदी के साथ दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तार हुई।
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